जिस्म की भूख- 6
(Hot Randi ki Jordar Chudai)
हॉट रंडी की जोरदार चुदाई हुई होटल में! असल में वो रंडी नहीं थी पर सेक्स की लालसा, जिस्म की भूख ने उसे गैर अनजान मर्दों से चुदने पर मजबूर किया.
कहानी के पिछले भाग
वासना की आग में रंडी बन गयी
में आपने पढ़ा कि
आफताब अपनी गाड़ी लेकर शाम को आया, रूपा साहिल को लेकर एक बेग में सारा सामान रखकर, बुर्का डाल कर गाड़ी में बैठ गयी।
उसने आफताब से कहा- मुझे बहुत डर लग रहा है.
तो आफताब बोला- नवी बहुत शानदार जिस्म और दिल का मालिक है। उसने साहिल कि देखभाल के लिए होटल में ही एक बराबर का रूम बुक किया है जहां एक ट्रेंड नर्स साहिल को रात को अपने पास रखेगी ताकि रूपा और नवी बिना रुकावट मजे कर सकें।
होटल पहुँचकर आफताब रूपा को लेकर सीधे कमरे में गया।
अब आगे हॉट रंडी की जोरदार चुदाई:
क्या आलीशान कमरा था!
रूपा ने तो ऐसा कमरा फिल्मों में भी नहीं देखा होगा।
एक भारी शरीर वाली नर्स वहाँ थी, उसने बड़े प्यार से साहिल को अपनी गोदी में ले लिया और रूपा से बोली- आप इसकी फिक्र बिलकुल न कीजिएगा।
नर्स और आफताब चले गए।
रूपा अकेली रह गयी रूम में!
पाँच मिनट बाद नवी आया।
जैसा फोटो में देखा था रूपा ने उससे भी बांका जवान मर्द।
उसने बहुत सलीके से रूपा को आदाब कहा और रूम लॉक किया।
नवी ने मेज पर रखी बोतल से जूस रूपा को दिया।
बहुत लाजवाब जूस था।
नवी ने रूपा से पूछा- आप खाने में क्या लेंगी?
रूपा को मटन बिरयानी बहुत पसंद थी तो उसने कह दिया- पसंद तो मुझे मटन बिरयानी पसंद है. बाकी आप जो खिलाएँगे, खा लूँगी।
नवी ने फोन पर दो घंटे बाद डिनर भेजने का ऑर्डर दिया।
रूपा धड़कते दिल से बेड पर बैठी थी.
नवी मुस्कुराता हुआ उसके पास आया।
रूपा खड़ी हुई तो नवी ने उसे आगोश में ले लिया और उसके कांपते होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
पता नहीं क्या कशिश थी नवी के आगोश और होंठों की तपन में की रूपा उससे चिपट गयी।
नवी ने उसको बहुत चूमा और आहिस्ता आहिस्ता उसके जेवर और कपड़े उतारने शुरू किए।
अब रूपा केवल ब्रा पेंटी में थी।
नवी ने उसकी खूबसूरती के बारे में बड़ी नफीस बातें कहीं और फिर अपने पूरे कपड़े उतार के मदरजात नंगा हो गया।
गोरा चिट्टा, बलिष्ठ जवान और इतना मोटा लंड की उससे चुदाई के ख्याल से रूपा सिहर गयी।
अब बारी रूपा की थी कि वो अपना रंडीपना दिखाये।
रूपा झुककर नीचे कालीन पर बैठ गयी और नवी का लंड मुंह में लिया।
“हायल्ला … आज तो ये मुझे मार ही डालेगा।” कहते हुए रूपा ने नवी के लंड को चूमा और फिर लपर लपर चूसने लगी।
रूपा ने उस पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने मेहँदी रचे गोरे हाथों से उसके सुपारे को मसलते हुए उसी चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी।
नवी को मजा आना शुरू हो गया था।
उसने नीचे झुककर रूपा को उठाया और उसकी ब्रा उतार कर उसके मक्खन जैसे मखमली मम्मों को आहिस्ता से चूमा और निप्पल पर जीभ फिरते हुए पूरे मम्मे मुंह में ले लिए।
