मेरा गुप्त जीवन- 110
उस रात पर्बती और निम्मो कम्मो के साथ आई और आते ही पर्बती ने मुझसे माफ़ी मांगी। उसके बाद मैंने बड़े प्यार से उसकी कसी चूत को चोद कर उसे पूरा मज़ा दिया.
यह कहानी नहीं अपनी आपबीती है।
मेरी उम्र काफी हो गई है लेकिन फिर भी वे पुरानी यादें अभी भी वैसे ही ताज़ा हैं और मेरे ज़हन में वैसे ही हैं जैसे कि कल की बात हो।
मैं उत्तर प्रदेश के एक गाँव में एक बड़े जमींदार के घर में अपने माता-पिता की एकलौती औलाद हूँ और बड़े ही नाज़ों से पाला गया हूँ।
एक बहुत बड़ी हवेली में हमारे घर में 3-4 जवान नौकरानियाँ सिर्फ मेरे काम के लिए हुआ करती थी। मैं जीवन की शुरुआत से ही औरतों की प्रति बहुत आकर्षित था। मेरा सारा जीवन केवल औरतों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने में बीत गया।
आप मेरी जीवन कथा में देखेंगे कि मैं अल्पायु में ही काम वासना में लीन हो गया था!
उस रात पर्बती और निम्मो कम्मो के साथ आई और आते ही पर्बती ने मुझसे माफ़ी मांगी। उसके बाद मैंने बड़े प्यार से उसकी कसी चूत को चोद कर उसे पूरा मज़ा दिया.
मैं घर की नई नौकरानी की चूत का स्वाद चखना चाहता था लेकिन उसने मुझे लड़का सा कह कर क्रोधित कर दिया। कम्मो और मेरी चुदाई देख कर उसकी चूत चुदाई के लिए तड़प गई।
कम्मो ने मेरे हाथ एक दुपट्टे से बाँध दिए और फिर मुझको नंगा करके खड़ा कर दिया और सबसे पहली टोली जिस में जूही भाभी और प्रेमा शामिल थी, ने मिल कर मुझको पीछे से पकड़ा और मुझ को खींचते हुए बेड पर ले गई।
सब लड़कियों और भाभियों का तो काम हो चुका है अब रह गई सिर्फ वो दो लड़कियाँ। अभी तक तो उनकी ओर से कोई इच्छा नहीं हाज़िर हुई !
तनु भाभी का सफल गर्भाधान करवाने के लिए कम्मो हम दोनों को लेकर कॉटेज गई और मैंने भाभी को घोड़ी बना कर जोरदार चुदाई करके उनके गर्भाशय में अपना बीज बो दिया.
नदी किनारे एक नई नवेली दुलहन को चुदवाने के बाद कम्मो ने काफी लड़कियों औरतों को मेरे पास ला लाकर उनके नंगे बदन दिखाए. फिर कुछ लड़कियों और औरतों की मूत की धार प्रतियोगिता कराई.
मैंने सारी लड़कियों औरतों को नदी पर नहाने भेज दिया और खुद छुप कर उन्हें नंगी नहाते देखने लगा. उनमें गाँव की एक दुलहन भी थी. उसे चोदने का मौका मुझे मिला.
मुझको ख्याल आया कि रात की चुदाई में कम्मो का होना बहुत ज़रूरी है तो मैंने उसको कहा कि रात में वो भी आ जाए तो अच्छा है मेरे लिए, नहीं तो यह शार्क मछलियाँ तो मुझको कच्चा खा जाएँगी।
जब मैंने आखिरी धक्का ज़ोर से मारा और नीलू मुझ से चिपट कर छूटने लगी तो सुधा ने हल्के से ताली मारी और 'वाह वाह' करने लगी तो हमको पता चला कि कोई हमारे करतब देख रहा है।
रिया दरवाज़ा बंद कर के आ गई तो मैं बोला- चलो पहले तुम अपने कपड़े उतारो और फिर भाभी के! ठीक है? रिया जल्दी से अपनी नाइटी उतारने लगी और जब वो बिल्कुल नंगी हो गई.
गाँव जाने की तैयारी में निम्मो कोठी में आ गई तो उसे चुदना ही था. गाँव पहुंचे तो देखा कि बहुत रिश्तेदार आए हुए थे. उनमें एक भाभी और उसकी ननद मेरे कमरे में सोई...
कॉलेज की दो कुंवारी लड़कियाँ मेरे सामने नंगी अपनी चूत की पहली चुदाई के लिए आतुर हो रही थी. इस कहानी में पढ़िए कि दोनों लड़कियों की चूत की सील मैंने कैसे तोडी!
जेनी और जस्सी ने मुझे कॉलेज में अपनी रूम मेट्स लूसी और रेनू से मिलवाया और हम सब तय करके घर आ गए. कम्मो ने दोनों नई लड़कियों की जांच की और उनसे चुदाई का पूछा.
कॉलेज़ में छुट्टियों में मुझे गाँव जाना था। ज़ेनी और जस्सी न्ही मेरे साथ मेरे गाँव जाना चाहती थी। लेकिन गाँव में हमारी चुदाई का भेद खुलने के डर से मैंने कम्मो से बात की।
इन्दू भाभी ने दिन में कम्मो से अपनी जांच करवा ली और उसी दोपहर उनके गर्भाधान के लिए उनके घर जाकर दो बार चोदा कम्मो की निगरानी में ! फिर रात को उनके घर सोना ही था.
एक शाम पड़ोस से भैया ने मुझे रात में उनके घर रुकने को कहा क्योंकि वो बाहर जा रहे थे. मैं रात को उनके घर सोया. लेकिन रात में क्या हुआ... इस कहानी में पढ़िए !
चूत चुदाई कॉलेज की मैडम और एक छात्रा अगले दिन कॉलेज गया तो सबसे पहले मैंने ऑफिस में पूनम की छुट्टी की अर्ज़ी दे दी और फिर अपने क्लास में आकर बैठ गया। लंच के टाइम नेहा मुझ को कॉरिडोर में मिल गई और कहने लगी- वो उषा मैडम तुम को याद कर रही थी, […]
आगरा से लाए गिफ्ट कम्मो पारो को देकर कहा कि आज रात उनकी गान्ड मारूँगा मैं.. दोनों ने हां कर दी. रात को कम्मो को लेकर मैं गार्डन में आया और वहां उसकी गान्ड मारने की सोचने लगा.
एक बार चूत चुदाई के बाद मैडम में उषा मैडम की भी चूत चुदाई करने की सिफारिश की जिसे मैंने मान लिया. उसके बाद कम्मो ने मैडम को घोड़ी बना कर उनकी चूत चुदाई कराई ताकि गर्भ रहने की सम्भावना बढ़ जाए!
टूअर से वापिस आते ही सबसे पहले को कम्मो की चूत में अपने लौड़े से टीका लगाया, फ़िर बताया कि निर्मला मैडम का गर्भाधान करना है… अगले दिन मैडम को घर ले आया और…