नैना की सहेली रूपाली भी चुदी
(Naina Ki Saheli Rupali Bhi Chudi)
दोस्तो, मेरा नाम समीर है और मैं एक कॉल-ब्वॉय हूँ।
अकेली महिलाओं और लड़कियों की चुदाई करना मेरा काम है।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरा लंड 8 इंच का है और मैं एक व अच्छे सुडौल जिस्म का मालिक हूँ।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ, यह एक सच्ची घटना है, जो दो महीने पहले की है।
एक बार मुझे एक कॉल आया, एक महिला बोल रही थी जिसने अपना नाम रूपाली बताया और उसने मेरी सेवाएँ लेने की बात कही।
मैंने पूछा- आपको मेरे बारे में कैसे पता चला?
तो उसने बताया- आपकी एक ग्राहक नैना ने मुझे बताया है, वो मेरी सहेली है।
इधर मैं आपको बता दूँ कि नैना एक 30 साल की महिला है, वो मेरी एक साल पुरानी ग्राहक है उसकी मैंने बीसियों बार चुदाई की है।
मैंने उस महिला से डील पक्की की और दो दिन बाद हमारी मुलाक़ात होना तय हुई।
मुझे उससे मिलने के लिए उसके घर पर जाना था क्योंकि उस समय घर पर कोई नहीं था।
मैं उस दिन उसके द्वारा बताए गए पते पर पहुँचा।
मैंने दरवाजे पर जाकर दस्तक दी, कुछ ही देर में दरवाजा खुला तो मैंने देखा वो एक 28 साल की महिला थी, जिसकी देहयष्टि 34-28-34 के नाप की थी।
उसने काले रंग की साड़ी और गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था।
उसके चेहरे पर एक मस्त कशिश थी, मैं उसे देखता ही रह गया।
उसने मुस्कुराते हुए अन्दर आने को कहा, मैं अन्दर जाकर सोफ़े पर बैठा, वो मेरे लिए चाय बनाने अन्दर गई।
मैं उसके बड़े-बड़े नितम्बों को हिलते हुए देख रहा था, जो मुझे उसको चोदने के लिए आमंत्रित कर रहे थे।
मैं उसकी मोटी-मोटी चूचियों को देख रहा था, क्योंकि मुझे बड़े चूचे ज्यादा पसंद हैं। मैं बड़े चूचों वाली महिलाओं की एक घंटे खूब चुसाई करता हूँ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो अन्दर से चाय लेकर आई, मैंने चाय पीना शुरू किया, वो मेरे पास आकर बैठ गई और उसने पूछा- आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई।
मैंने- नहीं कोई दिक्कत नहीं हुई।
मैं उसे एकटक देखे ही जा रहा था, तभी मेरा एक हाथ उसकी जाँघों पर गया, वो चौंक पड़ी।
उसने कहा- जल्दी क्या है… चाय पी लीजिए, तब कमरे में चलते हैं।
मैंने जल्दी से चाय खत्म की और पीछे-पीछे चल पड़ा।
ज्यों ही मैं कमरे में पहुँचा, उसने मुझसे कहा- शुरू हो जाइए।
मैंने तुरंत उसे उठा कर बिस्तर पर लिटाया और उसके होंठों को चूसने लगा। उसने मेरा साथ देना शुरू किया, मैं उसके होंठों को चूमते-चूमते सारे कपड़े खोल दिए।
अब वो सिर्फ़ काली ब्रा और पैन्टी में थी।
मैंने उसकी ब्रा को एक झटके में निकाल फेंका और उसके भूरे चूचुकों को निचोड़ कर उनका रस पीने लगा।
वो गर्म होने लगी, उसने मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया।
फिर मैंने उसकी पैन्टी और अपनी अंडरवियर निकाल दिया।
वो मेरे लंड को मुँह में भर कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और उसके कुछ ही देर चूसने से मेरा माल निकल गया, वो एक झटके में सारा वीर्य पी गई।
अब बारी मेरी थी, मैंने अपना मुँह ले जाकर उसकी गुलाबी चूत पर रखा और चाटने लगा, जीभ को चूत की फांकों में जीभ को अन्दर-बाहर करने लगा।
अब वो सिसकारने लगी- आहह यसस्स उहह फाड़ डालो इस चूत को.. मेरे राजा अब तुम्हीं से ही चुदवाऊँगी..
फिर अंत में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया जो स्वाद में खट्टा सा था।
उसने जल्दी से लंड को चूत के अन्दर डालने को कहा।
मैंने लंड को चूत के मुहाने पर रखा और हल्का सा झटका दिया, क्योंकि मैं चुदाई के तरीके जानता हूँ इसलिए उसके मुँह से हल्की ‘आहह..’ निकल गई।
दूसरे झटके में पूरा लंड अन्दर डालकर धकापेल चुदाई करने लगा।
वो भी चूतड़ हिला कर मेरा साथ दे रही थी और मुझे अपनी मादक सीत्कारों से उत्तेजित कर रही थी। उसके कंठ से- तेज.. और तेज.. आहा आअहह.. आह..’ की आवाजें निकल रही थीं।
काफी देर तक चली इस चुदाई में मैं झड़ने वाला था जबकि वो दो बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुँह में पेल दिया और झड़ गया। वो भी मेरे साथ साथ तीसरी बार झड़ गई।
उस रात मैंने उसकी तीन बार चुदाई की और सुबह अपने पैसे लेकर चला गया।
आपको मेरी यह सच्ची घटना कैसे लगी, ज़रूर बताना।
अभी और भी कहानियाँ हैं जो आगे लिखता रहूँगा।
आप अपने ईमेल यहाँ भेजें।
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