अठरह की उम्र में लगा चस्का-3
मैं नीचे झुकी तो सामने नाग देवता मुझे सलामी दे रहे थे, गुप्ता जी ने लंड निकाल रखा था, मैं कुतिया की तरह गई, पकड़ सहलाने लगी, मुँह में डालकर चूसने लगी, लंड को चूस चूस मैंने मलाई पूरी निकाली और पी गई।
मैंने बारहवीं में गारमेंट डिज़ाइनिंग का विषय लिया था। फाइनल एग्जाम के मुझे एक टेक्सटाइल कम्पनी में ट्रेनिंग पर भेजा गया। ट्रेनिंग के दौरान मैं कम्पनी के मालिक को पसंद आ गई। इसके बाद उन्होंने मुझे किस तरह चोदा और हमारी कहानी कैसे आगे बढ़ी ये जानने के लिए कहानी को पढ़ें।
मैं नीचे झुकी तो सामने नाग देवता मुझे सलामी दे रहे थे, गुप्ता जी ने लंड निकाल रखा था, मैं कुतिया की तरह गई, पकड़ सहलाने लगी, मुँह में डालकर चूसने लगी, लंड को चूस चूस मैंने मलाई पूरी निकाली और पी गई।
छोटी उम्र में मैंने खुद पर काबू नहीं रखा, अब अपनी शरीर की ज़रुरत काबू में नहीं रख पाती, चाह कर भी मुझसे बिना चुदाई रहा नहीं जाता, चाहे वो लौड़ा किसी नौकर का हो या किसी अमीर का।
उसने मेरा कमीज़ उतरवा दिया, लाल ब्रा में कैद मेरे मम्मों को देख उनका लंड खड़ा हो चुका था जो मेरे गर्दन के करीब था, साफ़ उभरा हुआ दिख रहा था। उसने छाती से हाथ नीचे ले जाते हुए मेरा नाड़ा खोल चड्डी में हाथ घुसा दिया