नाम प्लेबॉय काम चूत चुदाई

(Naam Playboy Kam Choot Chudai)

सागर सिंह 2017-12-17 Comments

हाय रीडर्स, मेरा नाम सागर सिंह है, मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ. मैं देखने में नार्मल हूँ मेरा वजन 59 किलो का है. उम्र 28 साल, लंड की लम्बाई साढ़े छह इंच और मोटाई तीन इंच है, जो मेरे ख्याल से एकदम परफेक्ट लंड साइज़ है. मेरा लंड किसी भी औरत की बुर की खुजली मिटा सकता है.

मैं अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स कहानियों का रेगुलर रीडर हूँ. मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित लगभग सभी सेक्स स्टोरी पढ़ चुका हूँ. मेरी दो कहानियां इससे पहले इस साईट पर प्रकाशित हो चुकी हैं.

करीब आज से 4 महीने पहले मेरे साथ एक सेक्सी घटना घटी थी. आज मैं फुरसत में था तो सोचा कि क्यों न मैं अपनी इस सच्ची सेक्स कहानी को भी आप लोगों से शेयर कर लूँ.

मुझे चुदाई का बहुत शौक है, तो मैंने अपना एड एक कॉल बॉय/प्ले बॉय के लिए इन्टरनेट पर डाल दिया. कुछ दिनों के बाद मेरे मोबाइल पर एक कॉल आया और उसने कहा कि वो मेरी सर्विस लेना चाहती है.

उसका नाम अर्पिता था (नाम बदल दिया) उसकी आवाज़ बहुत प्यारी थी. मैंने उसकी उम्र पूछी तो वो बोली- मैं 26 साल की हूँ और शादीशुदा हूँ.

अर्पिता दिल्ली में अपने पति के साथ रहती थी, उसके पति बिज़नेसमेन हैं. ओरिजनली वो नार्थ-ईस्ट यानि असम की है.

जब मैंने पूछा कि वो मेरी सर्विस कहाँ पर लेना चाहती है. मेरा मतलब दिल्ली में या गुवाहटी में?
तो उसने कहा- गुवाहटी में.
मैंने कहा- ठीक है पर कब?
तो वो बोली- दो दिन बाद.
फिर अर्पिता ने मेरी फीस पूछी.
मैं तो कंफ्यूज हो गया कि कितना बोलूँ.. क्यूंकि वो मेरा पहला टाइम था तो मैंने बिना सोचे बोल दिया- आप कितना दे पाएंगी?
वो बोली- दो दिन का बीस हजार दे सकूंगी.

यह सुनते ही मैं तो खुश हो गया.. और दो दिन बाद की डेट फिक्स की, उसने मेरे अकाउंट में पैसे भेजे, फिर हम दोनों ने उस दिन की फ्लाईट बुक की, सब कुछ तय किया, फिर वो बोली- चलो मैं तुम्हें अब दो दिन बाद गुवाहटी पहुँच कर फ़ोन करूँगी.
मैंने भी फ़ोन रख दिया,
दो दिन बाद शाम को मैं गुवाहाटी पहुँच गया. तभी मुझे कॉल आया. मैंने देखा कि कॉल अर्पिता का ही था. मैंने कॉल रिसीव किया.

उसने बोला कि वो एअरपोर्ट पर है और मेरा वेट कर रही है.
मैंने कहा- मैं बाहर आ रहा हूँ.

कुछ देर बाद एअरपोर्ट से बाहर निकल कर मैंने अर्पिता को कॉल किया और पूछा कि वो कहाँ है, तो बात करते-करते वो मेरे पीछे आ कर खड़ी हो गई.
वो बोली- मैं तुम्हारे पीछे खड़ी हूँ.
जब मैं उसकी तरफ मुड़ा तो मैं तो दंग रह गया.

उफ्फ्फ्फ़.. क्या गदर माल थी.. मेरा दिमाग घूम गया, कुछ देर तो मेरी बोलती बंद ही रह गई. गोल मक्खन सा चेहरा, क्या मस्त 32-28-34 का फिगर था यार.. उसकी हाइट साढ़े पांच फीट की होगी. वो कुर्ती पहने हुई थी.

हम दोनों बात करते हुए गाड़ी में बैठे और होटल के लिए निकल गए. अर्पिता ने पहले से ही होटल बुक कर रखा था वो भी गुवाहटी का एक बड़ा होटल था.

एक घंटे में हम होटल पहुँच गए. रूम में पहुँच कर अर्पिता बोली- मैं फ्रेश होकर आती हूँ.

वो बाथरूम में चली गई. मैं सोफे पर बैठ गया और टीवी देखने लगा. करीब दस मिनट बाद वो बाहर आई तो सिर्फ टॉवल में थी. वो सीधे मेरे पास आ कर सोफे पर बैठ गई. मैं तो बस उसे देखता रह गया, क्या मस्त लग रही थी भीगी भीगी.. उसके भीगे भीगे से बाल..

अर्पिता पूछने लगी- अरमान, तुम इस प्रोफेशन में कितने दिनों से हो?
तब मैंने कहा- यह मेरी पहली डेट है मैम.
उसने कहा- प्लीज मुझे मैम मत कहो बल्कि अर्पिता बोलो.
‘ओके अर्पिता.’
फिर उसने पूछा- तो तुमसे ये पहली बार होगा?
मैंने कहा- नहीं प्रोफेशन में पहली बार है.. लेकिन बहुत बार चुदाई कर चुका हूँ. तो मुझे अनुभव है.
हम दोनों हंसने लगे.

