अफ्रीकन सफ़ारी लौड़े से चुदाई -14
अब बारी मेरी थी.. उसके लंड का टेस्ट लेने का, मैंने उसके लंड पर थोड़ा का थूक निकाल कर लगाया और अपने होंठों से किस्सी करने लगी।
करीब तीन साल पहले बात की है तब मेरी चूत चुदाई होना शुरू हुई ही थी और मैं मज़ा लेना सीख रही थी।
मेरे चूचे भी उभर कर काफ़ी बड़े हो गए थे, मेरी चूत में अब चुदाई की ज्यादा खुजली होने लगी थी क्योंकि आपको पता है कि चूत चुदाई ऐसा नशा है, जो एक बार चढ़ जाये तो बदन पर चढ़ कर बोलता है।
यही हाल मेरा भी था।
मेरी एक सहेली थी सविता ! हम दोनों काफी गहरी सहेलियाँ थी और एक-दूसरे से हर बात बताती थी। कुछ भी ऐसा नहीं था जो हम दोनों एक-दूसरे से छुपाते हों।
हम लोग तीन साल तक एक साथ रहे। उसी बीच हमारे कई बॉय-फ्रैंड घर आए और कितने को हमने भगाया, पर हम दोनों ने एक-दूसरे को कभी मुसीबत में नहीं डाला बल्कि मुसीबत से बचाया ज़रूर, जैसे कि आप अपने बेस्ट फ्रेंड के लिए करते हैं।
साल भर पहले उसकी शादी हो गई और वो दिल्ली चली गई। मैं फिर इंदौर में अकेली हॉस्टल में रहने लगी।
हमारी सिर्फ फ़ोन पर कभी-कभी बात हुआ करती थी, पर मिलना नहीं हो पाता था।
एक बार उसने मुझे फ़ोन किया और मुझे दिल्ली बुलाने लगी।
मैंने मना किया पर उसने बहुत जोर दिया कि वो अभी अकेली है और उसका जन्म-दिन भी आ रहा है, आ जाओगी तो साथ में मना भी लेंगे।
आख़िर मैं दिल्ली आ ही गई।
सविता मुझे स्टेशन से घर लाई और कहा- तुम हाथ-मुंह धो लो, मैं नाश्ता लगाती हूँ, फिर बैठ कर सारी बातें करेंगे।
मैंने कहा- बहुत थक चुकी हूँ, नहा लेती हूँ तभी थकावट दूर होगी।
मैं नहाने के बाद कपड़े सुखाने के लिए जैसे ही ऊपर पहुँची वहाँ एक काला नीग्रो हट्टा-कट्टा मर्द कसरत कर रहा था।
मैंने तिरछी निगाह से उसे देखा और मुँह घुमा कर कपड़े सूखने के लिए टांग कर नीचे चली गई।
नीचे जाते ही मैं सविता से पूछा- यह कालिया हब्शी कौन है?
तो सविता ने बताया- वो हमारे घर में पेइंग-गेस्ट है, कीनिया से आया है, ऊपर का रूम खाली था और हम दो ही लोग रहते हैं, इसलिए सोचा ऊपर का कमरा भाड़े पर दे दें। इसी बहाने थोड़े पैसे भी मिल जायेंगे।
बस इसी कालिया हब्शी और इसके दोस्तों के काले लन्डों से हम दोनों की चुदाई की लम्बी दास्तान है यह…
अब बारी मेरी थी.. उसके लंड का टेस्ट लेने का, मैंने उसके लंड पर थोड़ा का थूक निकाल कर लगाया और अपने होंठों से किस्सी करने लगी।
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप लोगों की तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जो आप ने मुझे इतना प्यार दिया… आम लोग तो प्यार से दूसरों को पलकों पे बिठाते हैं पर आप लोगों ने मुझे उससे भी ऊँचा दर्जा दिया और मुझे अपने लंड पर बिठा लिया, इसके लिए मैं आपको और आपके लंड दोनों […]
मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया.. मेरी तरफ देखा कर वो धीरे-धीरे अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा।
मैं अपने यार के साथ चुदाई की मौज ले रही थी कि मेरी सहेली सविता मेरे घर आ गई तो मेरे चोदु ने अपना एक दोस्त बुला लिया और दिन रात चुदाई होने लगी. और जब सविता का जन्मदिन आया तो उन चोदुओं ने दो चोदू और बुला लिए..