रूपा कसमसाती रही।
अपनी उँगलियों से नवी ने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी गीली हुई चूत में अपनी एक उंगली कर दी।
नवी बलिष्ठ पठान था। उसकी उँगलियाँ भी मोटी थीं तो रूपा को उसकी उंगली से लंड का सा आभास हो रहा था।
अब नवी ने रूपा को गोद में उठा लिया।
रूपा उसकी गर्दन पर झूल गयी।
नवी ने नीचे से उसकी चूत में अपना लंड का टोपा घुसा दिया।
रूपा सिहर गयी।
जब टोपा इतना फंस कर जा रहा है तो लंड तो आज उसकी चूत फाड़ ही देगा।
नवी ने उसे किसी बच्ची की तरह उछालना शुरू किया और नीचे से अपने लंड को उसकी चूत में धकेलना शुरू किया।
रूपा के लिए ये नया अनुभव था।
वो भी उछलने के साथ नीचे आती गयी और अब नवी का आधा लंड उसकी चूत में घुस चुका था।
वो हर धक्के पर ऊपर नीचे होता।
नवी और रूपा के होंठ मिले हुए थे।
नवी रूपा को गोद में लिए लिए बेड की ओर बढ़ा और रूपा को आहिस्ता से नीचे लिटा दिया।
रूपा ने अपनी टांगें चौड़ा दीं, मानो न्यौता दे रही हो नवी को … कि आओ और मेरी चूत का भोसड़ा बना दो।
उसकी टांगों के बीच नवी ने अपना मुंह दे दिया। नवी की जीभ रूपा की चूत में गहराई तक जा रही थी।
अपने हाथ से नवी उसके मम्मे मसल रहा था उसका पठानी जोश अब रूपा की जवानी मसलने को आतुर था।
नवी ने रूपा को ऊपर सरकाया और उसकी टांगें चौड़ा कर अपना मूसल सा लंड पेल दिया।
रूपा की चीख निकल गयी, नवी के धक्के शुरू हो गए।
अब वो अपनी गिन्नियों की कीमत वसूलने के पूरे मूड में था।
उसके लंड की मोटाई और धक्कों की स्पीड ने रूपा को मदहोश से ज्यादा बेहोश सा कर दिया था।
धीरे धीरे रूपा को भी मजा आने लगा।
नवी उसके ऊपर लेट गया और उसके मम्मे हाथों से मसलने लगा और चूसने लगा।
अब वो वहशी सी हरकतें कर रहा था।
रूपा के मम्मे लाल हो गए और दर्द कर रहे थे।
उसे सुकून मिला जब नवी उसके ऊपर से हटा और एक शराब का पेग बना लाया।
उसने गिलास रूपा के होंठों से लगाया।
रूपा बोली- मैं नहीं पीती!
तो नवी बोला- शराब बिना शवाब के क्या मजा देगी। आप न पिये पर होंठों से झूठा कर दें तो ये और मजेदार हो जाएगी।
रूपा के न न कहने पर भी नवी ने एक हल्का घूंट उसे पिला ही दिया.
शराब बहुत महंगी थी तो तुरंत कोई असर नहीं करती।
नवी ने एक लंबा घूंट भर कर रूपा को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांड में घुसने की नाकाम कोशिश की.
तो रूपा ने भी बहुत खुशामद कर के कहा- आज पीछे न करें क्योंकि मुझे ज्यादा दर्द हो गया तो ये बेशकीमती रात बेकार हो जाएगी।
रूपा ने ये बात इस अदा से कही कि नवी मान गया और लंड पीछे से उसकी चूत में पेल दिया।
अपने हाथों से उसने रूपा के मम्मे दबोचे और रूपा के कान पर जीभ से चाट कर रूपा की आग और भड़का दी।
धकापेल के बाद रूपा ने कहा कि वो उसके ऊपर आना चाहती है।
नवी ने उसकी बात मानी और पेग खाली करके नीचे लेट गया।
पर इससे पहले एक बड़ा घूंट उसने रूपा को भी पिला दिया.
