शीतल की चूत की प्यास
(Sheetal Ki Chut Ki Pyas)
चूत की आग शांत करने के लिए मेरे मकानमालिक की तलाकशुदा बेटी ने मेरी मदद चाही…
मेरा नाम राज है.. मेरी उम्र 27 साल है और मेरी हाइट 5’11” है.. मेरा रंग गोरा है और मेरे लंड का साइज़ 8” है..
मैं अंतर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मैं एक कॉल-ब्वॉय हूँ.. और मुझे औरतों के साथ काम-क्रीड़ा करना बहुत पसंद है।
उस वक्त मैं जयपुर में एक शेयर मार्केट के ऑफिस में जॉब करता था। मैं जयपुर में ही एक मकान में किराए से रहता था.. मेरे साथ मेरा एक फ्रेंड भी रहता था। मेरे मकान-मलिक के घर में 3 लोग थे.. अंकल-आंटी और उसकी बेटी।
बेटी की शादी हो चुकी थी लेकिन ससुराल में कुछ परेशानी की वजह से वो घर में ही रहती थी। उसका नाम शीतल था और वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी। उसका रंग बहुत ही गोरा था और उम्र 25-26 के लगभग थी। फिगर तो माशाअल्लाह.. एकदम शिल्पा शेट्टी जैसा..
हम लोग काफ़ी अच्छे दोस्त बन गए थे.. मैं अक्सर चुदाई के लिए किसी ना किसी के घर जाया करता था।
एक दिन उसने मुझे एक औरत के साथ देख लिया.. मुझे नहीं पता था कि उसने मुझे देख लिया है। मैं अपना काम निपटा के घर पहुँचा.. शाम को वो मेरे कमरे में आई और मुझसे उस औरत के बारे में पूछने लगी।
तब मैंने उससे कहा- मैं एक कॉल ब्वॉय हूँ और वो मेरी कस्टमर थी।
यह सुनकर वो वहाँ से चली गई और कुछ दिनों तक हमारी कोई बात नहीं हुई।
फिर एक दिन अचानक वो मेरे कमरे में आ गई और उसने मुझसे पूछा- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे.. मैं पे कर दूँगी..
मैंने सेक्स के लिए तो ‘हाँ’ कह दी लेकिन पैसे लेने से मना कर दिया, मैंने उससे कहा- जब भी तुम्हें वक़्त मिले.. तो मुझे बता देना।
कुछ दिनों बाद अंकल और आंटी एक फंक्शन में गए हुए थे.. शीतल तबियत खराब होने का नाटक करके घर पर ही रुक गई।
उसने मुझे मैसेज किया.. तो मैं उठकर उसके कमरे में चला गया।
उसने काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी। उसने मुझे अन्दर बुला कर गेट बंद कर दिया और मुझे किस करने लगी।
मैंने बखूबी उसका साथ दिया फिर उसने मुझसे कहा- मेरे साथ वैसे ही सेक्स करना जैसे तुम अपनी ग्राहक औरतों के साथ करते हो।
मैंने कहा- ठीक है..
मैंने उसे पकड़ा और किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ देने लगी।
वो बोली- आह्ह.. राज आज मुझे तृप्त कर दो..
मैंने उससे कहा- ओके डार्लिंग आज मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा।
वो मुझसे लिपट गई।
मैंने कहा- पहले मैं तुम्हारी मसाज करूँगा उसके बाद सेक्स.. ये स्टाइल मैंने जिन-जिन औरतों पर आजमाया था.. वो बहुत खुश हुई थीं।
मैंने ज़मीन पर ही चादर बिछाई और उस के कपड़े उतार दिए, बिना कपड़ों के लड़कियाँ और भी खूबसूरत दिखती हैं।
फिर मैंने उसे चादर पर उल्टा लेटने को कहा.. वो औंधी लेट गई। फिर मैंने अलमारी मे से तेल की बोतल निकाली और थोड़ा सा तेल अपने हाथों में ले कर उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी पीठ पर मसाज करना शुरू कर दिया। पीठ के बाद पैरों की मालिश की और फिर उसे सीधा लेटने को कहा।
वो सीधी हो गई.. उसके मम्मे एकदम तने हुए थे। अब मैंने बोतल से थोड़ा तेल लिया और उसके पेट पर मालिश करने लगा। वो हल्की हल्की सिसकारियाँ ले रही थी.. और धीरे-धीरे गरम हो रही थी। फिर मैंने उसके मम्मों पर थोड़ा तेल लगाया और मम्मों को अच्छी तरह से मसलने लगा।
अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था.. उसकी सिसकारियों की आवाज़ बहुत ही नशीली थी।
मैं फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ा और उसकी चूत पर तेल लगाकर मालिश करने लगा। अब तो वो बहुत गरम हो गई थी.. मचल उठी और कहने लगी- अब बस करो.. चोद दो मुझे.. और मत तड़पाओ..