फिर मैंने अर्पिता के होंठों पर अपने होंठों को रख दिए, वो भी साथ देने लगी. किस करते हुए मैंने उसके टॉवल को खींच लिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.

मैं उसे किस करता रहा और एक हाथ से उसके चुचे दबाता रहा.

आहिस्ता-आहिस्ता वो मेरे ऊपर आ गई और मैं उसके गले को किस करता हुआ उसके मम्मों पर आ गया.

अह.. क्या मस्त चुचे थे उसके.. और उनके ऊपर एकदम पिंक कलर के निप्पल जड़े थे. मैं एक निप्पल को मुँह में भर के जोर-जोर से चूसने लगा और एक हाथ से दूसरे चुचे को दबाने लगा.

अर्पिता- आहह्ह… अह्ह्ह…

उसकी मादक आवाजें निकलने लगीं. मैं कभी राईट निप्पल को तो कभी लेफ्ट निप्पल को जोर-जोर से चूस रहा था.. तो कभी काट रहा था. साथ ही मैं एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था. अर्पिता की चूत एकदम साफ़ थी जैसे उसके एक-दो घंटे पहले ही बाल साफ किये हों!

मैंने दो उंगली चूत में डाल के फिंगरिंग करनी शुरू कर दी. फिर उसको सोफे पर बिठा कर चूत पर किस करना शुरू कर दिया, तो वो एकदम से सिहर उठी और मेरे सिर को अपने चूत में दबाने की कोशिश करने लगी.
मैं उसकी चूत चाटने लगा.. और वो जोर-जोर से साँसें लेने लगी.

ऐसा करीब दस मिनट तक चलता रहा फिर अर्पिता ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और किस किया. मेरी टी-शर्ट उतार दी और फिर पैन्ट भी निकाल दी. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था. मेरा लंड एकदम तना हुआ था, जो बाहर आने को मचल रहा था.
अर्पिता ने एक ही झटके में मेरे अंडरवियर को नीचे किया और बोलने लगी- वाह कितना अच्छा लंड है तुम्हारा.. आज तो बहुत मज़ा आएगा.
उसने लंड को किस करते हुए मुँह में भर लिया और आइसक्रीम की तरह लंड चूसने लगी.
मैं तो जैसे सातवें आसमान में था.

फिर 5 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने उसे खींच कर खड़ा किया और लिप किस करते हुए अपनी बांहों में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया. अपनी पैन्ट की पॉकेट से कंडोम निकाला तो अर्पिता बोली- प्लीज कंडोम से नहीं.. मुझे ऐसे ही चोदो.. आज मेरी प्यास बुझा दो, बहुत दिनों से तड़प रही हूँ. प्लीज जल्दी से चोद डालो.

मैंने अपने लंड को चूत पर रगड़ना शुरू किया और उसके एक निप्पल को मुँह में भर कर चूसने लगा.
अर्पिता चुदास से भरे स्वर में बोली- प्लीज़ और बर्दाश्त नहीं हो रहा. अब डाल भी दो यार अपना लंड और जल्दी से बुझा दो मेरी चूत की आग को.. आह..
मैंने निप्पल चूसते हुआ एक तकिया लिया और अर्पिता की कमर के नीचे रखा. लंड पहले से ही चूत पर सैट था तो मैंने एक जोर का धक्का दे दिया.

अर्पिता के मुँह से चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह…
मैंने तुरंत ही अपना मुँह निप्पल से हटा लिया और उसके होंठों के ऊपर रख कर उसे चूमते हुए और एक धक्का दे दिया. इस बार मेरा पूरा लंड अर्पिता की चूत में घुस चुका था.

अर्पिता चीख न पाए, इसलिए मैं उसके होंठों को किस करने लगा. वो चीख तो नहीं पाई, पर उसकी आँखों से आंसू निकल आए. शायद अर्पिता बहुत दिनों से चुदी नहीं थी. उसके पति काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते थे.. शायद इसलिए उसकी चुत भूखी थी.

कुछ धक्कों के बाद अब अर्पिता का दर्द भी कम हो गया और वो भी मजे लेने लगी थी. वो उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगी. तभी मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और ज़ोरदार शॉट देने लगा. पूरे रूम में हम दोनों की ‘अह्ह्ह… ओह्ह्ह…’ की कामुक आवाजें गूंजने लगीं.
अर्पिता बोलने लगी- अह.. फ़क मी हार्ड अरमान.. और जोर से चोद दो..
मैं और जोर से शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था.

बीस मिनट की लम्बी और धकापेल चुदाई के बाद अर्पिता और मैं एक साथ झड़ गए. मैंने अपना सारा पानी अर्पिता की चूत में ही छोड़ दिया. रूम एसी होने के बावजूद भी हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग गए थे.
मैंने बाहर निकलने की कोशिश की तो अर्पिता बोली- लंड को अभी अन्दर ही रहने दो.. मत निकालो.
मैंने लंड को चूत में ही फंसाए रखा और अर्पिता को किस करने लगा. उस रात हमने और भी दो बार चुदाई की, वो भी अलग-अलग स्टाइल में.

तो दोस्तो, इस तरह मैंने प्ले बॉय बन कर मस्त चूत को चोदा और पैसे भी कमाए.
कैसी लगी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी, आप मुझे जरूर बताना.
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