काम की चाह-3
मेरी चूत लंड लेने के लिए बेचैन थी, इस अचानक हमले को झेल नहीं पाई, ऐसा लगा कि मेरी पहली चुदाई हो रही है, मैं अब तक कुँवारी थी, मेरी चूत में उनका लंड घुसते ही मेरे मुँह से चीख नकल गई
मेरे पति अगर घंटे भर से कम चुदाई करें तो मुझे उनकी तबीयत की चिंता होने लगती है. फिर एक दिन उनके खास मित्र के साथ मैंने अपनी काम की चाह को किस तरह पूरा किया, मेरी इस कहानी में पढें.
मेरी चूत लंड लेने के लिए बेचैन थी, इस अचानक हमले को झेल नहीं पाई, ऐसा लगा कि मेरी पहली चुदाई हो रही है, मैं अब तक कुँवारी थी, मेरी चूत में उनका लंड घुसते ही मेरे मुँह से चीख नकल गई
मैं बोली- कल ब्लू फिल्म देखते हुए काफ़ी जोश आ गया है, इसलिए तुम्हारी याद आ रही है, अगर तुम नहीं आओगे तो मैं किसी और से चुदवा लूँगी!
मेरी जांघ पर हाथ रखे रखे कार आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगे तो मेरे तन बदन में एक आग सी लग गई। उनका हाथ मेरी चूत के करीब आता और वापस चला जाता, मेरी चूत गीली हो रही थी।