पेड सेक्स में दिया परम आनन्द
(Paid Sex Me Diya Param Aanand)
लखनऊ की एक भाभी ने मुझे पेड सेक्स के लिए बुलाया. उसने मेरी कहानी पढ़ कर मुझसे सम्पर्क किया था. मैं उसके पास गया और उसे पूर्णरूपेण संतुष्ट किया. पढ़ें ये सब कैसे हुआ!
दोस्तो, मैं विकी फिर से एक पेड सेक्स नई सच्ची घटना के साथ आपके सामने हाजिर हूँ.
यह कहानी मेरी पिछली कुछ कहानियों
मस्त पड़ोसन भाभी दिल खोलकर चुदी
ट्रेन में मिली महिला की सेक्स की प्यास
से जुड़ी हुई है क्योंकि मेरी पिछली कहानी
मालकिन के साथ नौकरानी के मजे
यहां पर नहीं छपती, तो शायद यह अनुभव मुझे सच में नहीं मिल पाता.
एक नए अहसास के साथ मैं आप सभी का स्वागत करते हुए अपनी बात लिख रहा हूं.
मेरी पिछली कहानी पढ़ कर आप सभी बहुत सारे मुझे मेल आए. कुछ दोस्तों ने लिखा कि उस रांची वाली मैडम का नंबर दे दो, नाम बता दो … वगैरह वगैरह. मैं अपने उन सभी पाठकों से कहना चाहता हूं कि यह नामुमकिन है. मुझसे जो भी जुड़े हैं या मैं जिनसे भी मिला हूं, मैं उनकी गोपनीयता भंग नहीं कर सकता हूँ.
ये कहानी वहीं से शुरू हुई है … जब मुझे पिछली कहानी के दो ईमेल आए थे. मैं यहां इस कहानी में पहली वाली ईमेल की जिक्र कर रहा हूं. जिस लड़की का मेल आया था, मैं यहां उस मैडम का काल्पनिक नाम यूज करूंगा, क्योंकि यह कहानी मैं उन्हीं की परमिशन लेकर यहां पर लिख रहा हूं. जब मैंने उनसे इस कहानी को अन्तर्वासना पर लिखने की बात कही, तो उन्होंने शर्माते हुए मुझे हां तो कह दी, लेकिन बोला कि उनका ओरिजिनल नाम इस्तेमाल ना करूं. इसलिए यहां उनका नाम मलीहा रख लेते हैं.
अब मैं बताता हूं कि उनका जो ईमेल आया था. उस मेल में मलीहा ने मेरी कहानी का जिक्र किया और मुझे बधाई भी दी. मेरे सेक्स करने की नजरिए की तारीफ भी की. उस मेल का जवाब देते हुए मैंने भी उन्हें शुक्रिया अदा किया. बात यहीं खत्म हो गई.
फिर कुछ दिन बाद उनकी एक और ईमेल आई. ये मेल करीब एक हफ्ते बाद आई थी. उस मेल में उन्होंने लिखा कि मैं आपके बारे में ही सोच रही थी. मैं आपसे एक बात करना चाहती हूं. क्या पूछ सकती हूँ? मैं आपके उत्तर का इन्तजार करूंगी.
उस वक्त वो मुझे ऑनलाइन दिख रही थीं.
मैंने जवाब में लिखा- हां हां … क्या बात है बोलिए?
उन्होंने बोला- यहां लिखने में हिचकिचाहट होती है. कहां से स्टार्ट करूं कैसे कहूं, क्या आप मुझे अपना फोन नंबर दे सकते हैं.
मैं थोड़ा सकते में आ गया. किसी अनजान व्यक्ति से मैं अपना नंबर शेयर करना मेरे लिए थोड़ा कठिन था.
शायद मलीहा ने मेरी इस हिचकिचाहट को पहचान लिया. उन्होंने कहा- आप मुझ पर थोड़ा ट्रस्ट कर सकते हैं. मैं आपकी इस हिचकिचाहट से समझ सकती हूं. धीरे धीरे जब हमारी बातें होने लगेंगी, तो आपके मन की सारी दुविधाएं दूर हो जाएंगी.
