उसकी चूत चुदाई का कभी सोचा ही न था -1

(Uski Chut Chudai Ka Kabhi Socha Hi Na Tha- Part 1 )

अरुण22719 2016-04-11 Comments

हैलो डियर चूत की मालकिनों और लण्ड के मालिको.. आप सभी को मेरा खड़े लण्ड से नमस्कार।
मैं अरुण.. आज फिर एक बार अपने एक अन्तर्वासना के मित्र की कहानी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ.. जिससे आपको और मेरे अन्य दोस्तों को भी खुशी होगी।

आगे की कहानी मैं अपने उसी मित्र के शब्दों में पेश कर रहा हूँ।

हैलो दोस्तो.. कैसे हो आप सब.. मेरा नाम अमित कुमार है.. उम्र 22 साल.. और लंबाई 5.6 फिट है। मैं झाड़खंड (टाटानगर) से हूँ पर अभी मुंबई में रहता हूँ और यहाँ जॉब करता हूँ।

बात आज से 4 साल पहले की है.. जब मैं 18 साल का था। उस समय मेरे पेपर चल रहे थे.. लगभग सब पेपर ख़त्म हो गए थे.. सिर्फ़ गणित का पेपर बचा था.. उस दिन समय से आधे घंटे पहले ही सब दोस्त पेपर देने पहुँच गए।
आखिरी पेपर था.. इसलिए थोड़ी बहुत मस्ती भी करनी थी।

ऐसे ही सब दोस्त आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरी नज़र सामने एक लड़की पर पड़ी.. जो कि मेरी ही उम्र की थी, वो अपने फ्रेण्ड के साथ बात कर रही थी।
मैं उसे देखता ही रह गया.. वो बहुत खूबसूरत थी।

फिर पेपर का समय हो गया.. सब अन्दर जाने लगे.. मुझे भी जाना पड़ा.. पर मैं उसे ही देख रहा था।
वो भी चली गई.. पेपर जैसे तैसे ख़त्म हुआ.. मैं बाहर निकला.. तो मैंने उसे फिर से देखा।
शायद उसे कोई लेने आया था.. तो वो चली गई.. मैं उससे बात भी नहीं कर पाया।

फिर मैं भी दोस्तों के साथ घर आ गया। मैं 2-3 दिन उसी के बारे में सोचता रहा.. पर मैंने सोचा आज मिली.. फिर कभी मिलेगी या नहीं।

मैंने उस पर से ध्यान हटा दिया.. ऐसे ही 3 महीने गुजर गए.. रिजल्ट आया तो मैं पास हो गया।
फिर मैंने कॉलेज में दाखिला ले लिया और कॉलेज जाने लगा।
एक महीने बीतने के बाद अचानक वही लड़की मुझे कॉलेज में दिखी.. जो मुझे पेपर के दौरान मिली थी।
मेरा तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

मैं उस दिन उसे देख कर बहुत खुश था। फिर मैं उसे रोज कॉलेज में देखता.. पर बात नहीं कर पाता।

ऐसे ही एक दिन मैं उदास बैठा था… तो एक दोस्त मेरे पास आया और पूछा- क्या बात है भाई.. बहुत उदास बैठे हो?
पर मैंने उसे कुछ नहीं बोला.. उसके ज्यादा ज़ोर देने पर मैंने उसे सब बात बताई।

दोस्त ने कहा- कौन है वो लड़की.. मुझे दिखा तो सही?
फिर मैंने जैसे ही अपने दोस्त को दिखाया.. दोस्त ने कहा- अरे यार.. मैं तो इसे जानता हूँ.. ये मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर रहती है.. चल आ मैं बात कराता हूँ।

मैं भी दोस्त के साथ गया।
दोस्त ने उस लड़की से बात की और मेरे बारे में बताया- ये मेरा दोस्त अमित है और ये तुमसे दोस्ती करना चाहता है।

फिर उस लड़की ने मुझसे हाथ मिलाते हुए ‘हैलो’ कहा और अपना नाम प्रीति बताया।
मैंने भी हाथ मिलाते हुए ‘हैलो’ कहा।
तब मैंने जाना कि इसका नाम प्रीति है।

फिर हमारी दोस्ती हो गई.. हम रोज कॉलेज में बात करने लगे थे.. ऐसे ही एक दिन मैंने मौका देख कर उसे ‘आई लव यू’ बोल डाला.. पर उसने ‘सॉरी’ कहा और बोली- हम सिर्फ़ दोस्त रह सकते हैं उसके आगे कुछ नहीं..
मैं उदास हो गया।

