कॉलेज गर्ल बनी एक रात के लिये रंडी- 3

(New Girl Chut Gand Chudai)

न्यू गर्ल चूत गांड चुदाई कहानी में एक लड़की पैसों के लिए कॉल गर्ल बन कर चुदने गयी. वहां पर उसे दो अधेड़ आदमियों के सामने नंगी होकर चुदना पड़ा. पूरी चुदाई का मजा लें.

कहानी के दूसरे भाग
कॉलेज गर्ल को चुदना पड़ा 2 लंड से
में आपने पढ़ा कि एक कॉलेज की एक लड़की ने फीस भरने के लिए एक चुदाई क्लब में जाकर अपने गर्म जवान जिस्म को बेच दिया एक रात के लिए!

अब आगे न्यू गर्ल चूत गांड चुदाई कहानी:

गुप्ता जी ने मेरा हाथ पकड़ा और बेड पर लिटा दिया.
मिश्रा जी ने मेरे नर्म लाल होंठों पर अपने होंठ रख दिये और मेरे ऊपर लेट गए.

हालांकि उनके भारी वजन से मुझ पर बहुत ज़ोर पड़ रहा था पर मैं बर्दाश्त कर रही थी।
मेरी टांगें बेड से लटकी हुयी थी तो गुप्ता जी ने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत को चाटने लगे।

मैं सस्स … सस्स … सस्स … सस्स … कर के आहें भर रही थी और उस पल का भरपूर आनन्द ले रही थी।

गुप्ता जी बोले- अबे मिश्रा … ऊपर क्या लगा पड़ा है. नीचे आ … देख … ऐसी चूत आज तक नहीं देखी होगी।

तभी गुप्ता ने पूछा- सुहानी, तुमने अभी तक सेक्स नहीं किया क्या कभी? तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट लग रही है।
मैंने कहा- सर अभी दो बार ही किया है।

गुप्ता जी बोले- कौन था तेरा पहला ग्राहक? उसके तो मजे आ गए होंगे।
मैंने कहा- हाँ सर, मेरा दोस्त ही है।

उसने कहा- ऐसे ही रखना अपनी चूत को!
और खड़े हो गए और बोले- ओए मिश्रा, हट अब … मेरे से काबू न हो रहा!

तो मिश्रा जी साइड में हो गए।

गुप्ता जी ने एक झटके से मेरी दोनों टांगें हाथों से पकड़ कर खोल दी.
तो मैं हल्का सा चिल्लाई- आई … सर आराम से!
गुप्ता जी बोले- साली बहन की लोड़ी … आराम से करने के लिए इतने पैसे नहीं चुकाए तुझे! मैं तो आखिरी दम तक चोदूंगा।

अब गुप्ता जी ने मेरी चूत के द्वार पर अपना लंड टिकाया और रगड़ने लगे।
मैंने कहा- सर प्लीज आपका लंड बहुत बड़ा है प्लीज आराम से डालना।

पर शायद मर्दों को जो कहो, उसका उल्टा ही करने की आदत होती है।
वे एकदम से पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगे।

मेरी चूत इतने बड़े लंड के लिए खुली नहीं थी तो मुझे बहुत दर्द होने लगा.
मैंने कहा- आआ आआह … स्सी … सर प्लीज आराम से!
और गुप्ता जी धक्का लगाए जा रहे थे.

पर इसके बावजूद उनको भी लंड डालने में दिक्कत हो रही थी।

मिश्रा जी बोले- क्या हुआ गुप्ता? डालता क्यूँ नहीं लंड? मुझे भी तो चोदनी है इतनी सुंदर रांड … जल्दी कर!

गुप्ता जी बोले- यार, जा नहीं रहा है, बहुत टाइट चूत है।

मैं दर्द से तड़प रही थी क्योंकि उनका आधा लंड घुस चुका था पर आगे नहीं जा पा रहा था।

मुझे पहली बार के बराबर ही दर्द हो रहा था।
मैंने कहा- आहह हह हह … सर एक मिनट रुको … वरना मेरी जान निकाल जाएगी।

अब गुप्ता जी रुक गए और बोले- अरे अपनी जान की जान थोड़े ही निकालने देंगे हम!
गुप्ता जी ने अलमारी से एक सेक्स ऑइल यानि तेल की बोतल निकली और मेरी चूत में डालने लगे।

उन्होंने मेरी चूत की दीवारें उंगली डाल के चिकनी कर दी और अपना लंड भी चिकना कर दिया।
फिर बोतल मिश्रा जी को पकड़ा दी और कहा- ले साले लंड को तेल पिला … ऐसा नहीं घुसेगा इसकी चूत में!

