जवानी की शुरुआत में स्कूलगर्ल की अन्तर्वासना-6
मेरी नंगी कमर उसकी तरफ थी और उसका लंड अभी भी मेरी गांड में ही था। हम दोनों के नंगे जिस्मों पे शावर का पानी बरस रहा था। उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
हमारी क्लास में काफी लड़के-लड़कियों के आपस में प्रेम संबंध बन गए थे पर मैं इस सबसे बची रही थी। लेकिन मन में सहेलियों की चुदाई की बातें सुन कर उत्सुकता थी.
मेरी नंगी कमर उसकी तरफ थी और उसका लंड अभी भी मेरी गांड में ही था। हम दोनों के नंगे जिस्मों पे शावर का पानी बरस रहा था। उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मैं उसकी तरफ मुंह कर के गोद में आ के बैठ गयी और लंड अपनी चूत पे लगाया और अपनी चूत में लेती हुई उसपे बैठ गयी और सचिन की बांहों में हाथ डाल लिए।
उसने मेरी कुँवारी अनचुदी गुलाबी चूत को बड़े गौर से देखा और कहा- मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि मैं खुद अपनी सबसे अच्छी दोस्त की सील तोड़ूँगा!
हम दोनों पे जवानी का सुरूर चढ़ने लगा था, हमारी किस गहरी होती चली गयी। अब मुंह बंद नहीं था और हम एक दूसरे के होंठों को होंठों से चुपड़ चुपड़ कर किस कर रहे थे।
क्या हम आपस में ही सेक्स नही कर सकते? क्योंकि अब स्कूल खत्म होने वाला है, बॉयफ्रेंड भी नहीं है और बनाने का मन भी नहीं है अभी, पर मन करने लगा है सेक्स का बहुत।
नयी चढ़ी जवानी के कारण मेरी सहेली अपने बॉयफ्रेंड से सेक्स करने लगी थी और मुझे भी थोड़ा बहुत बताती थी. तो मेरे मन में भी सेक्स को लेकर उत्सुकता पैदा होने लगी.