ऐसे ही एक साल बीत गया, कभी-कभी हमारी बात होती रहती थी।

एक दिन मैं मार्केट जा रहा था जहाँ बस स्टैंड होकर जाया जाता है.. तो मैं जैसे ही बस स्टैंड पहुँचा.. मेरी नज़र बस पर गई।
प्रीति बस में बैठी थी.. मैं उसके पास गया और पूछा- कहाँ जा रही हो?
तो उसने बताया- नानी के यहाँ जा रही हूँ.. 15-20 दिन के लिए।

मैंने उसके हाथ में मोबाइल देखा तो मैंने उससे उसका नम्बर माँगा.. तो उसने मुझे नम्बर दे दिया।
फिर मैं वहाँ से चला आया।
इसके बाद कभी-कभी मैं उसे कॉल भी कर लेता था।

एक दिन मैंने फिर से उसे अपने दिल की बात बताई.. उसने फिर से टाल दिया।
अब मैं कॉलेज भी बहुत कम जाया करता था और कभी-कभी उसे महीने में 1-2 बार कॉल कर लिया करता था।
ऐसे ही देखते-देखते फाइनल पेपर आ गए।

पेपर देने के बाद मैं फ्री था..
दोस्तो, मुझे लग रहा है कि आप सब बोर हो रहे होंगे.. तो आपको ज्यादा बोर नहीं होना पड़ेगा.. क्योंकि अब मज़ा आने वाला है।
यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने घर वालों से बोला- मैं पापा के पास मुंबई जा रहा हूँ.. 2-3 महीने घूम कर आ जाऊँगा।
घर वाले भी राज़ी हो गए और मैं टिकट बुक करा कर मुंबई चला गया।

वहाँ पहुँच कर मैंने पापा को कॉल किया.. पापा मुझे लेने के लिए आए.. उसके बाद कमरे पर पहुँच कर सबसे पहले नहाया फिर थोड़ी देर आराम किया।

ऐसे ही कमरे पर ही रह कर 2-3 दिन बीत गए.. फिर सामने वाले कमरे के एक लड़के से मेरी दोस्ती हो गई।
मैं उसके साथ मुंबई घूमने गया.. थोड़ी बहुत मस्ती की।

मैं भी कमरे पर रह-रह कर बोर हो रहा था.. तो मैंने सोचा कहीं पर काम किया जाए.. इससे कुछ पैसे भी आ जाएंगे और टाइम पास भी हो जाएगा।

ऐसे ही मैं एक निजी कंपनी में काम करने लगा। फिर धीरे-धीरे बहुत सारे दोस्त बनते गए। एक दोस्त था जो मेरे साथ ही काम करता था.. वो बहुत खुले विचारों का लड़का था.. हर बात बिंदास बोल देता था।
उसने मुझसे एक दिन कहा- यार चल बार चलते हैं.. मस्ती करके आते हैं।

मैं भी राज़ी हो गया.. फिर हम दूसरे दिन बार में गए.. खूब दारू पी।

फिर दोस्त ने कहा- चल किसी कॉलगर्ल को चोदा जाए।
अब मुझे भी नशा हो गया था.. तो मैंने भी कहा- ठीक है..

फिर हम दोनों ने एक-एक लड़की पसंद की.. मैंने जिस लड़की को पसंद किया.. वो बहुत खूबसूरत थी।
जब वो मेरे पास आई.. तो उसे देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
मेरे पास आते ही उसने मेरे लण्ड पर हाथ रखा.. जो कि उसे देख कर पहले से खड़ा था.. अब और होने लगा.. ऊपर से शराब का नशा..

तो उसने लण्ड पर हाथ मारते हुए कहा- चल आ जा.. मेरे साथ.. आज तुझे जन्नत का मज़ा देती हूँ।
उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कमरे में ले गई।
कमरे में जाते ही साथ उसने कहा- पहले कुछ पीते हैं.. उसके बाद सब करेंगे।

मैंने भी ‘हाँ’ कर दिया। फिर उसने 2 बियर मंगाईं। बियर आने के बाद उसने 2 गिलास में 2 बियर भरी और मुझे अपने हाथों से पिलाने लगी और खुद भी पीने लगी। बियर खत्म होने के बाद उसने अपने होंठ मेरे होंठ से लगा दी और मुझे किस करने लगी।

अब मैं भी उसका साथ देने लगा और मैं भी उसके नरम-नरम होंठों को चूसने लगा, एक हाथ से मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।
फिर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और उसके बड़े-बड़े दूध ब्रा में से उछलने लगे।
उसका फिगर साइज़ 34-30-36 का था।

अब मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को दबाने लगा और उसे किस भी कर रहा था। वो मेरे लण्ड को जींस के ऊपर से ही मसल रही थी।
फिर मैंने उसके बाकी कपड़ों को भी निकाल दिया और खुद के भी कपड़े खोल दिए।

अब मैं उसके पूरे नंगे जिस्म को चूम रहा था.. वो सिसकारियां भर रही थी।
फिर उसने मेरी चड्डी को भी निकाल दिया और मेरे लण्ड को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी।

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता.. कोई लड़की पहली बार मेरे लण्ड को चूस रही थी।
मैं तो मानो सातवें आसमान में पहुँच गया था।
वो बहुत मज़े से मेरे लण्ड को चूस रही थी.. मुझे लगा कि मैं ऐसे ही झड़ जाऊँगा।

फिर वो उठ कर मेरे लण्ड पर कन्डोम पहनाने लगी और उसके बाद वो नीचे लेट गई।
अब वो शुद्ध रंडी की भाषा में बोली- आ जा मेरे राजा..

मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रखा.. और जैसे ही धक्का दिया.. मेरा 6.5 इन्च का लण्ड एक बार में ही पूरा घुस गया.. क्योंकि वो तो एक कॉलगर्ल थी.. तो हजारों लौड़े पहले से ही खा चुकी थी।

फिर मैंने झटके देना चालू किए और उसके होंठ पर अपने होंठों को लगा दिया।
मैं उसे चूम भी रहा था और चोद भी रहा था।

वो एक रण्डी की तरह ‘सी सी.. आअहह.. ईसस्सस्स..’ कर रही थी और मुझे चुदाई का पूरा मजा दे रही थी।
मैं भी पूरे दम से उसे चोद रहा था।
दस मिनट के बाद उसने कहा- तुम नीचे आओ.. मैं ऊपर आती हूँ।

फिर हम दोनों ने अपना-अपना स्थान बदला, मैं चित्त लेट गया.. वो मेरे खड़े लण्ड पर एक बार में ही बैठ गई और उछलने लगी।
थोड़ी देर में उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगी।

शायद वो झड़ने वाली थी और वो ‘ईसस्स.. आअहह..’ जैसी आवाज़ निकालते हुए झड़ गई।
पर मैं अभी नहीं झड़ा था.. शायद शराब पीने के वजह से ऐसा हुआ था।

अब मैं नीचे से उसे झटके देने लगा.. कुछ ही देर में मुझे लगा कि मैं भी झड़ जाऊँगा.. तो मैंने अपना स्पीड बढ़ा दी।
वो भी दुबारा से गरम हो गई थी।
कोई 5 मिनट के बाद उसके झड़ें के साथ ही मैं भी झड़ गया.. इस तरह वो दो बार झड़ गई थी।

थोड़ी देर वो मेरे ऊपर ही लेटी रही, उसके बाद उठ कर मेरा कन्डोम लण्ड से निकाला और कपड़े से लण्ड को साफ़ किया, फिर मैंने उठ कर अपने कपड़े पहने.. फिर उसे उसका पैसा देकर बाहर आ गए।
दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी.. तो मुझे बहुत मज़ा आया।

मैंने देखा.. मेरा दोस्त बाहर बैठ कर दारू पी रहा था। मैं उसके पास गया.. दोस्त ने कहा- यार बहुत देर कर दी.. बेटा मज़ा आया कि नहीं?
मैंने कहा- हाँ यार.. मज़ा तो बहुत आया।

मैंने उसे ‘थैंक्स’ कहा। उसके बाद मैंने भी 1-2 पैग पिए और फिर हम कमरे पर आ गए।
उस दिन मुझे बहुत अच्छी नींद आई।

उसके बाद मुझे जब भी मौका मिलता.. तो मैं और मेरा दोस्त चुदाई करने चले जाते थे।
अब मुझे भी चुदाई में मज़ा आने लगा, मैं भी खुले विचार का बन गया था, मैं सेक्स को लेकर इतना उतावला हो गया था कि हर तरफ मुझे चूत ही दिखती थी। मैं कहीं पर भी किसी लड़की या भाभी को देखता.. तो मेरी नजर उसके दूध पर या गाण्ड पर ही चली जाती थी। मैं सोचता रहता कि काश इसकी चूत मारने को मिल जाए।

मैं मुंबई में 6 महीने रहा.. इस बीच मैंने खूब मस्ती की.. जैसा मैंने चाहा वैसा किया।
दोस्तो, आप सोच रहे होंगे कि कहानी कहाँ से शुरू हुई थी और कहाँ जा रही है।
पर विश्वास रखिए मैं एक एक बात सही और सच्ची लिख रहा हूँ.. और जल्द ही आपको वो मज़ा भी आने वाला है.. जो मैंने कभी सोचा ना था।

कहानी जारी है। अब तक की कहानी आपको कैसी लगी.. मुझे आप अपनी प्रतिक्रिया जरूर ईमेल करें।
मुझे आपके ईमेल का बहुत इंतज़ार रहेगा।
[email protected]

पोर्न स्टोरी का अगला भाग : उसकी चूत चुदाई का कभी सोचा ही न था-2

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top