मेरे पड़ोसी की बीवी और साली-5
किसी तरह से सुपाड़ा बुर के अन्दर चला गया, पूजा पसीने से लथपथ हो गई पर वादे के मुताबिक आवाज नहीं निकाली, आँख से आँसू छ्लक गये।
यह सच्ची कहानी तब की है जब मैं कानपुर में रहता था, मैं कानपुर में एक कम्पनी में इन्जीनियर था। मैं 29 वर्ष का एक गोरा छः फ़ीट का हृष्ट पुष्ट जवान हूँ। शहर में ही एक कमरा किराये पर लेकर रहता था। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, उसमें सिर्फ तीन लोग थे मिस्टर चौधरी, उनकी पत्नी रेणुका और रेणुका की एक बहन!
चौधरी जी एक कम्पनी में सेल्समैन थे। अक्सर कम्पनी के काम से उन्हें बाहर जाना पड़ता था, उनके कोई औलाद नहीं थी जबकि शादी को 4 साल हो गए थे। उस समय चौधरी 29 साल, रेणुका 23 साल, उनकी साली पूजा 18 की थी, चौधरी जी थोड़ा सा साँवले थे किन्तु रेणुका एवं उनकी बहन बहुत सुन्दर थीं, मानों सफेद बर्फ।
चूंकि बगल में रहने के नाते हमारे संबंध अच्छे थे, कभी-कभी उनकी साली को मैथस् भी पढ़ाने के लिए मुझे उनके घर जाना पड़ता था।
किसी तरह से सुपाड़ा बुर के अन्दर चला गया, पूजा पसीने से लथपथ हो गई पर वादे के मुताबिक आवाज नहीं निकाली, आँख से आँसू छ्लक गये।
असल में शीघ्र पतन कोई खास बिमारी होती ही नहीं है बस मन का भ्रम होता है। एक व्यक्ति पूरा जोश में आने के बाद ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट ही सेक्स कर सकता है.
उनकी नाइटी उतार फेंकी और अब ब्रा पर जुट गया ब्रा से मुक्त होते ही चुचियाँ यूं बाहर निकलीं जैसे कोई चिड़िया एकाएक पिंजड़े से आजाद हो गई हो!
फिर वो धीरे धीरे अपने हाथ को मेरी चूची के ऊपर से शरीर पर नचाते हुए बुर के हल्के रोंए से बुर तक ले जाते और एक अंगुली धीरे से बुर के छोटे से छेद में सरका देते।
मेरी बहन ने जैसे ही इनका लण्ड देखा चुप हो गई तभी इनका एक या दो बूंद वीर्य टपक कर हमारी बहन के गाल पर गिर गया। मैं उसके गाल से साफ करने लगी।