गीत की जवानी-6
मेरे तीनों छेदों की तीन लंड से भरपूर चुदाई हो रही थी. तीनों मर्द बेरहम होकर मेरे नाजुक बदन को भोग रहे थे. उनकी घमासान चुदाई ने मुझे कामरस त्यागने पर विवश कर दिया.
मेरी एक प्रशंसिका ने मुझे बताया कि उसकी शुरुआती सेक्स लाइफ कैसी थी. उसने काफी बातें बता कर उसकी सेक्स कहानी लिखने का आग्रह किया. उसकी जवानी की कहानी का मजा लें.
मेरे तीनों छेदों की तीन लंड से भरपूर चुदाई हो रही थी. तीनों मर्द बेरहम होकर मेरे नाजुक बदन को भोग रहे थे. उनकी घमासान चुदाई ने मुझे कामरस त्यागने पर विवश कर दिया.
मेरी नोनवेज सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपने सहेली के यार से बोली- हरामी ... बातें ही करेगा या चोदेगा भी ... कब से लंड के लिए तड़फ रही हूँ ... अब और ना तड़पा मादरचोद!
इस पोर्न सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे लंड नहीं मिल रहा था तो मैं चुदाई के लिए तरस गयी थी. मेरी सहेली के जन्मदिन पर वो मुझे अपने साथ उसके बॉयफ्रेंड के फार्महाउस ले गयी.
इस गर्म सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी गांड में पूरा लंड क्या घुसा, मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया ... मुझे मृत्यु निकट नजर आने लगी. बेहोशी की हालत हो गई.
मैं अपनी सहेली को साथ लेकर अपने बॉयफ्रेंड के घर गयी. उसे देखते ही मेरा मन खिल उठा, दिल की धड़कनें तेज हो गईं. उसके बाद वहां क्या क्या हुआ? पढ़ कर आनन्द लें.
हम तीनों सहेलियां लेस्बियन सेक्स के मजे और डिल्डो से चरमानंद की प्राप्ति कर चुकी थी. मेरा मन अब किसी लड़के के संग कामुक पलों उसके लंड के लिए मचलने लगा था.
डिल्डो मेरी चूत में आधा घुस गया. दर्द के मारे मेरी भयानक चीख निकल पड़ी, आंखों के आगे अंधेरा छा गया. अभी-अभी जवान हुई मेरी फूल सी चूत में मानो चाकू से चीरा लगा दिया.
दोनों सहेलियाँ पूरी नंगी थी, एक नीचे लेटी थी और दूसरी उसके ऊपर चढ़ी थी. दोनों ने डिल्डो एक साथ चूत में ले रखा था. आधा एक आधा दूसरी की चूत में घुसा था.
मैं हॉस्टल में रहती थी, मेरा एक बॉयफ्रेंड था. मैंने उसके साथ जिंदगी के सारे मजे किए लेकिन वो छोड़ गया. एक सहेली ने डिल्डो लाकर दिया और खुद से प्यार करना सिखाया.
मेरा हाथ मेरे मम्मे, चूत सहला कर मुझे उत्तेजित कर रहा था. मैं बड़ी शिद्दत से केले को मुँह में चूसने लगी. मैंने उसे इतना चूसा कि सच का लंड होता तो पानी छोड़ चुका होता.
हमने उसके लंड की जड़ पर घुंघराले बाल देखे, उसके नीचे एक थैली में भरे दो नींबू जैसी गोलियां लटक रही थीं, जिन्हें आंड कहते हैं. ये सब हम पोर्न देख कर सीख चुकी थी.
हमारी चूत भी कुलबुलाने लगी थी. हम लोगों ने आज तक इतने करीब से किसी मर्द का लंड नहीं देखा था. पेंट की जिप नीचे खिसकने लगी और हमारी धड़कनें तेज होने लगीं.
मासिकधर्म मां बनने के लिए जरूरी है. यह जवानी की दहलीज पर पहला कदम है. मासिक शुरू होने के बाद लड़कियों में निखार आता है, शरीर स्त्रीत्व को स्वीकार करने लगता है.
आराम से तो पति भी चोदता है. थोड़ा रगड़ के गहरी चुदाई हो, थ्रीसम, ग्रुप हो तो मजा आये। मैं चाहती हूँ कि मैं बड़े-बड़े लंड से घंटों चुदूं जब तक मैं थक कर गिर ना जाऊं।
यह कामुकता भरी कहानी मेरी एक प्रशंसिका की है. उसने मुझे उसकी कहानी लिखने को कहा और अपने सेक्स जीवन की शुरुआत की काफी बातें बताई. आप पढ़ कर मजा लें.