पांच लड़कों ने की रंडी की चुदाई
(Panch Ladkon Ne Ki Randi Ki Chudai)
हैलो फ्रेंड्स, मैं राजवीर (बदला हुआ नाम) हूँ, ये रंडी की चुदाई की सेक्स स्टोरी कुछ दिन पहले की है, जिसमें एक चालू लड़की हम 5 दोस्तों के साथ चुदी थी.
मैं गुजरात के कच्छ इलाके का रहने वाला हूँ. एक दिन मैं ऑफिस बंद करके सिटी की ओर निकला. मैं बस स्टेशन की तरफ गया ही था कि मुझे एक लड़की दिखाई दी. मैं उसको लाइन मारने के चक्कर में खड़ा हो गया.
वो भी मेरी ओर ही देख रही थी तो मैंने उसे इशारा कर दिया. उसने भी इशारे से ‘हाँ’ में जबाव दे दिया. मैंने उससे चलने का इशारा किया तो उसने भी सर हिला कर इशारा किया कि चलो.
अब मैंने मेरे एक फ्रेंड को कॉल किया, वो उधर करीब ही था और दो मिनट में ही आ गया. मैंने उस लड़की को इशारा किया और मैं आगे निकल गया, वो मेरे पीछे-पीछे आ गई.
मैंने उससे बात की और उसका नाम पूछा, उसने सीमा बताया.
मैंने पूछा- कहाँ तक जाना है?
‘मुझे कुछ किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव है.. वहाँ जाना है.’
मैंने बोला- चलो मैं तुमको छोड़ आता हूँ.
वो मान गई, हम तीनों दोस्त की कार पर चल पड़े.
रास्ते मैं हम बात करने लगे, मेरा फ्रेंड ड्राइविंग कर रहा था और हम दोनों पीछे बैठे थे.
मैंने बोला- क्या करती हो?
तो वो बोली- कुछ नहीं ऐसे ही घूमती रहती हूँ.
मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा. वो कुछ नहीं बोली मेरी और हिम्मत बढ़ी. अब मैं हाथ फेरता-फेरता उसकी चुत तक हाथ ले गया. वो गर्म होने लगी. मैं ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाता रहा. कुछ ही देर में उसे भी मज़ा आने लगा. अब वो थोड़ी कामुक सिसकारियाँ लेने लगी थी तो मैं समझ गया कि ये बहुत चुदक्कड़ है.
मैंने धीरे-धीरे उसके नाड़े तक पहुँच गया, वो कुछ नहीं बोल रही थी.
मैंने बोला- कैसा लग रहा है?
उसने बोला- कहीं साइड में अच्छी जगह गाड़ी रोक लो.
मैंने मेरे फ्रेंड से बोल दिया, उसने गाड़ी सुनसान रोड पर रोक ली. हम सब उतर कर पास में झाड़ियों के पीछे चले गए.
मैंने उसको अपनी गोद में बैठा लिया और किस करने लगा. वो भी पूरा साथ दे रही थी. मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार दिए और मेरे भी. मैं उसके बूब चूस रहा था, उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर बूब चूसने के बाद मैंने बोला- मेरा लंड चूस!
वो लंड चूसने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर थोड़ी देर मैंने बोला- चल आ जा.. अब चुत में डालता हूँ.
मैंने उसको लेटा दिया.. और मैं उसके ऊपर आ गया. मैंने लंड चुत पे सैट किया.. चुत पूरी गीली थी. मैंने एक झटका मारा, तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में आसानी से चला गया. बस उसके मुँह में से हल्की सी चीख निकली- अहह..
इसके बाद मेरे दो धक्के में मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी चुत में समा गया. वो लगातार सीत्कार कर रही थी ‘आ हह.. उफफ्फ़.. और चोद.. और ज़ोर से चोदो..’
मेरा जोश और बढ़ गया था और मैं धकापेल चोदने लगा. लगभग 15 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. मैंने रफ़्तार बढ़ा दी और फुल स्पीड पर चोदने लगा. वो भी मस्ती से चिल्ला रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
तभी मैंने लंड को उसकी चुत से बाहर निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और उसके मुँह में ही झड़ गया. मेरे फ्रेंड हमको चुदाई करते हुए चुपके से देख रहा था. मैं खड़ा हुआ तो वो भी पास में आ गया.
उसने बोला- मुझे भी चोदना है..
तो सीमा बोली- नहीं!
मेरे फ्रेंड ने बोला- जितने चाहे उतने पैसे ले लेना.
