घर की चूतों के छेद -4
मम्मी मेरी ओर पीठ करके ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थीं.. जिसके काँच में मुझे मम्मी का फ्रंट साइड दिखाई पड़ रहा था.. लेकिन मम्मी ने अपना एक हाथ दोनों मम्मों के ऊपर रखा हुआ था जिस कारण मुझे कुछ खास दिखाई नहीं पड़ रहा था।
दोस्तो.. मैं आज अपनी पारिवारिक कहानी लिख रहा हूँ जो एकदम सच्ची है।
मैं एक बड़े बाप का बेटा हूँ.. मैं बहुत ही हरामी किस्म का लड़का रहा हूँ। ऐसा नहीं है कि मैं शुरू से ही इतना बदमाश लड़का था.. लेकिन क्या है ना.. कि मेरे अन्दर भी एक शैतान छुपा हुआ है.. इस कारण से मैं भी कई बार अपनी वासना पर रोक ना लगाकर भावनाओं में बह जाता हूँ और शायद यही कुछ ऐसे लम्हे होते हैं.. जब इंसान के अच्छे-बुरे की पहचान होती है।
खैर.. मैं क्यों आप सभी को बोर कर रहा हूँ। चलिए आज मैं आप सभी को अपने जीवन में बीते कुछ हसीन पलों को एक कहानी में पिरो कर बताता हूँ। यह सभी घटनाएं मेरे साथ मेरी जवानी की शुरूआत के समय की हैं और मैं सोचता हूँ कि यदि इन परिस्थितियों में जिनमें से होकर मैं गुज़रा हूँ.. यदि आप भी होते.. तो यही सब करते।
दोस्तो, शायद मेरे नसीब में मेरे परिवार के छेदों का ही सुख लिखा था।
आप को एक एक घटना बिल्कुल सत्य के आधार पर लिख रहा हूँ मुझे उम्मीद है कि मेरी यह कहानी आप सभी की अन्तर्वासना को जगाने में पूर्ण रूप से सफल होगी। आप सभी मुझे अपने विचारों से अवश्य अवगत कराएं मुझे ईमेल लिखियेगा.. इन्तजार रहेगा।
मम्मी मेरी ओर पीठ करके ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थीं.. जिसके काँच में मुझे मम्मी का फ्रंट साइड दिखाई पड़ रहा था.. लेकिन मम्मी ने अपना एक हाथ दोनों मम्मों के ऊपर रखा हुआ था जिस कारण मुझे कुछ खास दिखाई नहीं पड़ रहा था।
घमौरियों के कारण मेरी बहन ने मुझसे पीठ पर पाउडर लगवाया। शाम को बारिश आई तो बारिश में नहाते हुए उसने अपनी शर्ट उतार दी और मुझे चूमने लगी और चोदने को कहा।
बुआ चूचियों में भरे दूध से परेशान थी। उसके कहने पर मैंने बुआ की चूचियों का दूध पिअया और फ़िर उसी के उकसाने पर बुआ को चोदा। बुआ ने मेरी बहन को पट्टी पढ़ाई और…
शायद मेरे नसीब में मेरे परिवार के छेदों का ही सुख लिखा था। रिश्तों में चुदाई की कहानी आप को एक एक घटना बिल्कुल सत्य के आधार पर लिख रहा हूँ...