फिर मैंने कुछ सोच कर अपना नंबर उन्हें दे दिया. रात में करीब 10:00 बजे मुझे किसी अनजान नंबर से फोन आया. वैसे मैं अनजान नंबर से फोन उठाता नहीं हूं. जब उसी नम्बर से दो बार फोन आया, तो मैंने फोन साइलेंट कर दिया.
फिर उन्होंने टेक्स्ट मैसेज किया- विक्की जी ये मैं बोल रही हूं, फोन उठाइए.
ये मैसेज देखने के कुछ देर बाद फिर उनका फोन आया, तो मैंने रिसीव किया. उधर से बहुत ही मीठी सी आवाज आई- नमस्कार विकी जी …
मैंने भी नमस्कार करते हुए उनका नमस्ते स्वीकार किया और औपचारिक रूप से फोन में शुरूआती बातें होती हैं.
मैंने वह सब पूछते हुए उनसे पूछा- आप कैसे हैं, कहां से हैं?
उन्होंने बताया- मैं लखनऊ से हूँ.
मैंने भी लखनऊ शहर की कुछ शान में कुछ कहा. इसके बाद मैंने उनकी आवाज की तारीफ की कि आपकी आवाज बहुत सुरीली है.
उन्होंने धन्यवाद कहा.
फिर मैंने उनसे पूछा- बताइए कैसे फोन किया?
पहले तो उन्होंने भी मेरा हाल समाचार पूछा और हिचकिचाते हुए बोला- जब से आपकी कहानी पढ़ी है, पता नहीं क्यों आपके बारे में ही सोच रही हूं.
मैंने उन्हें धन्यवाद करते हुए पूछा- क्या सोच रही हैं … निसंकोच कहिए.
फिर उन्होंने तुरंत कहा- क्या आप मुझसे मिल सकते हैं.
मैं एकदम से हक्का बक्का रह गया. मैंने पूछा- इतना जल्दी … मैं आपको न जानता हूं … ना मैंने आपको देखा है. फिर कैसे?
उन्होंने कहा- आपका व्हाट्सएप नम्बर यही है क्या?
मैंने बोला- हां.
उन्होंने मेरे व्हाट्सएप पर थोड़ी ही देर में अपनी कुछ फोटो भेज दीं. फोटो में वह बहुत अच्छी लग रही थी. मुझे 35 से 38 की उम्र की लग रही थीं और बहुत खूबसूरत लग रही थीं.
थोड़ी देर बाद उनका फिर से कॉल आया. उन्होंने पूछा- कैसी लगीं मेरी फोटो … जो मैंने भेजी हैं?
मैंने बोला- मलीहा जी, आप तो बहुत ही मस्त लग रही हैं … बिल्कुल किसी मॉडल की तरह हैं.
इस पर उन्होंने धन्यवाद कहते हुए कहा कि अरे नहीं मैं इतनी भी सुन्दर नहीं हूँ. आपने तारीफ़ की, उसके लिए आपका शुक्रिया.
मैंने उनसे पूछा- आपकी फिगर क्या है?
उन्होंने बोला कि यह फोटो देखकर अंदाजा लगाइए.
मैं- फोटो देखकर कैसे अंदाजा लगाया जा सकता है?
फिर भी मैंने उनके जोर देने पर बोला कि मुझे तो 32-28-36 का फिगर लगता है.
उन्होंने कहा- आपका अंदाजा लगभग सही है.
मैंने लगभग का मतलब पूछा, तो उन्होंने बोला कि ऊपर 2 इंच ज्यादा है.
मैं हंस दिया. हमारी बातें इसी तरह होती रहीं. मैंने उनसे पूछा कि आप मुझसे क्यों मिलना चाहती हैं?
वो इस बात पर बड़ी बिंदास बोल रही थीं. वो बोलीं- मुझे आपसे सेक्स करना है … इसीलिए मुझे आपका कुछ टाइम चाहिए. मैं बहुत अकेली हो गई हूं.
मुझे उनकी फोटो देख कर इस बात का कुछ अंदाज तो हो गया था. मैंने उनकी फैमिली के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि उनके हस्बैंड का बिजनेस है और वह अक्सर बाहर ही रहते हैं. घर आते भी हैं, तो मुझे ध्यान नहीं देते हैं. मेरी दो बेटियां हैं, दोनों बाहर के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं. यहां मैं अकेली रहती हूं.
