जवाँ मर्द का आण्ड-रस-4
जिम में उस दिन मैं पूरी तैयारी के साथ गया था. जिम ट्रेनर के दोस्त को अपनी गांड की तरफ आकर्षित करने का पूरा प्लान था. मेरा मकसद कहां तक कामयाब हुआ?
समाज के एक तबके को लगता है कि गांडू केवल गांड मरवाने के शौकीन होते हैं. किंतु गांडू की जिन्दगी की उलझनों का सागर इतना गहरा है कि उसकी तलहटी में कोई झांकने की कोशिश भी करे तो घनघोर अंधेरे के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देगा.
जिम में उस दिन मैं पूरी तैयारी के साथ गया था. जिम ट्रेनर के दोस्त को अपनी गांड की तरफ आकर्षित करने का पूरा प्लान था. मेरा मकसद कहां तक कामयाब हुआ?
जिम में सुबह के समय एक लड़की आती थी. जिस लड़के को पटाने के सपने मैं देख रहा था वो दरअसल उस लड़की की चूत चोदने की फिराक में था. मुझे जलन हो रही थी.
मार्केट में मैंने एक सेक्सी देसी लौंडे को देखा. उसके शार्ट्स में उसका लंड लटका हुआ अलग से दिख रहा था. लंड को मुंह से चूसने की लालसा में मैं उसके पास पहुंच गया.
परीक्षा के बाद मैं घर पर बोर हो रहा था. मेरा दोस्त मेरे घर आया, उसने जिम ज्वाइन करने को कहा. जिम में मैं लड़कों को ताड़ने लगा पर मुझे कोई पसंद नहीं आया.