मेरी माँ-बेटी को चोदने की इच्छा-46
मैं बहुत गहरी नींद में सो रहा था.. तभी मुझे लगा कि कोई मेरे होंठों में अपने होंठ रखकर मेरे सीने से अपने सीने को रगड़ते हुए चूसने लगा। मैंने सोचा माया होगी…
कॉलेज में मेरा एक नया दोस्त बना, वो मेरे घर के पास ही रहता था. एक दिन वो मुझे अपने घर ले गया.
हम घर पहुँचे तो दरवाजा उसकी मम्मी ने खोला, दोस्त की माँ को देख मैं एकदम स्तब्ध सा रह गया.
क्या सौंदर्य था उसकी मम्मी का… उसे लफ्जों में बता पाना मुश्किल है.
अंदर गए तो दोस्त की बहन से सामना हुआ, वो भी अपनी माँ की तरह हसीं खूबसूरत जवान…
मैं तो उन दोनों माँ बेटी के कामुक बदन को देख कर पागल सा होने लगा और मेरे लंड में कुछ कुछ होने लगा.
मेरी इस लंबी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने उन दोनों माँ बेटी को कैसे चोदा.
मैं बहुत गहरी नींद में सो रहा था.. तभी मुझे लगा कि कोई मेरे होंठों में अपने होंठ रखकर मेरे सीने से अपने सीने को रगड़ते हुए चूसने लगा। मैंने सोचा माया होगी…
माया मेरे लौड़े को सहलाते हुए उसे चूसने लगी और हम 69 अवस्था में हो गये… फ़िर चूत चोद कर माया को पूरा मज़े देने के बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाल कर गाण्ड भी मारी…
माया मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे माथे को चूमे जा रही थी और जहाँ कुछ देर पहले 'अह्ह्ह ह्हह... फ्छ्झ.. पुच.. पुक..' की आवाजें आ रही थीं..
माया की चूत से बूँद-बूँद करके रस टपक रहा था। वो मेरे पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझसे बोल रही थी- तुम्हारा ये गर्म एहसास मुझे बहुत पागल कर देता है.. मेरा खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रहता और जब तुम मुझे इतना करीब से प्यार देते हो.. तो मेरा दिल करता है कि मैं तुम्हारे ही जिस्म में समा जाऊँ।
तो उन्होंने बिना बोले ही अपनी नाइटी उतार दी और मेरे गालों को चूमते हुए मेरे सीने तक आईं और फिर दोबारा ऊपर जाते हुए मेरी गरदन पर अपनी
जुबान को फेरते हुए धीरे से बोलीं- अब सोचना नहीं बल्कि करना है.. आज ऐसा चोदो कि मेरा ख़ुद पर काबू न रहे..
तभी एकाएक झटके से मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ कर उनके होंठों को चूसने लगा।
फिर मैं अपने आपको सम्हालते हुए अपनी जेब में हाथ डालकर लौड़े को सही करने लगा.. क्योंकि उस समय मैंने सिर्फ लोअर ही पहन रखा था। मैं जल्दबाज़ी में चड्डी पहनना ही भूल गया था.. तभी मैंने अपने लण्ड को एडजस्ट करते हुए ज्यों ही रूचि की ओर देखा.. तो उसके भी चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान छा चुकी थी.. शायद उसने भी मेरे उभार को महसूस कर लिया था।
दोस्त की मम्मी माया के बाद उसकी बहन रूचि चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद हम खा पीकर अन्ताक्षरी खेलने लगे... और फ़िर क्या हुआ… कहानी के इस भाग में पढ़िए..
दोस्त की मम्मी माया के बाद उसकी बहन रूचि चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद क्या हुआ... कहानी के इस भाग में पढ़िए..
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद उसकी बहन चूत चुदवाने को बेकरार थी… मैंने माया और रूचि से अलग अलग प्लान बनाया सबके साथ रहते हुए मज़ा करने का… उनके घर पहुँचने के बाद क्या हुआ... कहानी के इस भाग में पढ़िए...
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद उसकी बहन चूत चुदवाने को बेकरार थी… लेकिन मुझे घर वापिस आना था… तो मैंने एक प्लान बनाई वापिस उसके घर में रहने की… और उसके बाद प्लान थी सबके साथ रहते हुए मज़ा करने की… उनके घर पहुँचने के बाद क्या हुआ... कहानी के इस भाग में पढ़िए...
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मैंने उसकी बहन की कुंवारी चूत चाटी और उसे अपना लौड़ा चुसवाया, अब तो वो चूत चुदवाने को बेकरार थी… लेकिन मुझे घर वापिस आना था… तो मैंने एक प्लान बनाई वापिस उसके घर में रहने की… और उसके बाद प्लान थी सबके साथ रहते हुए मज़ा करने की…
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मैंने उसकी बहन की कुंवारी बुर चाटी और उसे अपना लौड़ा चुसवाया, अब तो वो चुदने को बेकरार थी… लेकिन मुझे घर वापिस आना था … अब आगे देखिये कि क्या हुआ?
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मैंने उसकी बहन की कुंवारी बुर चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब तो वो चुदने को बेकरार थी… तभी उसकी मम्मी ने दरवाजा खटकाया, हम डर गये लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं लगा… अब आगे देखिये कि क्या हुआ?
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, पता लगा कि वो भी मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने उसकी कुंवारी बुर चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब तो वो चुदने को बेकरार थी…
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, पता लगा कि वो नासमझ कुंवारी मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने उसकी चूत चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब वक्त था उसकी चूची चुसाई का..
अपने दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, बात आगे बढ़ी तो मुझे पता लगा कि मेरे दोस्त की बहन नासमझ कुंवारी है और वो मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने देर नहीं लगाई
मैं अपने दोस्त की बहन को चाहता था पर उसकी मम्मी पहल करके चुद गई, मेरी नजर बेटी पर थी, एक दिन बेटी ने मुझे उसकी मम्मी की पैंटी को चाटते देखा तो बात आगे बढ़ी ! तो मुझे पता लगा कि मेरे दोस्त की बहन नासमझ कुंवारी है…
अपने दोस्त की मम्मी की चुदाई की लालसा पूरी करने के बाद मेरी नज़र दोस्त की बहन पर थी और जब उसने मुझे इसकी मम्मी की पैंटी को चाटते पकड़ लिया तो मुझे लगा कि वो खुद ही मेरे नीचे बिछने को तैयार है…
पिछले भाग में आपने पढ़ा: माया ने जैसे ही देखा कि मैं अकेला ही आ रहा हूँ तो जोर से बोलते हुए कि वो लोग कहाँ है..? वो मेरे पास आई और बोली- अन्दर कुछ गड़बड़ तो नहीं हुई न? तो मैंने उसके गालों को चूमते हुए बोला- आप परेशान न हों.. किसी को कुछ […]
आप सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, दोस्तो, इतने दिनों तक मैंने कहानी को रोके रखा इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ.. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से काम के चलते मैं अपनी कहानी को नहीं बढ़ा सका। अब आप सभी का मनोरंजन करने के लिए मैं फिर से हाज़िर हूँ.. कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा […]
अब तक की कहानी में आपने पढ़ा… फिर उस रात मैंने थोड़ी-थोड़ी देर रुक रूककर माया की गांड और चूत मारी.. करीब पांच बजे के आस-पास हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में निर्वस्त्र ही लिपटकर सो गए। अब फिर करीब 11 बजे के आस-पास मेरी आँख खुली तो देखा माया कमरे में नहीं थी, तो […]