जयपुर की बस यात्रा में मिली अनजानी चूत-2
उसकी साड़ी उसकी गुंदाज़ जाँघों तक चढ़ गई मैंने अपना हाथ आहिस्ता से साड़ी में घुसाना शुरू किया.. तो मेरा हाथ उसकी पैन्टी को छू गया। उसकी पैन्टी गर्म और गीली हो रही थी..
जयपुर में काम करते वक्त एक दिन वहाँ पर बड़ा हादसा हो गया था. सभी बसों का आना-जाना बंद हो गया. बड़ी मुश्किल से मुझे और बॉस को सीट मिली. मगर बॉस की जगह मेरे साथ किसी और का होना लिखा था नसीब में.
उसकी साड़ी उसकी गुंदाज़ जाँघों तक चढ़ गई मैंने अपना हाथ आहिस्ता से साड़ी में घुसाना शुरू किया.. तो मेरा हाथ उसकी पैन्टी को छू गया। उसकी पैन्टी गर्म और गीली हो रही थी..
जयपुर जाने वाली स्लीपर बस में एक सेक्सी महिला को मेरे कम्पार्टमेंट में आना पड़ा। उस अनजान महिला के साथ कैसे समय बीता और हमारे बीच क्या हुआ, पढ़ें इस हिन्दी सेक्स स्टोरी में!