मेरा गुप्त जीवन -50
रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी। तय हुआ कि परची निकाल कर एक को मैं चोदूँगा, बाक़ी आपस में लेस्बीयन सेक्स करेंगी.
यह कहानी नहीं अपनी आपबीती है।
मेरी उम्र काफी हो गई है लेकिन फिर भी वे पुरानी यादें अभी भी वैसे ही ताज़ा हैं और मेरे ज़हन में वैसे ही हैं जैसे कि कल की बात हो।
मैं उत्तर प्रदेश के एक गाँव में एक बड़े जमींदार के घर में अपने माता-पिता की एकलौती औलाद हूँ और बड़े ही नाज़ों से पाला गया हूँ।
एक बहुत बड़ी हवेली में हमारे घर में 3-4 जवान नौकरानियाँ सिर्फ मेरे काम के लिए हुआ करती थी। मैं जीवन की शुरुआत से ही औरतों की प्रति बहुत आकर्षित था। मेरा सारा जीवन केवल औरतों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने में बीत गया।
आप मेरी जीवन कथा में देखेंगे कि मैं अल्पायु में ही काम वासना में लीन हो गया था!
रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी। तय हुआ कि परची निकाल कर एक को मैं चोदूँगा, बाक़ी आपस में लेस्बीयन सेक्स करेंगी.
कम्मो बोली- चारों को एक एक बार चोद डालो रात में… फिर उन चारों को आपस में भिड़ा दो यानि लड़की लड़की संग संग करवा दो, इस तरह उनकी कामवासना ठंडी हो जायेगी।
मैरी-निम्मी को चोद कर अपने कमरे में आ रहा था कि मुझे एक कमरे में खींच लिया गया. अंदर दो लड़कियां थी जो मुझसे चुदना चाहती थी, उन्होंने बस में हमें देख लिया था
होटल में सबके सोने के बाद मैं निम्मी और मैरी के कमरे में चला गया। निम्मी सो रही थी, मैरी ने मुझे पकड़ लिया और चूमाचाटी के बाद मैं उसे चोदने लगा।
नैनीताल के सफ़र में मेरे दोनों तरफ दो लड़कियाँ बैठी. थोड़ी देर में एक ने अपनी चुन्नी मेरे ऊपर डाली और मेरा लंड ढूंढने लगी. मैं भी उसकी जांघ सहलाने लगा.
एक रात कम्मो ने पूछा- मालिक, आपका दिल नहीं करता गाण्ड चोदने का?
मैं बोला- गांड चोदने के बारे में सोचा नहीं, क्यों तुम्हारा दिल है गांड मरवाने का?
तो फिर...
छवि और सोनाली दोनों चुपचाप मेरे कमरे में आई और आते ही मुझसे लिपट गई, दोनों बारी बारी से मुझको किस और आलिंगन करने में लगी रही, छवि ने मेरे लंड पर कब्ज़ा जमाया हुआ था और सोनू मुझको चूमने में लगी थी।
अगले दिन शाम को चार लड़कियाँ मेरे घर आई। खाना खाकर सभी नाचने लगे तो एक लड़की मुझे कोने मे।म ले गई तो मैंने उसे चूम लिया क्योन्कि उस पर मेरा दिल आ गया था।
कई लोगों ने सोमू के लंड के बारे में कई शंका की है कि कोई भी लंड का हर वक्त खड़ा नहीं रह सकता और इतनी देर तक चुदाई नहीं कर सकता। यह एक रोग है PRIAPISM
परी के साथ जस्सी अपनी कुंवारी चूत चुदवाने आई तो पहले मैंने परी को चोदा और जस्सी ने ध्यान से देखा. परी के बाद मैंने बड़े प्यार से जस्सी की अनचुदी चूत खोली.
परी पहली बार चुदाने को बेताब हो रही थी, मैं भी पहली बार कुंवारी चूत को चोदने जा रहा था. मैंने परी की चूत को दोनों हाथों से खोल कर अच्छे से देखा. एकदम गुलाबी
अगले दिन मैंने गीति से बात करके परी को लंच पर बुलाया और फिर खेल खेल में तीनों से चूमाचाटी की. परी को चोदने की इच्छा थी मेरी, वो भी चाह रही थी पर शायद वो डर रही थी.
एक दिन गीति और विनी मुझे सिनेमा ले गई. वहां उनकी दो सहेलियां मिल गई, हम सब साथ बैठे. मेरी साथ परिणीता बैठी. कुछ देर बाद मुझे मेरी जान्घ पर कुछ महसूस हुआ.
एक दिन मम्मी पापा आये, मुझसे राय कर अपने एक दोस्त की दो बेटियों को कोठी में रहने के लिये छोड़ गये। उनको अलग कमरा दिया था। एक रात मैं कम्मो को चोद रहा था कि…
चंचल को गर्भवती बनाने की कोशिश चंचल दो रात हमारे साथ रही और फिर उसका पति लौट आया तो वो वापस चली गई। इन दो रातों को मैंने चंचल को और कम्मो को कई बार चोदा।
कम्मो ने सहेली चंचल का नाम लिया तो मैंने उसे बुलवा लिया और रात को चारों मिला कर चुदाई करने की सोच रहे थे कि पारो को मासिक हो गया, कम्मो ने चंचल को चुदवाया
कम्मो जब मेरे जीवन में आई थी, उस समय मैं केवल गाँव का एक भोला भाला लड़का ही था, यह तो कम्मो ही है जिसने मुझ में छिपी हुई अपार यौन शक्ति को पहचाना और उस शक्ति को एक दिशा दी।
चाची और उषा के जाने के बाद मैं पारो और कम्मो के साथ कमरे में था, पारो से उसकी पहली चुदाई सुनाने को कहा तो उसने बताया कि उसका पति से पहली रात कुछ नहीं हुआ था
रात को चाची और उषा को चोदा, सुबह जागा तो चाची लंड से खेल रही थी. दोनों माँ बेटी चुदी. रात को दोनों फिर आ गई और नाच नाच कर कपड़े उतार के चाची ने गांड मरवाई
एक दिन चाचा का परिवार हमारे घर आया तो रात को मैं अकेला सोया हुआ था. तभी लगा कि मेरे बिस्तर पर कोई औरत है, सोचा कि कम्मो या पारो होगी. लेकिन वो चाची थी.