थोड़ी देर बाद पीटर का वीर्य मेरे चेहरे और आखों पर गिर गया। मैंने पीटर से वीर्य को पीटर से ही लंड से मल लिया और फिर आराम से पीटर के लंड को चूसने लगी। वहीं पीटर भी मेरी चूत को अपने होंठों से तार-तार कर रहा था। उधर सविता ने भी अब्दुल की पीठ को कस कर पकड़ लिया और अब्दुल को चूमने लगी।
जूही परमार अब मेरी चूत अब्दुल के होंठों पर आराम कर रही थी और अब्दुल की जीभ मेरी चूत से साथ अठखेलियाँ कर रही थी। तभी मैंने देखा कि पीटर सविता को गोद में उठा कर ला रहा है, मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई। पीटर ने सविता को टेबल पर बिठा दिया और अपना […]
कुछ ही देर में पीटर का दोस्त भी ऊपर आ गया और मुझे मेरी गाण्ड के आस पास कुछ मोटा मोटे लण्ड जैसा एहसास होने लगा था। क्योंकि मेरी गाण्ड पीछे की तरफ थी इसलिए अब्दुल आराम से अपना लण्ड घुसा सकता था। और उसने ऐसे किया भी। वैसे भी कौन भला इतनी चिकनी गाण्ड […]
जूही परमार जैसे ही हमने दरवाज़ा खोला सविता सामने कुर्सी पर बैठी हुई थी। हम दोनों उसको देख आश्चर्यचकित हो गए। थोड़ी देर तक तो सविता घूरती रही और फिर हंसते हुए बोली- आखिर तुझे भी लग गया न इस अफ्रीकन लौड़े का चस्का? मुझे तो पहले से पता था कि तुझे यह बहुत पसंद […]
जूही परमार ओफ़्फ़…ओह… बातों बातों में बताना तो भूल ही गई कि नाश्ते में क्या था? ‘पोहा और जलेबी !’ हम दोनों ने नाश्ता किया और फिर मैं कपड़े लेकर बाथरूम चली गई नहाने ! पर जल्दी जल्दी में मेरी ब्रा कमरे में ही कहीं गिर गई और मुझे ध्यान नहीं रहा। मुझे ध्यान तब […]
पीटर धीरे धीरे अपना मोटा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसाने की कोशिश करने लगा था। उसका लण्ड का आगे का मोटा टोपा जो किसी बड़े आलूबुखारे जैसा दिख रहा था, धीरे धीरे मेरी गाण्ड में घुस रहा था और मुझे उसका एहसास दर्द के माध्यम से होने लगा था। जैसे ही उसके लण्ड के टोपे […]
पीटर ने दोनों हाथों से मेरे दोनों कूल्हे पकड़ कर गांड खोलने लगा। धीरे से उसने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाली और थूक लगा कर छेद में अंदर-बाहर करने लगा।
मैं फोटो देखते हुए सोचने लगी कि काश मुझे मिल जायें ऐसे लंड तो मेरी चूत की तो लाइफ बन जाए और चुदवाने में और भी मज़ा आएगा आख़िरकार जो टक्कर होगी तो बराबरी की होगी। उधर पीटर और सविता का भी आगे की चुदाई से मन भर गया, अतः अब पीटर का अगला निशाना […]
उसने सविता के चूतड़ पकड़े और अपनी तरफ खींच कर उसकी गर्दन को चूमने लगा और पीछे से उसकी ब्लाउज के हुक खोलने लगा,उसने फिर से सविता की दोनों टाँगों को फैला दिया
तीन साल पहले मेरी चुदाई नई-नई शुरू हुई थी और धीरे-धीरे मज़ा लेना सीख रही थी। मेरी चूचियाँ उभर कर काफ़ी बड़ी हो चली थीं। मेरी चूत में पहले से अधिक खुजली होती है।