रंडी की चुदाई
(Randi ki Chudai )
मैं आज आपको एक रंडी की चुदाई की कहानी बता रहा हूँ कि कैसे मैंने इलाहबाद में रेड लाईट एरिया मीरगंज में एक रंडी की चूत की चुदाई की.
मेरा नाम लक्की राज है, 22 साल का हूँ, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ. मैं रहने वाला लखनऊ का हूँ पर मैं घर पर बहुत कम ही रहता हूँ, दोस्तों के होस्टल या बाहर घूमने निकल जाता हूँ.
यह बात गर्मी के दिनों की है, उस दिन मैं घर पर बहुत बोर हो गया था, शनिवार को मैंने एक प्लान बनाया कि सनडे के दिन फ्रेंड आलोक रंजन, हम काफी अच्छे फ्रेंड हैं, के यहाँ इलाहाबाद घूमने जाऊँगा. उस रात मैं यही सोच कर सो गया.
अगले दिन सनडे आया और मैं सुबह 5:40 पर जल्दी उठ गया और बाथरूम जाकर फ्रेश हो गया और अपना मोबाइल, पर्स, ए टी एम लेकर स्टेशन को निकल गया. ट्रेन का टाइम 6:15 होने ही वाला था.
और ट्रेन थोड़ी देर में आ गई, मैं ट्रेन में बैठ गया और फ़िर ट्रेन चल पड़ी. ट्रेन में काफी तो स्टूडेंट्स ही थे, मैंने उनसे दोस्ती की और बातें करते-2 तकरीबन 3 घंटे बाद मैं इलाहाबाद पहुंच गया. फ़िर हम सब ट्रेन से उतरे और दोस्तों से हाथ मिला कर उन्हें गुड बाय बोला.
हम सब प्रयाग ही उतरे थे.
फ़िर मैंने अपने फ्रेंड आलोक को फोन करके पूछा कि कहाँ मिलेगा.
उसने बोला- सीधे यूनिवर्सिटी के सामने वाले हॉस्टल में आ जाओ, मैं वहीं मिलता हूँ!
मैंने सीधा एक ऑटो पकड़ा और उसे बोला- मुझे यूनिवर्सिटी तक पहुंचा दो.
मैं यूनिवर्सिटी के बाहर उतरा और आलोक को फोन लगा कर बोला- यहीं आ जाओ.
थोड़े देर बाद आलोक और उसके साथ उसके दो फ्रेंड आए. मुझे भूख बहुत जोर से लगी थी, पास में ही छोले भटुरे की एक शॉप थी, हम सबने साथ में नाश्ता किया.
उस टाइम 11 बज रहे थे. मैंने आलोक के साथ थोड़ा टाइम बिताया, बातचीत की.
बातों बातों में इलाहाबाद के रेड लाईट एरिया की बात हुई तो मेरा मन चुदाई का करने लगा. मैंने आलोक से अपने साथ मीरगंज चलने को कहाँ पर उसने मना कर दिया तो मैंने उससे मीरगंज का जाने का और चुदाई के लिए लड़की लेने का तरीका पूछा.
उसने बताया- यहाँ से ऑटो पकड़ो चुंगी के लिये और चुंगी से सीधा मीरगंज!
मैंने आलोक फ़िर साथ चलने कू पूछा, उसके मना करने पर मैंने अपने मोबाइल और पर्स उसे दे दिया, कुछ जरूरत के पैसे और सिर्फ ए टी एम लिया और वहाँ से ऑटो पकड़ कर चुंगी को निकल गया.
फ़िर चुंगी से मैंने दूसरी ऑटो पकड़ा और 15 मिनट में मैं मीरगंज पहुंच गया. मैं वहाँ पहली बार आया था. और जानकारी के लिये मैंने एक लड़के से पूछा, उसने मुझे वहाँ कैसे क्या करना होता है, बताया.
मैं देरी न करते हुये उसकी बताई गली में गया, मैंने लड़कियों को देखा, वो उस गली से गुजरने वाले लड़कों, मर्दों को अश्लील इशारे करके अपने पास बुला रही थी. वहाँ बहुत सारी लड़कियाँ थी, कुछ सुंदर थी तो कुछ साधारण सी दिखने वाली…
मैंने एक लड़की को दूर से पसंद किया और उसके पास जाकर उसका रेट पूछा.
उसने 500/- बोला.
मेरे पास 1000/- थे, लेकिन मैंने उसे दो सौ रूपए देने को कहा.
आखिर तीन सौ रुपये में सौदा पक्का हुआ.
वो लड़की कोई बीस बाईस साल की होगी, वो मुझे अपने साथ ऊपर के रूम में ले गई, वहाँ कोई नहीं था. उसने मुझसे पैसे माँगे. मेरे पास 300 रुपए खुले नहीं थे तो मैंने उसे पांच सौ का नोट दिया और बाक़ी पैसे वापिस मांगे.