मुझे सारा माजरा समझते देर ना लगी. चूंकि मैं भी उनकी फोटो देखकर सम्मोहित हो गया था. मैं उनकी इच्छा को ना नहीं कह पाया.
मैंने उनसे कहा- आप मुझसे कब मिलना चाहती हैं और मिलना कहां है?
उन्होंने मुस्कुरा कर जवाब दिया- कितना सब कुछ तो बता दिया और आपको अब भी मिलने के समय और स्थान को जानने की आवश्यकता है. मैं लगभग अकेली रहती हूं, आप जब भी फ्री हों, तो मेरे घर पर ही आ जाइए. यहां आपको टोकने वाला कोई नहीं है.
मैंने कहा- ठीक है … पर पटना से लखनऊ जाने के लिए समय और पैसे भी तो चाहिए होते हैं. जब मेरा उधर का प्रोग्राम बनेगा, तो मैं आपसे मिल लूंगा.
मतलब मैंने उसे बता दिया था कि मैं सिर्फ पेड सेक्स करता हूँ.
इस तरह मैंने उन्हें अपनी मजबूरी बताई.
उन्होंने मेरी बात को समझते हुए कहा- आप पैसे की फ़िक्र मत कीजिए, आप बस ये बताइए कि आप कब आ रहे हैं.
मैंने 3 दिन बाद आने का कहा.
उन्होंने मुझसे मेरा अकाउंट नंबर लिया और एक घंटे बाद मेरे मोबाइल पर मैसेज आया कि मेरे खाते में पांच हजार रूपए आ गए हैं.
मैंने उनको बताया कि मैं अपना रिजर्वेशन करवा कर आपको सूचित करता हूँ.
इस पर उन्होंने मुझे वापसी का टिकट बुक करने के लिए ये कहते हुए मना कर दिया कि वापसी का बाद में देख लेंगे.
मैं हां कर दी. फिर ट्रेन में सीट बुक करके मैंने उन्हें अपना आने का प्रोग्राम बता दिया.
फिर मैं बताए हुए दिन पटना से लखनऊ के लिए निकल गया. रात में गाड़ी थी और लगभग सुबह में मैं लखनऊ पहुंच गया. लखनऊ स्टेशन पर पहुंच कर मैंने उन्हें कॉल किया.
उन्होंने बताया कि मैं स्टेशन के बाहर ही खड़ी हूँ. मुझे मालूम था कि आप किस ट्रेन से आ रहे हैं, तो मैं आपकी ट्रेन की लोकेशन अपने मोबाइल से चैक कर रही थी.
मैं उनसे दस मिनट में आने का कहा. बाहर आकर मैंने उन्हें देखा, तो बस देखता ही रह गया. उस परी का रूप देख कर मैं तो जैसे अवाक रह गया. जितनी सुन्दर वो अपनी फोटो में देखने में लग रही थीं, उससे कहीं ज्यादा वह सामने से देखने में लग रही थीं.
क्योंकि मैंने भी अपनी फोटो उनको भेजी हुई थी, तो उनको भी मुझे पहचानने में देर ना लगी.
मलीहा ने मेरे पास आकर मुझे हिलाया और बोला- कहां खो गए?
मैं क्या बोलता. वहां पर भीड़ थी, फिर भी मैंने उनकी सुन्दरता की थोड़ी सी तारीफ़ की.
वो थोड़ी शरमाईं और मुस्कुरा कर बोलीं- अब चलिए भी.
इस वक्त वो हल्के ब्लू कलर की साड़ी में आई थीं और वो एक स्लीबलैस ब्लाउज पहने हुई थीं. आँखों पर गौगल्स लगाए हुई थीं. मैं दिखने में बहुत ही साधारण था. मुझे तो मानो कोई हूर की परी का साथ मिल गया था.
मैं उनके साथ चल दिया.
मलीहा मेरे साथ बाहर आकर मुझसे एक जगह रुकने के लिए बोलीं. फिर कार पार्किंग से अपनी गाड़ी लेकर आईं. वह खुद ही कार ड्राइव कर रही थीं. मैं उनकी कार में बैठ गया और उनके साथ चल पड़ा.
अभी यह सब बताने की जरूरत तो नहीं थी कि उनका मकान कैसा था. ये जाहिर सी बात थी, महंगी कार देख कर ही लग गया था. फिर भी मैं बता देता हूं कि उनका घर एक आलीशान मकान था. कोठी देख कर ही लग रहा था कि घर में काफी नौकर चाकर भी होंगे.