रूपा उसके ऊपर बैठी और अपनी उँगलियों से नवी का फनफनता लंड अपनी चूत के मुंहाने पर सेट किया और नवी को चूमते हुए शुरू हो गयी घुड़सवारी करने।
अब रूपा की चूत भी खुल चुकी थी।
शराब का सुरूर उसे होने लगा था।
आज पहली बार उसने शराब पी थी, तो नशा भी जल्दी होने लगा।
नीचे से नवी के धक्कों ने उसका सारा नशा काफ़ूर कर दिया।
नवी डिनर आने से पहले एक बार फारिग होना चाहता था। उसने रूपा से कंडोम लेकर अपने लंड पर चढ़ाया और फिर जो ढकपेल की तो रूपा की भी चीखें निकालने लगी।
वो बड़बड़ाने लगी कि आज सही मानों में उसकी सुहागरात हुई है। आज तो उसकी चूत फट ही जाएगी।
नवी भी कह रहा था- आज तेरी चूत को अपने लंड का दीवाना बना दूंगा।
रूपा की हाँफती साँसों को नवी ने आराम देते हुए अपना सारा माल निकाल दिया और विजयी घोड़े की तरह खड़ा होकर कंडोम उतार फेंका और एक और पेग बनाने लगा।
तभी डोरबेल बजी।
रूपा वाशरूम में चली गयी अपने कपड़े उठाकर!
नवी ने वाशरूम में टंगा गाउन पहनकर डोर खोला।
वेटर ने डिनर मेज पर लगा दिया।
नवी वाशरूम में जाकर फ्रेश होकर नंगा ही बाहर आया।
रूपा पहले ही नंगी डिनर को सजा रही थी।
खाने में इतनी वेरायटी थी कि हर डिश को चखने से ही पेट भर जाता।
उसने नवी से कहा- इतना क्यों मांगा लिया?
तो नवी बोला- आज रात भर चुदना है तुम्हें … अच्छे से खा लेना और रात को भी भूख लगे तो दोबारा खा लेना।
डिनर से निबट कर जब फ्रेश होने रूपा वाशरूम में गयी तो पीछे से नवी आ गया।
उसके हाथ में शराब की बोतल थी।
उसने रूपा को बाथटब में खड़ा किया और ऊपर से शराब की बोतल उसके मम्मों पर पलट दी।
फिर वो उसके मम्मों से बहती शराब को चाट चाट कर पीते हुए नीचे उसकी चिकनी चूत तक अपनी जीभ ले आया और फिर बची हुई बोतल रूपा को दी और कहा- कुछ इस तरह से पलटो कि सारी शराब तुम्हारी चूत से होती नीचे गिरे।
नवी नीचे लेट गया।
रूपा ने अपनी टांगें चौड़ा दीं और शराब अपने मम्मों पर पलटी।
सारी शराब उसकी चूत से होती नीचे लेटे नवी के मुंह में गिरने लगी।
फिर शावर लेकर दोनों वापिस बेड पर आ गए।
फिर हॉट रंडी की जोरदार चुदाई का घमासान शुरू हुआ।
नवी ने उसे कितनी ही बार सुबह तीन बजे तक चोदा।
थक कर दोनों ऐसे ही नंगे सो गए।
सुबह रूपा की आँख छह बजे ही खुल गयी।
उसे अपने बच्चे साहिल की चिंता हुई।
रात को तो नर्स ने उसे बोतल का दूध पिला दिया होगा पर सुबह तो रूपा साहिल को अपना ही दूध पिलाना चाहती थी।
उसने नर्स को फोन किया और कहा की वो साहिल को दस मिनट के लिए उसे दे दे।
गेट पर ही उसने साहिल को लिया और आधा घंटे उसे अपने से चिपटा कर दूध पिलाकर वापिस नर्स को बुलाकर दे दिया।
अब फाइनल राउंड लगना था।
तो रूपा फ्रेश होकर आई और नंगे सोते नवी का लंड चूसने लगी।
