एक भाई की वासना -50
मैंने जाहिरा की नाईटी के गले को थोड़ा नीचे को खींचा.. तो जाहिरा की चूचियों का ऊपरी हिस्सा और उसका क्लीवेज नंगा हो गया। मैंने फैजान को इशारा किया कि झुक कर उसको चूम ले..
शौहर की नज़रें जब अपनी ही बहन के जिस्म का जायज़ा लेने लगें तो बीवी का फर्ज भी बनता है कि भाई की इस वासना की पूर्ति की जाए. मगर उसके लिए क्या-क्या करना पड़ जाता है, भाई-बहन की इस कामुक दास्तान में पढ़ें.
मैंने जाहिरा की नाईटी के गले को थोड़ा नीचे को खींचा.. तो जाहिरा की चूचियों का ऊपरी हिस्सा और उसका क्लीवेज नंगा हो गया। मैंने फैजान को इशारा किया कि झुक कर उसको चूम ले..
मैंने जाहिरा के पतले-पतले होंठों पर अपनी उंगली फेरनी शुरू की और बोली- फैजान.. देखो तुम्हारी बहन के कितने प्यारे होंठ हैं.. यह कह कर मैं झुकी और अपने होंठ जाहिरा के होंठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी।
फैजान घबरा कर इधर-उधर देख रहा था.. मैं और आगे बढ़ी और उसके क़रीब जाकर उसके होंठों को चूम कर बोली- डोंट वरी डियर.. होता है.. ऐसा भी होता है.. वैसे तुम्हारी बहन है बहुत सेक्सी और खूबसूरत.. मैं अगर लड़का होती ना.. तो कब से उसे चोद चुकी होती।
एक ही वक़्त में अपनी बीवी और अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और उनमें अपनी उंगलियाँ डाल कर दोनों को एक ही वक़्त में एक साथ मजे दे रहा था। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली थी।
जाहिरा ने भी मस्त होते हुए अपने गर्म-गर्म गुलाबी होंठ आगे बढ़ाए और अपने भाई के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी। थोड़ी देर के लिए तो फैजान भी अपनी बहन की गरम जवानी में सब कुछ भूल गया
जैसे ही फैजान की नज़र अपनी बहन की नंगी खूबसूरत चूचियों पर पड़ी तो उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर के दोनों तरफ रखे और मेरे सिर को पकड़ कर धक्के लगाते हुए मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- जाहिरा तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान, आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं, आज भाई का लंड मेरी चूत में जाने वाला है, जैसे आपकी चूत में जाता है, कैसा लगेगा?
फैजान- अरे यार कुछ भी गंदा नहीं होता.. इसे मुँह में लेकर तुम्हारी भाभी भी तो चूसती हैं ना.. जाहिरा इठलाते हुए बोली- वो तो आपकी बीवी हैं.. मैं आपकी क्या लगती हूँ.. बहन ना..
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
फ़ैज़ान के जाने के बाद मैंने जाहिरा की कुंवारी चूत को चाट कर रस निकाल दिया। शाम को जब फ़ैजान आया तो वो जाहिरा के कमरे में गया और उसे दबोच कर चूमाचाटी करने लगा।
भाई को चूची चुसवा कर मेरे पास आई तो जाहिरा को मैंने दबोच लिया उसकी चूची चूसने के साथ साथ मेरी नज़र जाहिरा की जाँघों के बीच में जाहिरा की अनछुई चूत पर थी।
फैजान मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो.. तो भाई खुद ही बहनचोद बन जाता है डार्लिंग..
फैजान ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को जाहिरा की दोनों जाँघों के दरम्यान में घुसा रहा था।
फैजान ने अपनी उंगली जाहिरा की चूत से बाहर निकाली और उसे जाहिरा के बरमूडा से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
थोड़ा सा जोर लगाते हुए मैंने अपनी उंगली की नोक जाहिरा की चूत के सुराख के अन्दर दाखिल की, तो जाहिरा ने एक तेज सिसकारी के साथ अपनी दोनों जाँघों को खोल दिया।
ह तो मुमकिन नहीं था कि फैजान को मेरे और जाहिरा की जिस्म के फ़र्क़ का अहसास ना हुआ हो। लेकिन अगर उसे पता चल भी गया था तो अब वो इस अँधेरे में और गेम का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहन के जिस्म के मजे लेना चाह रहा था। मैं भी उसे रोकना नहीं चाह रही थी।
मैं और जाहिरा बनियान और कच्छी पहने बारिश में नहा रही थी कि फ़ैजान ने दरवाजे की घण्टी बजाई। मैंने दरवाजा खोला, फ़ैजान के कपड़े उतार उसका लंड चूसा और उसे भी बारिश में ले गई जहां उसकी बहन लगभग नंगी खड़ी थी।
मैंने शरारत से जाहिरा के निप्पल को चुटकी में पकड़ कर मींजा और बोली- जानेमन तेरी चूचियाँ बड़ी प्यारी लग रही हैं.. जाहिरा ने भी फ़ौरन से ही मेरी चूची को मुठ्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली- भाभी.. आपकी भी तो पूरी नंगी ही नज़र आ रही हैं।