मिश्रा जी अपने लंड को चिकना करने लगे और गुप्ता जी मेरी चूत पर आ गए।

उन्होंने अपने लंड का मुंह मेरी चूत पर रखा और कहा- तैयार है मेरी जान?
मैं जानती थी यह रात मेरी ज़िंदगी की सबसे दर्द भरी रात होने वाली है.

मैंने हाँ में सर हिलाया सर गद्दे पर रख के ऊपर देखने लगी।

गुप्ता जी अपने लंड के मुंह से ही अंदर बाहर कर रहे थे.

मुझे मजा आ रहा था और फिर एकदम से उन्होंने पीछे लेकर अपना पूरा लंड मेरी चूत में जहां तक घुस सकता था, घुसा दिया।

मेरी आईई…ईईई … करके ज़ोर की चीख निकल गयी, दर्द से मेरी आँखों में आँसू आ गए.
मैं ज़ोर से रो रही थी- सर प्लीज ऐसे नहीं … मैं इतना बड़ा लंड नहीं ले सकती, प्लीज निकाल लो।

पर मेरी इस दयनीय स्थिति का उन पर कोई असर नहीं हुआ.
और अब गुप्ता जी ने धक्के लगाने शुरू कर कर दिये.
मैं आईई … आईई … आईई … कर के चिल्ला रही थी।

गुप्ता जी ने कहा- यार मिश्रा, इसका मुंह तो बंद कर!
तो मिश्रा ने मेरे सर पकड़ा और उठा के अपना लंड मेरे मुंह में ठूँस दिया।

मुझे अब भी दर्द हो रहा था, बस मुंह से चीख के बजाए उम्म … उम्म … उम्म … उम्म … उम्म … निकल रही थी।

लगभग 10 मिनट तक ज़ोर ज़ोर से चोदने के बाद गुप्ता जी हटे मेरी चूत पर से!
मैंने उठ के देखने की कोशिश की तो मिश्रा जी ने अपना लंड मुंह से निकाला और कहा- ऐसे ही पड़ी रह रांड … अब मेरी बारी है।

वे तुरंत मेरी चूत पर आए और लंड घुसा दिया मेरी गीली चूत में!
उन्होंने ज़ोर की आ आह … भरी।

मैंने अपने होंठ दाँतों से दबा लिए और बेड की चादर को अपने हाथों से भींच लिया दर्द को सहने के लिए!
मिश्रा जी ज़ोर ज़ोर से पट पट की आवाज के साथ धक्के मार रहे थे और मैं बेड पर पड़ी उनके धक्कों से हिल रही थी।

गुप्ता जी मेरे बगल में आ के लेट गए थे और मेरी चूचियों को मसल रहे थे।

अब धीरे धीरे मुझे भी मोटे लंड से चुदने का मजा आ रहा था।
मैं उन दोनों का साथ दे रही थी।

मेरे चेहरे पर हल्की हल्की मुस्कान भी आ गयी थी।

मिश्रा जी हम्म … हम्म … हम्म … की आवाजों के साथ चोदे जा रहे थे।

ऐसे ही लगभग 15 मिनट चोदने के बाद उन्होंने कहा- चल घोड़ी बन जा!

मैं उठी और बेड पर उल्टी होकर घोड़ी बन गयी।

गुप्ता जी उठे और तेल की बोतल लेकर मेरी चूत और गांड में डालने लगे.

मैंने कहा- सर प्लीज … गांड में नहीं, बहुत दर्द होता है, प्लीज सर!
गुप्ता जी बोले- साली चुददल … पैसे दिये हैं … चुप कर जा … वरना तेरी गांड में ही गोली मार दूंगा. मिश्रा दिखा इसे जरा सबका बाप!
मिश्रा जी ने बैग से एक पिस्टल निकाल के लहरा दी।

मैं समझ गयी, आज जान बचाने के लिए गांड भी मरवानी पड़ेगी।
तो मैं चुप हो गयी कि आज ये दोनों न्यू गर्ल चूत गांड चुदाई का मजा लेंगे.

