चूत एक पहेली -74
एनी के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर अर्जुन पागल हो गया, खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर अर्जुन बस कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता।
दोस्तो, अबकी बार की हिंदी सेक्स कहानी थोड़ी अजीब सी है या यूँ कहो कि अजीब ढंग से आगे बढ़ेगी.. इस हिंदी सेक्स स्टोरी में सब है, कुंवारी लड़की की चूत चुदाई, भाई बहन की चूत चुदाई, कॉलेज़ गर्ल की चूत चुदाई… नौकरानी की चूत की चुदाई… खुद पढ़ लीजिये ना…
एनी के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर अर्जुन पागल हो गया, खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर अर्जुन बस कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता।
पुनीत ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और पायल की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा। पुनीत ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही पायल का चूतरस बाहर आया.. पुनीत ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया..
पायल ने अपनी जीभ की नोक से भाई के लंड के ऊपर से निकले पानी की बूँद को उठाया और पुनीत के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो पुनीत झट से उसकी जीभ को चूसने लगा।
निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था। दस मिनट तक अर्जुन बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए..
पायल जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ.. वो जब चलने लगी तो उसकी चाल बदल गई दर्द की वजह से.. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। पायल गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई।
पायल को अब मज़ा आने लगा था। वो हाथों पर ज़ोर देकर फिर से घोड़ी बन गई थी और पुनीत अब उसके कूल्हे पकड़ कर 'दे दनादन..' लौड़ा पेल रहा था। कुछ देर बाद पुनीत ने पायल की गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की..
पुनीत ने पायल के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा- मेरी जान ले चूस.. पायल- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..
पुनीत- मेरी बहना, टेंशन मत ले.. मैं बस तुम्हें बताने आया हूँ.. सो मत जाना.. मैं थोड़ा बाहर जाकर आता हूँ.. उसके बाद आकर सीधा तेरे पास आ जाऊँगा.. तू बस टाँगें फैला कर तैयार रहना..
सन्नी ने लौड़े को गाण्ड के छेद पर रखा और ‘घप’ से अन्दर पेल दिया। निधि तो सुकून में थी.. वो मज़े से गाण्ड मरवा रही थी.. साथ-साथ गाण्ड को पीछे-पीछे धकेल कर सन्नी का मज़ा दुगुना कर रही थी।
सन्नी- साली.. तू दिखती छोटी है.. मगर चुदक्कड़ बहुत बड़ी है.. पता नहीं किसने तेरी चूत को खोला होगा। साला जरूर कोई दमदार बंदा ही होगा.. जिसका मेरे से भी बड़ा है..
वो आपके दोस्त मेरी भाभी के साथ कर रहे थे.. मैंने चाबी के छेद से सब देख लिया था, व्व..वो मुझे शर्म आती है.. सब बताने में.. बस वो बिना कपड़ों के एक-दूसरे से चिपके हुए थे। मैंने इतना ही देखा..
निधि की भाभी को चोद कर बिहारी को मज़ा आ गया और अब वो भाभी की गान्ड मारना चाहता था। उसने भाभी को लन्ड चूस कर खड़ा करने को कहा। निधि छिप कर सारी चुदाई देख रही थी।
अर्जुन ने भाभी को समझा दिया कि निधि बाहर नहीं आएगी, अब तुम खुलकर बिहारी के साथ चुदाई करना। उसको खुश कर देना ताकि जब तक यहाँ रहे.. वो हमें कुछ ना कहे।
अर्जुन ने खूब ठोक कर निधि की गान्ड मारी और उसे अपना रस पिलाया। उधर पायल घूमने जाने को तैयार थी और इधर बिहारी आ गया भाभी को ठोकने!
ओह गॉड.. यह क्या हो रहा है.. अभी मैंने सोचा था.. जो हुआ वो सब अब दोबारा नहीं करूँगी.. मगर मेरा जिस्म मेरे दिमाग़ का साथ नहीं दे रहा.. नहीं नहीं.. यह भाई और बहन की चुदाई का खेल अच्छा है.. इसमें कोई बुराई नहीं है।
उत्तेजना बढ़ाने वाली गोली का असर खत्म होते ही पायल सोचने लगी कि उसने अपने भाई के साथ चुदाई करके अच्छा नहीं किया, आगे से वह ऐसा दोबारा नहीं करेगी।
दोनों लंबी चुदाई करके नंगे चिपक कर सोए थे, रॉनी के दरवाजा पीटने से पायल जागी. पुनीत उससे चिपका हुआ था, उसका हाथ पायल के मम्मों पर, टाँगें उसकी जाँघों से लिपटी हुई थीं।
पायल अपने भाई से चुद कर चैन की नींद सो रही है। उधर गाँव से आए अर्जुन, निधि और उसकी भाभी ठहरने ले लिये कमरा तलाशते हुए बिहारी मिल गया।
पुनीत की बातों से पायल उत्तेज़ित होने लगी थी। वो पुनीत की जाँघों पर सर रख कर लेट गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी। पायल कुछ बोली नहीं और लौड़े पर जीभ फेरने लगी.. वो बहुत ज़्यादा मस्ती में आ गई थी। उसकी चूत लौड़े के लिए दोबारा तैयार हो गई थी।
चूत में लौड़ा जाएगा तो फटेगी ही ना.. वैसे कुछ भी कहो.. तुम सच में कमाल की हो.. ऐसे हुस्न के साथ आज तक कुँवारी घूम रही हो.. अगर तुम मेरी बहन ना होती.. तो मैं कब का तेरी चूत फाड़ चुका होता।