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.. वाह क्या रसीली चूत थी उसकी.. एकदम गुलाबी.. उसकी चूत का पानी तो मुझे मदहोश किए जा रहा था।
वो बस ‘आह.. आह..’ की आवाजें निकाल रही थी। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा।
उसे बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन असली मज़ा तो तभी आता है.. जब लंड अन्दर जाता है।
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फिर मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और उसके निप्पलों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
फिर वो खड़ी हुई और मेर कपड़े उतार दिए.. अब हम दोनों नंगे थे। मेरा 8” का लंड देखकर उसके चेहरे पर एक बहुत प्यारी मुस्कुराहट थी। मैंने उसे अपने लंड को मुँह में लेने को कहा.. वो बैठी और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। उस वक़्त मैं तो जैसे स्वर्ग में था। दस मिनट तक चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.. वो सारा माल पी गई।
अब मैंने उसे उठाया और पलंग पर लिटाकर उसकी टाँगें फैला दीं और अपने लंड को उसकी चूत पर रखकर रगड़ने लगा।
वो तड़प रही थी.. मेरा लंड चूत में पेलने को.. कहने लगी- अब मत तड़पाओ.. डाल दो अपना लंड अन्दर.. बहुत दिनों से तरस रही है लंड लेने को.. आज इसकी प्यास बुझा दो..
मैंने अब देर नहीं की और एक ज़ोर से धक्का लगाया.. बहुत दिनों से लंड अन्दर नहीं गया था.. इसलिए चूत थोड़ी टाइट हो गई थी।
पहले झटके से आधा लंड अन्दर चला गया.. वो दर्द से तिलमिला उठी.. उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे। मैं रुका और उसे किस करने लगा। थोड़ी देर में उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और झटका दिया.. तो पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।
अब उसे भी मज़ा आने लगा.. मैं अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से ‘आहह.. आहह..’ की आवाजें निकल रही थीं।
मैंने धक्कों की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ा दी, कुछ ही पलों बाद मैं उसे पूरी स्पीड से चोद रहा था।
वो कह रही थी- आहह.. आहह.. और ज़ोर से.. और ज़ोर से.. फाड़ दो इसे आज.. बहुत उछलती है साली.. आज तो फाड़ ही दो इसे.. आह्ह.. बहुत दिनों से प्यासी है ये.. आज इसकी प्यास बुझा दो..
मैंने कहा- आज तू नहीं बचेगी.. मेरी रानी.. आज तो तुझे जन्नत की सैर करवाऊँगा ही.. फाड़ दूँगा तेरी चूत.. आज मैं रंडी बना कर चोदूँगा तुझे तो..
‘हाँ.. बना ले मुझे अपनी रंडी.. आज तो ये चूत तेरी है.. जितना चोदना है चोद..’
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड को चूत मे डालकर चोदने लगा।
तकरीबन आधे घंटे तक धकापेल चोदने के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने पूछा- पानी कहाँ गिराऊँ?
तो उसने कहा- अन्दर ही गिरा दो।
मैंने अपना गरम-गरम लावा उसकी चूत में गिरा दिया।
इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी, वो बहुत खुश नज़र आ रही थी।
फिर हम दोनों साथ में नहाने गए.. वहाँ भी मैंने उसे एक बार चोदा। फिर मैंने उसे एक लंबी किस दी और फिर अपने कमरे में आकर सो गया.. क्योंकि अब अंकल और आंटी के आने का टाइम हो गया था।
मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल ज़रूर कीजिएगा।
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