मिश्रा जी बेड से लटक के लेट गये और बोले- आ मेरे लंड पर आ के बैठ!
मैंने अपनी चूत में उनका मोटा लंड लिया और उनकी छाती पर अपने बूब्स सटा के लेट गयी।

मिश्रा जी ने अपनी बाँहों में मुझे जकड़ा और बोले- चल गुप्ता, डाल अपना लंड!
गुप्ता जी ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा और पिछली बार की तरह एक बाद में ही पूरा घुसा दिया।

मुझे असहनीय दर्द हुआ और मैं ज़ोर से चीखी- आहह … मर … गयी … सर आराम से!
पर आराम हराम था उन दोनों हवसी लोगों के लिए!
और वे मुझे ऐसे ही चोदे जा रहे थे।

कुछ देर बाद मुझे भी गांड और चूत एक साथ चुदवाने में मजा आने लगा।
मैंने कहा- आहह … हह … अह हहा … आहह … और जोर से सर … और ज़ोर से … आहह हहह!

वे दोनों अपनी पूरी स्पीड से मुझे आगे पीछे से चोदे जा रहे थे।
पूरा कमरा पट्ट … पट्ट … की आवाजों से गूंज रहा था।

बिना अपनी चूत और गांड की परवाह किए मैं चुदे जा रही थी।
मैं सेक्स के आनन्द में पूरी डूब चुकी थी, मेरा दर्द अब सबसे बड़े सुख में तबदील हो चुका था।

अब मैं चरम सुख की ओर बढ़ चुकी थी.

फिर मैं गहरी सांसें लेने लगी और लगभग 10 मिनट के बाद एक ज़ोर की आ … आ … आ … आ … आहह हहह … के साथ फच्छ … कर के झड़ गयी और निढाल होकर गिर गयी।

वे दोनों भी झड़ने के कगार पर थे और ज़ोर से सांस ले ले के आह … आह … आह … आह … कर रहे थे।

फिर वे दोनों एक एक कर के मेरी चूत और गांड में ही झड़ गये और गुप्ता जी मेरी नंगी कमर पर गिर गये।
मैं उन दोनों के बीच 2-3 मिनट तक चूत और गांड में लंड लिए पड़ी रही।

अब उनके लंड पतले हो चुके थे.
दोनों मेरे बगल में आ के लेट गये।

मैंने कहा- कैसा लगा सर?
मिश्रा जी बोले- मेरी जान, आज तूने मुझे सबसे ज्यादा मजा दिया है. इतना मजा तो सुहागरात में मेरी बीवी ने भी नहीं दिया था।

और सांसें भरने लगे तीनों ज़ोर ज़ोर से!

मैंने अपना हाथ चूत पर लगा के देखा तो गीला गीला सा लगा.
मैं चौंक के उठी तो देखा मेरी चूत और गांड में से थोड़ा थोड़ा सा खून रिस रहा था।
बेड की चादर भी गंदी हो गयी थी।

मैंने कहा- सर, आपने तो मेरी दोनों चीजें फाड़ दी।
गुप्ता जी बोले- भोसड़ी की … 10 लाख रुपए दिये हैं … अब क्या पूजा करता इसकी? जा बाथरूम में जा के धो ले।

मैं उठी और बाथरूम में जाकर धोकर खुद को साफ करके आ गयी।

अब मैंने अपनी ब्रा और पैटी पहननी शुरू की तो गुप्ता जी बोले- कहाँ, अभी तो रात के 3 ही बजे हैं. पूरी रात के पैसे दिये साली रांड!
मैंने कहा- मतलब??
गुप्ता जी बोले- मतलब अभी तू और चुदेगी, चल इधर आ!

मैं कहीं नहीं जा सकती थी।

दोनों ने एक एक दारू का पेग बनाया और पीने लगे।
मैंने कहा- सर, मुझे भी दो थोड़ी सी शराब!
मैंने सोचा कि अब दर्द से बचने का यही रास्ता है कि होश ही खो दूँ।

मैंने जम के 2-3 पेग पिये और अपनी सुध बुध खोकर उन दोनों हवस से भरे आदमियों के सामने अपने आप को परोस दिया।
अब मुझे दर्द नहीं हो रहा था क्योंकि मैं अपने पूरे होश में नहीं थी।

मैं पूरी बेशर्म रंडी बन के चुदाई करवा रही थी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था और उनकी गंदी गंदी गालियां मुझे और आनन्द दे रही थी।

उन्होंने सुबह तक मुझे 2-3 बार और चोदा और कमरे में नंगी ही छोड़ के चले गये।

जब मेरी आँख खुली और नशा टूटा तो मेरा सर घूम रहा था।
आसपास देखा तो कमरा पूरा गंदा हुआ पड़ा था.