वो मुझे घर में अन्दर ले गईं … तो मैंने उनसे पूछा- मेरा कमरा कौन सा है?
वो मुझे अपने कमरे के बगल वाले कमरे में ले गईं और बोलीं- यह आपका कमरा है.
उन्होंने मुझे बाद में बताया कि मैं आपको अपने कमरे में ही रोकना चाहती थी, लेकिन घर में नौकर चाकर हैं, तो जरा सावधानी रखना पड़ती है.
मैं ओके कह कर उस कमरे में चला गया. कमरा काफी अच्छा था. मैं फ्रेश होकर बाहर निकला, तो वह मेरे कमरे में बैठी हुई थीं.
जैसे ही मैं बाथरूम से बाहर निकला, तो मैं अपने तौलिए में था. वह भी अब तक अपने कपड़े बदल आ गई थीं. वो उठ कर मेरे सीने से चिपक गई.
एकाएक हुए इस हमले से मैं एकदम से अकबका गया. फिर मैंने भी इसका रिप्लाई दिया और उन्हें कसके अपने गले से लगा लिया. वो चूंकि एक फ्रॉक जैसी शॉर्ट्स नाइटी पहन कर आई थी. जिससे मुझे भी थोड़ा उत्तेजना होने लगी. जब मैंने उन्हें कसके गले से लगाया, तो इस उम्र में भी उनके चूचे मुझे काफी टाइट लगे. उनके कड़क मम्मे मेरे सीने से दब रहे थे, जिससे मुझे उनकी कसावट और सख्ती का आभास हो गया.
चूंकि मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है और उनकी मुझे काफी कम थी … यही कोई लगभग 5 फुट 1 इंच के आसपास. मैंने उन्हें अपनी बांहों में दबाते हुए ऊपर उठा लिया और उनके होंठों पर किस कर दिया.
आह क्या मखमली अहसास था. मैं उनके होंठों को चूमता ही रहा. अभी वो भी जैसे मुझमें खो जाना चाहती थीं.
हम दोनों ने 5 मिनट तक किस किया उसके बाद मैं उनसे अलग हुआ. उन्होंने नजरों को झुकाते हुए बोला- मैं तो आपके लिए चाय लाने वाली थी, लेकिन आप बाथरूम से निकले, तो मैं अपने आपको रोक नहीं पाई.
मैं हंस दिया.
फिर उन्होंने कहा- आपको यहां कम से कम 5 दिन रुकना होगा.
ये उन्होंने पहले भी बता दिया था कि आप जब भी आओगे, तो मैं आपको एक दो दिन में जाने नहीं दूंगी.
मैं भी हामी भर दी थी और उसी हिसाब से अपना प्रोग्राम बनाया था.
फिर उन्होंने दुबारा चाय बनाई. मैंने भी चाय पी, मेरे साथ उन्होंने भी पी. इसके बाद किसी कामवाली को आवाज आई, तो वो कप प्लेट उठा कर बाहर चली गई.
थोड़ी देर बाद मलीहा जी मुझे नाश्ते के लिए बुलाने आईं. हम दोनों ने साथ में ही नाश्ता किया, लेकिन मैंने ध्यान दिया कि जब मैं आया था, तो 8-10 नौकर थे. पर अभी सिर्फ एक ही नौकरानी हमें खाना परोस रही थी. तो मुझे समझते देर ना लगी कि इन्होंने सभी को छुट्टी दे दी है. फिर भी उन्होंने भी मुझे इशारों में ही सारी बातें बता दीं. मैं समझ गया.
नाश्ता करके मैं अपने रूम में आ गया. वह भी मेरे साथ रूम में आईं और दरवाजे को अन्दर से लॉक कर दिया. मैं समझ गया कि पहला राउंड अब शुरू होगा.
वह दरवाजा बंद करके मेरे गले से लग गईं और फिर मुझे लंबी लंबी किस करने लगीं. मैं भी उन्हें किस करने लगा. किस करते करते मुझे उनके मादक बदन की खुशबू मदहोश करती जा रही थी. उनके होंठ रस से भरे जैसे लग रहे थे … जैसे ये मेरे चूसने के लिए ही बने थे. मैं उनके होंठों के रस को पीने लगा.
