मेरा गुप्त जीवन -70
मेरे खड़े लंड को झुक कर भाभी ने प्रणाम किया और कहा- हे लंडम, जी मुझको एक पुत्र प्रदान करो! मैंने भी एक हाथ ऊँचा कर के कहा- तथास्तु… पुत्रवती भव!!!
यह कहानी नहीं अपनी आपबीती है।
मेरी उम्र काफी हो गई है लेकिन फिर भी वे पुरानी यादें अभी भी वैसे ही ताज़ा हैं और मेरे ज़हन में वैसे ही हैं जैसे कि कल की बात हो।
मैं उत्तर प्रदेश के एक गाँव में एक बड़े जमींदार के घर में अपने माता-पिता की एकलौती औलाद हूँ और बड़े ही नाज़ों से पाला गया हूँ।
एक बहुत बड़ी हवेली में हमारे घर में 3-4 जवान नौकरानियाँ सिर्फ मेरे काम के लिए हुआ करती थी। मैं जीवन की शुरुआत से ही औरतों की प्रति बहुत आकर्षित था। मेरा सारा जीवन केवल औरतों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने में बीत गया।
आप मेरी जीवन कथा में देखेंगे कि मैं अल्पायु में ही काम वासना में लीन हो गया था!
मेरे खड़े लंड को झुक कर भाभी ने प्रणाम किया और कहा- हे लंडम, जी मुझको एक पुत्र प्रदान करो! मैंने भी एक हाथ ऊँचा कर के कहा- तथास्तु… पुत्रवती भव!!!
भाभी मेरे वीर्य से गर्भ धारण करना चाहती थी, कम्मो भी इस काम में हमारी मदद कर रही थी। पहले मैंने कम्मो को चोदा, फ़िर रात को भाभी को अपना वीर्यदान करने को चोदा।
कम्मो बोली- वो ऐसे कि यह डिश ख़ास तौर से आदमियों के लिए बनाई जाती है और यह बड़े बड़े नवाबों की ख़ास-उल-ख़ास डिश होती थी और इस हलवे को खाकर वो एक रात में दर्जनों औरतों को चोद देते थे।
भाभी मुझसे गर्भाधान चाहती थी पर भैया की मंजूरी जरूरी थी. हम सबने भैया को खुश करने के लिए पारो को चूत चुदाई के इस खेल में शामिल किया तो भैया भी पारो की चूत मारने को आतुर दिखे.
भाभी ने भैया की कमर पकड़ ली और उनको स्पीड तेज़ नहीं करने दी। इधर मैंने अपना तना हुआ लंड भाभी की नाइटी को ऊपर उठा कर पीछे से उसकी उभरी हुई चूत में डाल दिया और धीरे से धक्के मारने लगा।
भाभी ने आँखें खोली और मुझको देखा तो एकदम से खुश हो गई, उसने मेरे को अपनी नंगी छातियों से चिपका लिया और मेरा पायजामा भी खींच कर उतार दिया और कुरता भी उतार दिया। अब हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे को नहलाने लगे।
भाभी बोली- सोमू, अगर तुम तैयार हो तो तुम और कम्मो हम दोनों के सामने चुदाई करके दिखाओगे? और भैया को समझा दोगे कि चुदाई का सही तरीका क्या है?
भाभी ने मेरे खड़े लंड को अपनी सफाचट चूत में डाल रखा था और वो ऊपर चढ़ कर मुझको बड़े मज़े से चोद रही थी। धीरे धीरे वो ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे होटों को भी झुक कर चूस रही थी।
सुमी मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डाल कर हल्के हल्के ऊपर नीचे हो रही थी। सुमी एकदम नंगी थी और मैंने भी जब अपने को देखा तो मैं भी नंगा था। इधर उधर देखा तो कम्मो भी नंगी और साथ ही शांति भी पूरी नंगी थी।
कम्मो ने पड़ोस वाली आंटी और उनकी जवान नौकरानी की चूत चुदाई के बारे में बात की और उनको बुला लिया. कहानी के इस भाग में उन दोनों की चूत चुदाई का विवरण है.
प्रेमा और रानी दोनों ही गर्भवती हो चुकी थी तो वे दोनों आई और नंगी होकर मेरे लंड की पूजा की. उसके बाद कम्मो ने उन दोनों से मजाक में मेरा गुप्त विवाह करवाया.
विनी और गीति की दो सहेलियाँ मुझसे अपने इंजिन की सर्विस करवाने आई तो कम्मो के कहने पर मैंने पहले उन्हें लंड चुसवाया और फिर चूत चोद कर उनकी तसल्ली की !
मैंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी नंगी हो गई और झूठ मूठ के कीड़े को ढूंढने लगी। मैं जानबूझ कर अपनी चूत और मम्मे सेठ के मुंह के पास ले जा कर ढून्ढ रही थी कीड़ा।
पहले रानी की चूत चोद कर उसको वीर्य से भरा ताकि वो गर्भवती हो सके, उसके बाद कम्मो ने प्रेमा की चुदाई घोड़ी बन कर करवाई कि उसके गर्भ धारण में कमी पूरी हो सके!
वहाँ प्रेमा जी तो बैठी ही थी साथ में उनके एक और ख़ूबसूरती का मुजस्मा बैठा था गुलाबी रंग की साड़ी ब्लाउज और गुलाबी ही रंग चेहरे का! मन ही मन मैंने कहा- माशाल्लाह… क्या हुस्न है। चेहरे पर क्या चमक और दमक थी ब्यान नहीं की जा सकती।
प्रेमा आंटी को एक बार चोद कर मुझे मज़ा आया, दो दिन बाद वो फिर आई और उसको गर्भधारण कराने के लिए कम्मो ने अपने सामने उसकी चुदाई कराई! प्रेमा की प्यास बुझ गई थी
प्रेमा आंटी की चूत चुदाई कालेज से वापस आया तो बैठक में कम्मो के साथ एक औरत बैठी थी, मुझको देखकर कम्मो ने मेरा परिचय करवाया कि मैं सोमू ज़मींदार साहिब का बेटा और आजकल यहाँ कॉलेज में पढ़ रहा हूँ और आप हैं प्रेमा भाभी, हमारे पड़ोस वाले मोहल्ले में रहती हैं और मुझ […]
कम्मो बोली- वाह छोटे मालिक, आपको पता ही नहीं चलता कि रात को कौन कौन आप के लंड का इस्तेमाल करता है। मैं हैरान होकर बोला- किस किस ने किया मेरे लंड का इस्तेमाल सोने के बाद?
लखनऊ आने पर कम्मो और पारो ने मेरा स्वागत किया मेरा रुका वीर्य छुटवाया. सुबह ही गीति और विनी अपनी चूत चुदवाने की जिद करने लगी तो उन्हें कम्मो ने कहा कि रात को उनकी मुराद पूरी हो जाएगी !
मेरा लंड अभी भी वैसे ही खड़ा था क्योंकि ना वो कल छूटा था न वो आज अभी तक छूटा था। मैं नहीं चाहता था कि किसी लड़की के अंदर छूटा कर उसका जीवन मुसीबत में डालूँ इसलिए मैं अपने को रोक रखने की शक्ति का इस्तेमाल कर रहा था।