लंड खड़े होने के साथ साथ नवी की आँख खुल गयी।
रूपा पूरे मूड में थी।
नवी ने उसे खींच लिया और फिर चढ़ गया उसके ऊपर।
घर आकर रूपा थक कर पड़ गयी।
साहिल को कुछ खिलाकर वो सो गयी और शाम को ही साहिल के रोने पर उठी।
डॉक्टर की फ्लाइट का टाइम हो चला था।
रूपा नहाकर फ्रेश हुई और होटल से मटन बिरयानी का ऑर्डर कर दिया।
डॉक्टर के आने पर अंजान बनी रही कि तबीयत ठीक न होने से वो मनु के पास नहीं गयी। अभी दवाई ली है, अब कुछ ठीक है। कल से बहुत तेज बुखार और सिर दर्द था।
रात को रूपा को पेन किलर लेना पड़ा, उसका अंग अंग दुख रहा था।
चूत की तो ये हालत तो ऐसी हो गयी थी जैसे उसमें मूसल डालकर धमाधम कुटाई हुई हो।
अब रूपा की चुदाई एक्सप्रेस फुल स्पीड पर चल पड़ी थी।
हफ्ते में एक बार डॉक्टर का वो बलात्कार सा करती ताकि उसे शक न हो।
हफ्ते में दो बार नवी से और एक या दो बार इंजीनियर से चुदना उसका रूटीन हो गया।
अब बिना चुदे उसे नींद ही नहीं आती।
पैसा भी आ रहा था और जिस्म की भूख भी मिट रही थी।
पर पता नहीं कैसे उसके ज़मीर ने उसे कोसना शुरू किया।
उसे यह अहसास होना शुरू हुआ की वो क्या कर बैठी।
उसमें और कोठे की रंडी में क्या फर्क रह गया।
कल को कैसे भी डॉक्टर को या उसके परिवार वालों को ये सब मालूम हो गया तो क्या होगा?
उसने मुझसे (लेखक) राय ली।
मैंने कहा- रूपा, कहानियों और सच्चाई में बहुत फर्क होता है। तुम मेरी पहली पाठिका हो जिसने कहानी को सच कर दिया। ये मेरी भी पहली कहानी है जिसमें सब कुछ सच है, हर किरदार अपनी जगह है।
मैंने रूपा से कहा- अब जो हो चुका हो चुका, उसे भूल जाओ और नेक ज़िंदगी जियो।
रूपा ने कुछ दिनों तो सब्र किया पर फिर अपनी जिस्म की भूख के आगे झुक गयी और फिर से लगी चुदवाने!
उसे भड़काने में मनु का भी पूरा हाथ था।
मनु तो अब ए-क्लास कॉल गर्ल बन गयी थी।
वो चाहती थी रूपा भी ऐसी ही बन जाये।
पर रूपा का तो शौहर था, बच्चा था, घरवाले थे।
अब वो ज़िंदगी के ऐसे मोड पर खड़ी है जहां उसे कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा।
वो जब तक सोच कर कोई निर्णय लेती तब तक इंजीनियर या नवी उसे बुलावा भेज देते।
फिर चुदाई, फिर कोफ्त, फिर डर और फिर चुदाई।
इसी कश्मकश में रूपा जी रही है।
मैं समझाता हूँ तो कहती है कि आप मर्द हैं, मेरी जरूरत कैसे समझेंगे।
जिस्म की भूख उस पर ऐसी हावी थी जबकि वो चाहती थी कि वो इन सबसे बचे।
पर वो ऐसा नहीं कर पा रही है।
प्रिय पाठको, आपको यह हॉट रंडी की जोरदार चुदाई पढ़ कर कैसा लगा?
आप पाठकों से अनुरोध है कि उसे बताएं कि वो क्या करे!
लिखें मुझे मेरे मेल आई डी [email protected] पर!
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