धीरे धीरे को मलीहा बोल भी रही थीं- तुमने अपनी लाइफ में जितना एक्सपीरियंस किया है, मुझ पर सब अमल करो. मुझे इतना प्यार करो कि बस मुझे कोई कमी न महसूस न हो. इन 5 दिनों में तुम मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर देना.
मैं भी उनको आश्वासन देता हुआ उन्हें प्रोत्साहित करने लगा. मैं उनके गले पर किस करने लगा … उनके कान के नीचे चूमने लगा. वो मेरे चुम्बनों से मदहोश होते जा रही थीं. मैं भी उन्हें पूरी शिद्दत से किस करता जा रहा था.
मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था. लंड की क्या औकात थी कि जब इतनी मस्त माल मेरी बांहों में हो, तो वो खड़ा न हो.
मैं मलीहा को किस करता जा रहा था. साथ ही मैं धीरे-धीरे उनके कपड़े भी उतार रहा था. मैंने भी सोच लिया था कि आज इनको सेक्स और प्यार का वो मजा दिलाऊंगा कि यह कभी भूल नहीं पाएंगी.
मैंने उनके कपड़ों को निकाल कर दूर फेंक दिया. एक बात का एहसास तो मुझे पहले ही हो गया था कि वह अपनी इस बेबी डॉल टाइप की नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहनी होंगी. लेकिन नाइटी उतरने से मुझे मालूम हो गया कि उन्होंने नीचे से कुछ नहीं पहना था. नाइटी को निकालते ही वह बिल्कुल नंगी हो गई थीं.
अब मैं उन्हें किस करते करते ही उनके मम्मों को भी दबा रहा था. मम्मों को दबाने और निप्पलों को छेड़ने से धीरे-धीरे उनकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं उनके गले पर किस करते जा रहा था, कभी उनके कानों के नीचे, कभी उनकी आंखों पर, कभी उनके गालों पर, कभी उनके होंठों पर चुम्मा लेते जा रहा था. मैं उनके गले पर स्वीट बाइट भी दे रहा था. मलीहा बिल्कुल पागल होती जा रही थीं.
धीरे-धीरे मैं अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया. मेरी उम्मीद के मुताबिक़ ही उनकी चूत गीली हो चुकी थी. उन्होंने भी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया. उनके हाथ लगाते ही मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया, लेकिन मैं इतनी जल्दी तो चूत में लंड डालने वाला नहीं था.
मैं किस करते-करते अब उनकी चूची को चूसने लगा था और चूत को मसलता जा रहा था. मलीहा के हाथ भी लगातार मेरे लंड पर चल रहे थे.
इसी बीच मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में अन्दर घुसा दिया.
मलीहा इससे एकदम से उचक पड़ीं और मेरे सर को अपने चुचे पर दबाने लगीं. अब मलीहा बोलने लगीं- आह … जोर जोर से. मुझसे रहा नहीं जा रहा.
धीरे धीरे मैंने मलीहा को बेड पर लिटा दिया और उनके दोनों मम्मों को चूसते हुए धीरे धीरे नीचे को आता जा रहा था. अब मैं उनके पेट पर भी स्वीट बाइट दे रहा था. मैंने अपने एक हाथ का अंगूठा उनके मुँह में दे दिया. मलीहा मेरे अंगूठे को चूसने लगीं. मैंने उनको पलटा दिया. मैंने उनकी पीठ पर जैसे ही स्वीट बाइट और किस करना चालू किया, वह पागल होने लगीं.
फिर मैं धीरे धीरे किस करते हुए और नीचे आया. अब तो जैसे वो मदहोश हो गई थीं. मैं उनकी चूत को चूमने लगा. वो चूत पर मेरे होंठों का अहसास पाते ही एकदम से सिहर उठीं. अगले ही पल मैंने उनकी चूत को जीभ से सहला दिया. उनकी टांगें एकदम से फ़ैल गईं. मैं अपनी एक उंगली को उनकी चूत में अन्दर बाहर भी कर रहा था. मलीहा मदहोश हुए जा रही थीं, पागल होती जा रही थीं. उनके मुँह से पता नहीं क्या-क्या आवाज निकल रही थीं.