मेरी चूत में, गांड में, पेट पर सब जगह उनके वीर्य के निशान थे जो सूख चुके थे।

मैं उठी और बैठ गयी.
मेरे होंठों और मुंह पर भी वीर्य था पर वह गीला था.
मैं समझ गयी कि वे मुझे अभी अभी चोद के गये हैं।

तभी बाथरूम में से सतेन्द्र जी यानि इस पार्टी के एजेंट, निकल के आए नंगे ही।
मैंने कहा- आप यहाँ … इस हालत में?
उन्होंने कहा- अरे जानेमन, मेरे ही प्यार के निशान तो है तेरे चेहरे पे!

मैं समझ गयी कि आखिरी बार मुझे सतेन्द्र ने भी चोदा था।

मैंने कहा- तो आपने भी चोदा क्या मुझे?
सतेन्द्र मुस्कुराए और बोले- जानेमन, सिर्फ मैंने ही नहीं … गुप्ता जी के सेक्रेटरी ने भी तेरी चूत क्या स्वाद चखा है आज! सब तारीफ कर रहे थे तेरी!

सतेन्द्र ने अपने कपड़े पहने और कहा- तू यहीं रुक … मैं तेरी दोस्तों को भेजता हूँ।
तन्वी और निशा जो बगल के ही कमरे में थी, मेरे रूम में आ गयी।

मैं नंगी ही उनके सामने रो रही थी।

मैंने कहा- यार, यहाँ आ के बहुत बड़ी गलती की हमने! पैसो के लालच में मैंने अपनी इज्ज़त भी बेच दी, देख पूरी रंडी बना दिया मुझे, उन्होंने मेरा क्या हाल किया।
तन्वी ने कहा- चल चुप हो जा … वह गुप्ता शक्ल से ही ठरकी लग रहा था।

मैं चिल्लाई- गुप्ता अकेला नहीं था. उसका दोस्त मिश्रा भी था, दोनों ने मिल के चोदा मुझे पूरी रात. और सुबह उनके सेकेटरी और उस सतेन्द्र ने भी चोदा. ये देख मेरे मुंह पर उसी का वीर्य लगा है।
उसने कहा- चल रात गयी बात गयी. अब तू 8 लाख रुपए की मालकिन है. चल नहा ले।

फिर मैं लड़खड़ाती हुई बाथरूम में गयी और नहा कर आई।

मैंने कपड़े पहने और निशा ने सहारा देते हुए मुझे अपनी कार में बैठाया।
तन्वी बोली- मैं तेरे बगल के कमरे में ही थे, तेरी चीख सुनाई दे रही थी. एक दो बार तो शायद तू ज़ोर से चिल्लाई थी सुहानी! है ना?
मैंने कहा- उन सालों ने एक साथ चूत और गांड में लंड डाल दिया था।

वे दोनों हैरानी से मुझे देख रही थी।

मैंने पूछा- तूने क्या किया तन्वी पूरी रात?
तन्वी बोली- तेरी चुदाई की आवाजें सुन के मेरा भी चुदवाने का मन होने लगा तो मैंने सतेन्द्र जी से बात करी। तब जाकर सतेन्द्र जी ने मेरे लिए यहाँ के चौकीदार को भेजा मेरी चुदाई करने को! कसम से बहुत मजा आया।

मैं मुसकुराई और कहा- साली, मुझे पता था तू आज जरूर चुदेगी, कोई न कोई लंड ढूंढ लेगी। इतना ही चुदने का मन था तो मेरे साथ हाल में खड़ी हो जाती, 3-4 लाख तो तू भी कमा लेती!

और हम तीनों हंसने लगी ज़ोर ज़ोर से!

फिर हम हॉस्टल आ गई और मैं सो गयी।

मैं शाम को उठी तो तन्वी ने मुझे एक बैग दिया।
मैंने खोला तो देखा उसमें मेरे हिस्से के 8 लाख रुपए थे।

मैंने अपने कॉलेज की फीस उसी दिन भर दी और निश्चिंत हो गयी।

मेरी सखियाँ कह रही थी- आखिर हो ही गया ना पैसे का इंतजाम!
मैंने कहा- हाँ खून पसीना … चूत गांड एक कर दिया इन्हें कमाने में!
और तन्वी की तरफ देख के हंसने लगी।

तो दोस्तो, कैसी लगी आप सबको मेरी ये एक रात की कहानी?
न्यू गर्ल चूत गांड चुदाई कहानी पर अपने विचार मुझे मेल करके जरूर बताइएगा।
और मनोरंजन के लिए आप लोग मेरी पुरानी कहानियाँ भी पढ़ सकते हैं.

बस जब भी आप मेल करें तो शीर्षक में कहानी का नाम लिख दिया करिये।
तब तक मजे करते रहिए, मिलते है अगली कहानी में!
आप सबको मेरा प्यार। 
[email protected]

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