उसने कहा- पहले चूत का मजा ले लो, पैसे कहीं भागे नहीं जा रहे, चुदाई के बाद नीचे से खुलवा कर दे दूंगी.
फ़िर उसने अपने नीचे के कपड़े उतारे, और मुझे पैन्ट खोलने को कहा.
मैंने उसे उसकी चूचियां नंगी करने को कहा तो बोली- इससे पैसे अलग से लगेंगे.
मेरी कामुकता बढ़ रही थी तो मैंने कहा- कोई बात नहीं… तू पूरी नंगी हो जा!
वो तो एकदम पूरी नंगी हो गई. क्या मस्त माल लग रही थी. मैंने उसे किस करना स्टार्ट कर दिया उम्म्म्म्मह… वो बहुत ही नर्म और मुलायम थी. चूमा चाटी से मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने उसके मम्मे को अपने होंटों से किस करना स्टार्ट किया तो वो आहें भरने लगी. मैंने उसकी चूची चूस चूस कर उसे गर्म कर दिया, अब वो चुदने के लिये तड़प रही.
फ़िर मैंने सोचा पहले इसकी चूत का थोड़ा पानी निकाल दूँ, फ़िर इसकी दर्द भरी चुदाई करूँगा.
मैंने उसके पूरे बदन को इतना किस किया कि वो जोर जोर की आहें भरने लगी- आआह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह पलीज़्ज़ चोदो मुझे… अब मत तड़पाओ!
फ़िर मैंने उसे बोला- डार्लिंग वेट करो, तुम्हारी सारी इच्छा पूरी करूँगा.
फ़िर मैं उसकी चूत की तरफ़ गया और मैंने उसकी चूत में उंगली डाली. साली रांड… पता नहीं कितनों का लंड ले चुकी होगी… बिल्कुल फटी चूत… पर दिखने में मस्त लग रहा था.
मैंने उसे जीभ से चाटने की सोची पर नहीं किया.
अब मैं उसे पीठ के बल लेटा दिया और दोनों पैरों को फैला दिया, उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर अपने 6 इंच के लंड को उसकी चूत में डालने लगा तो उसने मुझे कंडोम दिया- इसे चढ़ा लो!
मैंने उसे कहा- तू ही लगा दे!
उसने कंडोम मेरे लंड पर चढ़ा दिया.
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मैंने उसकी चूत में लंड एक झटके से घुसाया तो उसने थोड़ा सी दर्द की नौटंकी की- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
फ़िर मैंने अपने दोनों हाथ उसकी नाभि के बगल रखे और जोर जोर के झटके लगाने लगा. वो थोड़ी-2 आहें भर रही थी.
मुझे काफी मजा आ रहा था… उसे भी… मैं कुछ देर उसे इसी तरह चोदता रहा. कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला ही था तो मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाल लिया और अपने को झड़ने से रोक लिया.
थोड़ी देर में मैंने उसे दोबारा किस करना शुरू कर दिया.
इस बार मैं उसके नीचे झुका उसकी चूत चाटने के लिए तो उसने फिर रोक दिया- बाबू… काम ख़त्म हो गया. चलो बाहर!
मैंने कहा- अभी मेरा काम नहीं हुआ है.
उसने मेरे लंड और कंडोम को हाथ लगा के देखा कि मैं झड़ा या नहीं… फिर गुस्से से बोली- मादरचो… बिना झड़े निकाल लिया… चल जल्दी से घुसा के निपट जा…
मेरा लौड़ा तैयार था उसकी चूत में जाने के लिये… मैं तुरंत ही उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर अपने लौड़े से उस पर मारने लगा, फ़िर सीधा उसकी चूत में डाल दिया.
और इस बार काफी जोर जोर के झटके देने लगा.
उसने चिल्लाना शुरू कर दिया- आह्ह ऊह्ह ऊव्व उफ़्फ़्फ़ आह्ह!
थोड़ी देर बाद मैं डिसचार्ज होने वाला था, मैं उसकी चूत में ही डिसचार्ज हुआ क्योंकि मैंने कंडोम पहना हुआ था.
मैं उसी के ऊपर ही लेटा रहा, थोड़ी देर बाद उठा और उसने मेरे लौड़े के ऊपर से कंडोम निकाला और वहीं पड़े एक तीन के डिब्बे में डाल दिया.
उसने अपने कपड़े पहने और मेरे साथ नीचे आई.
मैंने बाक़ी पैसे मांगे तो उसने देने से मना कर दिया यह कह कर कि दो सौ रुपये पूरी नंगी होने के थे.
मैं समझ गया और मैंने अब वहाँ से निकलने में अपनी भलाई समझी.
तो दोस्तों… यह हुआ मेरे साथ रेड लाईट एरिया में…
आपको रंडी की चुदाई की यह सच्ची कहानी कैसी लगी, मुझे इमेल जरूर करना.
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