चूचियाँ कलमी आम-3
अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी तरह तैयार है जो उसके मेरे सीढ़ी चढ़ने पर कहे शब्दों से और सिद्ध हो गया- बाबू, चल तो रही हूँ। कहीं कमर में झटका न आ जाए नही तो क़लमी आम तो क्या संतरे की फांक भी नहीं मिलेगी, मैंने उसे […]