मैंने अपने मुँह को उनकी चूत से लगा दिया और छूट को चूसने लगा. मलीहा इतनी अधिक भरी हुई थीं कि वो रुक ही न सकीं. अगले ही पल उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ठंडी हो गईं.
मैं उनकी चूत में से निकले रस को कहां छोड़ने वाला था. मैंने उनकी चूत को चूसना लगातार जारी रखा. उनका सारा रस चाट लिया. काफी मदभरा नमकीन रस था. मैंने जब चुत को लगातार चूसना जारी रखा, तो धीरे-धीरे मलीहा फिर से गर्म होने लगीं
अब मैंने भी अपनी पोजीशन को बदल लिया. मैं 69 में आ गया था. मैं उनकी चूत चूस रहा था और वह मेरा लंड चूस रही थीं. मलीहा मेरा मस्त लंड बड़ी मस्ती से चूस रही थीं. मुझे भी मजा आने लगा था. एक तो उनकी चूत के पानी ने मुझमें एनर्जी को भर दिया था.
मुझे चूत का पानी बहुत अच्छा लगता है, इसलिए मैं उसे पी जाता हूं. इससे सामने वाली लड़की को भी बहुत अच्छा लगता है.
मैं उनकी चूत को चूस रहा था और उंगली से और जीभ से चोद भी रहा था. मलीहा अपने पांवों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए जा रही थीं और मेरे लंड को जोर जोर से चूसने में लगी थीं.
कुछ देर चूत चुसवाने के बाद वह मेरा लंड मुँह से निकाल कर बोलीं- अब इंतजार नहीं होता … तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.
मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. मैंने अपना आसन बदला और उनकी चूत पर अपना लंड लगा कर सुपारा घिसने लगा.
वह मुझे मदहोश नजरों से देखे जा रही थीं. मैंने भी इंतजार करना उचित नहीं समझा और उन्हें किस करते हुए धीरे-धीरे उनकी चूत में लंड डाल दिया.
मैं बड़े प्यार से लंड को चूत में पेल रहा था. मैं हौले हौले मलीहा की चुदाई करने लगा. वो ना जाने कैसी कैसी आवाजें निकालती जा रही थीं. मैं उनकी चुदाई करते जा रहा था.
मुझे चुदाई में बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड अभी भी उनकी चूत में मस्ती से चल रहा था. वो मेरे लंड से दो बार झड़ चुकी थीं.
मैंने इस तरह लम्बी चुदाई के बाद महसूस किया कि मैं अब झड़ने की कगार पर आ गया हूँ. तब मैंने उनसे पूछा- पानी कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दो.
मैं 15-20 धक्के जोर जोर से लगाते हुए उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट गया.
मैंने उनकी आंखों में देखा, तो मुझे एक अजब सी संतुष्टि का भाव दिख रहा था.
उन्होंने मुझे फिर से किस किया. कुछ पल बाद मैं मलीहा की बांहों में बांहें डाले चिपक कर बगल में लेट गया और गहरी नींद में सो गया.
फिर दोपहर में उन्होंने मुझे खाने के लिए जगाया. मेरे खाने के लिए विशेष ध्यान रखा गया था. मेरे खाने में बड़े ही पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई थी. दोपहर के खाने के बाद मलीहा ने मेरे संग फिर से सम्भोग का मजा लिया. मुझे मालूम था कि ये अपना सारा दुःख करके ही मानेंगी.
इस तरह 5 दिन में मैंने 20 बार उनके साथ सेक्स किया. मेरे वहां से जाने का समय हुआ, तो वह भावुक हो गईं और मेरे बैग में चुपके से एक लिफाफा रख गईं. मैंने उस लिफ़ाफ़े को रखते हुए देख ही नहीं पाया था. मैंने पटना आकर बैग खोला तो लिफाफा दिखा. उस लिफाफे में कुछ पैसे नहीं थे, बल्कि एक अच्छी खासी रकम थी. साथ में एक धन्यवाद पत्र भी था.
दोस्तो, यह थी मेरी मलीहा जी के संग पेड सेक्स की कहानी, आपको कैसी लगी … मुझे मेल कीजिएगा. शुरूआत में मैंने लिखा था कि मुझे दो ईमेल आई थीं, दूसरी ई-मेल वाली सेक्स कहानी भी मैं जल्दी लिखूंगा.
धन्यवाद.
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