उसने पैसे के नाम पर खुश हो कर ‘हाँ’ बोल दी. फिर मेरे फ्रेंड ने भी उसकी जम कर चुदाई की.
मैं जाकर कार में बैठ गया.
कुछ देर बाद वे दोनों कार के पास आ गए, मेरे फ्रेंड ने मुझसे बोला- चलो अब मेरे फार्महाउस पर चलते हैं.. आज ये पूरी रात चुदने के लिए राज़ी है.
मेरे फ्रेंड ने उससे हमारे 3 और दोस्तों के बारे में बोला तो उसने ‘हाँ’ बोल दिया. हम सब फार्महाउस पर आ गए. कुछ ही देर में मेरे 3 फ़्रेंड भी खाने पीने का सामान लेकर आ गए.
हम सभी फ्रेंड बहुत खुश थे.
वहाँ फ़ार्म में सीमा को लेकर मैं रूम में चला गया. उसको नंगी करते हुए मैंने बोला- यार, तेरी गांड बड़ी मस्त है.. मैं तेरी गांड मारूँगा.
उसने मना किया- मैं गांड नहीं मरवाऊंगी.. आज तक मैंने कभी भी गांड नहीं मरवाई है.
मेरे थोड़ा फोर्स करने के बाद और पैसों के लालच से वो गांड मराने को भी राज़ी हो गई.
मैं उसे किस करने लगा.. वो भी साथ देने लगी. मैंने हम दोनों के पूरे कपड़े उतार दिए और सीमा को बिस्तर पे लिटा दिया. मैं उसकी सफाचट चुत चाटने लगा तो वो एकदम से गर्म हो गई और चिल्लाने लगी- उमाआह.. मर गई.. एयेए अहह ह्म्म्म्म .. बहुत मज़ा आ रहा है.
बाद में हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए. मैं सीमा की चुत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगे. मैं बीच-बीच में उसकी गांड भी चाट देता था, तो वो झड़ गई.. उसके कुछ ही देर बाद मैं भी झड़ने वाला था. वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और आख़िर में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
इसके बाद हम सीधे लेट गए. वो मेरे लंड को फिर से चाटने लगी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैंने उसको घोड़ी बनने को बोला तो वो झट से घोड़ी बन गई. मैंने ढेर सारी क्रीम उसकी गांड पर लगाई और अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी गांड के छेद पर रखा और झटका दे मारा, लेकिन लंड फिसल गया.
मैंने उससे बोला- तू अपने हाथ से थोड़ा गांड को खोल!
उसने ऐसा ही किया, मैंने फिर से लंड को टिकाया और उसकी कमर को जोर पकड़ लिया. फिर मैंने ताक़त लगा के धक्का मारा तो मेरे लंड का सुपारा घुस गया. अब वो चिल्लाने लगी और रोने लगी.
मैंने ताक़त लगा कर उसकी कमर को पकड़ लिया और ऐसे ही रुक गया. कुछ पल बाद जब वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने दूसरा झटका दे मारा. इस बार मेरा आधा लंड सीमा की गांड में घुस चुका था, पर उससे दर्द सहन नहीं हो रहा था.
वो मुझे गालियां देने लगी- छोड़ दे मेरे को.. भैनचोद बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. प्लीज़ छोड़ दो.
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और लंड लगाए टिका रहा. थोड़ी देर के बाद वो शांत हो गई और मैंने फिर से एक करारा झटका मारा तो मेरा 7 इंच का पूरा लंड उस रंडी की गांड में जड़ तक घुस गया.
वो तड़पने लगी.. मैं रुक गया. थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और मेरा साथ देने लगी. अब मैंने चुदाई की स्पीड और बढ़ाई और कुछ देर बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
इसके बाद हम दोनों थोड़ी देर के लिए लेट गए. फिर मैं बाहर निकला और मेरा फ्रेंड अन्दर घुसा और वो भी सीमा को चोद कर बाहर निकल आया. वो नंगी हालत में सीमा को भी साथ में ले आया.
हम सब बैठ गए और सभी ने साथ में खाना खाया और मस्ती की. बाद में मेरे 3 फ्रेंड भी सीमा को चोदने के बाद बाहर आए. उसे हम पांच दोस्तों ने पूरी रात मैंने बार-बार चोदा और कई बार गांड मारी.
हम सब लोगों ने पूरी रात में लगभग 14 बार उस रंडी की चुदाई की. सुबह उसको छोड़ आए और दस हजार रूपए दे दिए.
यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी थी, ये एक रियल रंडी की चुदाई की सेक्स स्टोरी है. आपको अच्छी लगी या नहीं, मेल करें!
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