चचेरी भाभी का खूबसूरत भोसड़ा -8
भाभी मेरे ऊपर बैठ कर चुदवा रही थी, बल्कि मुझे चोद रही थी। साथ ही हम दोनों बातें भी कर रहे थे। मैं भाभी की चूत की तारीफ़ करते हुए उनकी गान्ड में उंगली करने लगा तो…
जीतू मेहसाणा (गुजरात) का रहने वाला हूँ, अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मुझे अन्तर्वासना की कहानियां बहुत पसंद हैं।
मैं एक औसत किस्म का लड़का हूँ.. मेरी उम्र 25 साल, मेरी लम्बाई 5’7″, मेरे लण्ड की लम्बाई 7 इंच, मोटाई 2 इंच है।
चूत चाटना मेरा सबसे बड़ा शौक है। मुझे लड़कियों और भाभियों की चूत की खुशबू और स्वाद बहुत पसन्द है।
यह सत्य घटना करीब छह माह पूर्व की है, मेरी मेहसाणा में नई नौकरी लगी थी। मेरा गाँव मेहसाणा से 50 किलोमीटर दूर था और मुझे वहाँ जाने के लिए दो बसें बदलनी पड़ती थीं और रात को घर लौटने में भी देरी हो जाती थी।
मेरा एक चचेरा भाई मेहसाणा में ही रहता था.. तो घर वालों ने मुझे भाई के साथ रहने को कह दिया। उनके घर में भैया, भाभी और एक दस साल की बेटी थी।
भाभी करीब 33 साल की है, वो एक बहुत खूबसूरत कमनीय शरीर की मालकिन है, उनके चूचे 36 सी साइज के हैं और चूतड़ों का तो पूछो ही मत.. कमाल के गोल, भरे हुए हैं.. देखते ही जी करे कि जोर से काट लें।
कोई अगर एक बार उनको साटन की नाईट वियर में देख ले.. तो मेरा दावा है कि मुठ मारे बिना नहीं रह सकता।
भाभी मेरे ऊपर बैठ कर चुदवा रही थी, बल्कि मुझे चोद रही थी। साथ ही हम दोनों बातें भी कर रहे थे। मैं भाभी की चूत की तारीफ़ करते हुए उनकी गान्ड में उंगली करने लगा तो…
भाभी के क्या कमाल के मखमली चूतड़ हैं… और उस पर गाण्ड की पागल कर देनी वाली दरार.. क्या कमाल का नजारा होता है दोस्तों.. जब भाभी मुझे अपना पिछवाड़ा दिखाती हैं!
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे भाभी की खूबसूरत चूत नसीब हुई। अब कहानी के इस हिस्से में भाभी के साथ कैसे संयोग बना और पूरी रात भाभी की जी भर कर चुदाई हुई!
मेरा वीर्य उनकी जांघों से रिस कर बाहर आने लगा, देख कर भाभी बोलीं- देवर जी आप कितना झड़ते हो.. तुम्हारे भैया की तो कुछ बूँदें ही बाहर आती हैं.. वो भी कभी-कभार ही! मैंने कहा- इसे चख कर देखो भाभी..
वे मुझे अपनी और खींचते हुए बोलीं- आ जाओ मेरे अन्दर मेरे चोदू देवर जी। मैं इस पर खुश होकर भाभी को सोफे पर गिरा कर उन पर चढ़ गया और जोर से उनको भींच लिया।
मैं तो उनकी गुलाबी गली देखता ही रह गया.. एकदम गुलाबी और छोटा सा छेद। मैं यह सोच रहा था कि एक शादीशुदा और दस साल की बेटी की माँ की चूत का छेद इतना छोटा कैसे हो सकता है।
एक दिन भाभी बाथरूम में मूत रही थीं, मैं दरवाजे के नीचे से उनकी चूत देख रहा था। तभी अचानक से उन्होंने वैसे ही बैठे हुए ही टॉयलेट का दरवाजा खोल दिया, मैं डर के मारे वहीं खड़ा रहा।
मुझे अपने चचेरे भाई के साथ रहने का मौक़ा मिला तो भाभी की सुन्दरता मेरे लौड़े पर कहर ढाने लगी. बाथरूम में भाभी मूतने गई तो अनायास उनकी चूत के दर्शन मुझे हुए!