Hindi Sex Stories » मासूम यौवना » Page 2
यह कोई मनघड़न्त कहानी नहीं, मेरी आपबीती है।
मैं अजमेर की रहने वाली 30 साल की शादीशुदा औरत हूँ। हम 3 बहनें हैं, मैं सबसे छोटी हूँ, मेरी शादी बचपन में मेरी बहनों के साथ ही हो गई थी जब मैं शादी का मतलब ही नहीं जानती थी। मेरी बड़ी बहन ही बालिग थी, बाकी हम दो बहनों के लिए तो शादी एक खेल ही था।
उस वक्त हम दोनों बहनों की सिर्फ शादी हुई थी जबकि बड़ी बहन का गौना भी साथ ही हुआ था, वो तो ससुराल आने जाने लग गई, हम दोनों एक बार जाकर फिर पढ़ने जाने लगी। हमें तब तक किसी बात का कोई पता नहीं था, जीजाजी जीजी के साथ आते तो हम बहुत खुश होती, हंसी-मजाक करती, मेरी माँ कभी कभी चिढ़ती और कहती- अब तुम बड़ी हो रही हो, कोई बच्ची नहीं हो जो अपने जीजा जी से इतनी मजाक करो !
मेरी शादी हो गई और उसके बाद मेरे जीजा जी से कैसे मेरे यौन सम्बन्ध बने… इस कहानी में पढ़ें!
पर मैं ध्यान नहीं देती थी।
लेखिका : कमला भट्टी जीजाजी को अपनी उखड़ी सांसें सही करने में 4-5 मिनट लगे फिर 2-3 लम्बी लम्बी सांसें लेकर वो बाथरूम की तरफ चले गए। मुझ से तो उठा ही नहीं जा रहा था, मेरा कई बार पानी निकल गया था। जीजाजी बाथरूम से वापिस आये और लेट गए। मैंने सरक कर उनके […]
होटल से खाना खाकर हम वापिस अपने कमरे में आ गए। मैं अपनी मैक्सी लेकर बाथरूम में चली गई बदलने के लिए, तब तक जीजाजी ने भी कपड़े उतार कर लुंगी लगा ली। मैं भी कमरे में आई और बत्ती बुझा कर लेट गई। मैंने कमरे में आते ही दरवाजा बंद कर दिया जबकि पिछली […]
लेखिका : कमला भट्टी तब मुझे पता चला कि मेरे जीजाजी में रीछ जैसी ताकत थी, मन ही मन में उनके प्रति प्रंशसा का भाव जगा। कुछ देर मेरे बदन पर लेटे रहने के बाद वो उठ कर बाथरूम में चले गए, मैं उठी तो मुझे लगा मेरी चूत सुन्न हो गई है, टटोल कर […]
जिसने कभी किसी पर-पुरुष को देखा नहीं, उसने 2010 जब 30 साल की थी तब जीजाजी जो 46 साल के थे उनको कैसे समर्पित हो गई। सब वक़्त की बात है। अब तक मेरे कमरे का दरवाजा खुला ही था। पहले जीजाजी बाथरूम जाकर आये, फिर मैं बाथरूम गई, मैंने देखा मेरे मकान मालिक के […]
मासूम यौवना-3 से आगे : रात के ग्यारह बज गए थे, जीजाजी को नींद आ गई थी, मैं भी सोने की कोशिश करने लगी और मुझे भी नींद आ गई ! रात के दो ढाई बजे होंगे कि अचानक मेरी नींद खुली, मुझे लगा कि मेरे जीजा जी मेरी चूत पर अंगुली फेर रहे हैं। […]
लेखिका : कमला भट्टी फिर मेरे पति वापिस चेन्नई चले गए तो मैंने भी स्कूल छोड़ दी और पीहर आ गई ! जब भी मेरे बड़े जीजाजी अजमेर आते तो मुझसे हंसी मजाक करते थे, मैं मासूम थी, सोचती थी कि मैं छोटी हूँ इसलिए मेरा लाड करते हैं। वे कभी यहाँ-वहाँ हाथ भी रख […]
मैंने दसवीं की परीक्षा दी और गर्मियों की छुट्टियों में फिर ससुराल जाना पड़ा। इस बार मेरे पति स्वाभाव कुछ बदला हुआ था, वो इतने बेदर्दी से पेश नहीं आये, शायद उन्हें यह पता चल गया कि यह मेरी ही पत्नी रहेगी। मैं इस बार 4-5 दिन ससुराल में रुकी थी पर वे जब भी […]
उन्होंने मेरा घाघरा उठाना शुरू किया, मैंने अपने दुबले पतले हाथों से रोकना चाहा मगर उन्होंने अपने मोटे हाथ से मेरी दोनों कलाइयाँ पकड़ कर सर के ऊपर कर दी.