मिशन ॠचा का कौमार्यभंग
मैं वर्जिन जनरल आपके सामने फिर से हाज़िर हूँ। मुझे बहुत से मेल मिले, काफी मेल्स का जवाब कोशिश की, काफी जवाब नहीं दे पाया, उसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूँ। मेरी कंपनी लेडीज और लड़कियों को प्यार देने के लिए बनी है। कुछ लेडीज और लड़कियों के मेल आये जो कि बदनाम होने के डर से अपनी बात कह नहीं पाती हैं। मेरी कंपनी ऐसी ही लेडीज और लड़कियों के लिए बनी है जिनको सेक्स करना भी है और मान-मर्यादा का ध्यान भी रखना है।
यह कहानी मेरे मेंबर की है जिसका नाम **** है जो हम सबमें सबसे रोमांटिक हैं और किसी लड़की की कॉल पर उसको भेजा गया। आगे की कहानी उसकी जुबानी।
दोस्तो, मैं जनरल साहब का पुराना दोस्त और इस कंपनी का नया मेंबर आपके सामने ऋचा (बदला हुआ नाम) जो 21 साल की है, उसकी कहानी मैं लिख रहा हूँ। जनरल का मेल आया मेरे पास और कहा कि मुझे ऋचा के साथ सेक्स करना है। सारी जानकारी लेकर मैं सही समय पर दिये गये पते पर पहुँच गया।
घण्टी बजाई और अंदर से एक लड़की आई, थोड़ी सी मोटी, गोरी, 5’7″, नीले रंग का कुरता और उसी रंग की जीन्स, मुझे देख कर बोली- कौन?
मैंने उसे कहा- जी ऋचा? से मिलना है !
वो बोली- वो अंदर है, तुम बैठो अंदर !
इतना कह कर उसने ज़ोर से आवाज़ लगाई अंदर की तरफ- ऋचा, तुमसे कोई मिलने आया है, मैं बाहर जा रही हूँ शाम तक आऊँगी।
इतना कह कर वो मेरे पास से गुजरने लगी, जब वो पास से जा रही थी तो उसकी खुशबू ‘अह आआ’ निकल गया मुँह से, शायद उसने सुना नहीं या सुन कर अनजान बन गई, पता ही नहीं चला, वो चली गई, मैं अंदर बैठ गया।
थोड़ी देर बैठा रहा, उसका रूम स्टडी रूम ज्यादा था, बुक्स, लैंप, बेड, और पास में ही स्प्रे !
ये सब देख ही रहा था कि इतने में एक लड़की अंदर से आई, कोई 22 साल की, रंग गोरा, शरीर किसी मॉडल की तरह, फ्रॉक ऊपर पहनी हुई जिसमें से आसानी से उसके चुचे दिखाई दे रहे थे, वो फ्रॉक उसके घुटनों तक थी, गुलाबी होंठ, आँखों पर चश्मा (शायद नज़र के लिए नहीं), बाल गीले जो उसके पीछे की ओर थे, नीचे पैरों में गुलाबी रंग के मिक्की माउस के फ्लोटर (चप्पल), उसका फिगर 34-28-38 होगा।
वो बोली- वर्जिन आर्मी से आये हो?
मैंने कहा- जी मैडम।
उसने कहा- मुझे मैडम मत कहो, कॉल मी ऋचा।
और इतना कह कर उसने हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया और मैंने उसकी बात को आँखों में ही हाँ कह कर उससे हाथ मिलाया, उसका हाथ इतना मुलायम, गुलाबी नेल पोलिश, नाख़ून लम्ने नहीं थे, शायद उसे भी पता था कि उस पर बढ़े हुए नाख़ून अच्छे नहीं लगते।उसकी काया से एक खुशबू आ रही थी शायद कोई ऐसा स्प्रे जो मैं पहचान नहीं पाया लेकिन बहुत ही प्यारी थी।
उसने कहा- मेरी फ्रेंड वो आज बाहर गई है, मुझे तुम लोगों की कहानियाँ अच्छी लगी, इसीलिए तुम्हारी सर्विस लेना चाहती हूँ।
मैंने कहा- मैडम, आप जैसे कस्टमर ही हमारी कंपनी को चला रही हैं।
वो मुस्कुराई और कहा- आप लोगों की तीन दिन की वेटिंग के बाद मेरा नंबर लगा हैं, आपकी यह नई सोच मुझे पसंद है, तभी मैंने आपको मेल किया।
मैंने भी मुस्कुराना शुरू कर दिया।
तो उसने कहा- आज मेरा पहली बार का सेक्स है तो मैं चाहती हूँ कि यह मेरी जिन्दगी में यादगार रहे।
मैं मुस्कुरा दिया।
फिर वो मुझे हाथ पकड़ के अपने साथ अपने बेडरूम में ले गई, उसका बेड गोल था, उस पर नायलॉन की रूपहली चादर, फर्श पर उसी का मैचिंग कारपेट, टीवी, ड्रेसिंग टेबल जिस पर बहुत सी नेल पैंट, स्प्रे, कंघे, लड़कियों का सामान था। खुद बेड पर बैठ कर बोली- तुम्हें आज फल भी मेरे जिस्म के अंगों में डालना होगा, मेरा मतलब है कि रोमांटिक स्टाइल में मेरी सील तोड़ोगे और तुम भी वर्जिन हो न?
मैंने हाँ में सर हिला दिया, मुझे बैठने का बोल कर अंदर जाकर फ्रिज से स्ट्रॉबेरी से भरा बाउल, पपीता लम्बे लम्बे कटे हुए, आम वो भी कटे हुए, ले आई।
और बोली- शुरू करें?
इतना सा कहा उसने और मेरे जवाब देने से पहले ही मेरे पास आई और धीरे से आँखे बंद करके अपने होंठ मेरे आगे करके अपनी पहली चुम्मी की शुरुआत हो जाने की प्रतीक्षा करने लगी।
मैं भी उसकी गर्म सांसों में अपनी साँसें मिला कर उसकी प्रतीक्षा को बढ़ाने लगा। जिसका परिणाम यह हुआ कि उसने अपने होंठ मेरे होंठों से आँखें खोल कर मिला लिए और फिर चूमने के साथ वो अपने हाथों को मेरी गर्दन पर ले जाने लगी और मुझे चुम्बन में डुबाने लगी। मैंने भी उसके होंठों का रसपान शुरू किया और उसकी पीठ पर फ्रॉक पर हाथ फेरने लगा।
शायद वो ज्यादा ही उत्साहित थी, 5 मिनट के चुम्बन के बीच में उसकी कमर ने खड़े खड़े हिलना शुरू कर दिया और अपनी चूत को मेरे लंड के पास ला रही थी और मेरी लंड की रगड़ को खुद पर महसूस कर रही थी।
और फिर अचानक उसने मुझे अपने साथ बेड पर गिरा दिया और चुम्बन को जारी रखा, और फिर उसने एक सेकंड के लिए होंठ अलग किये तो उसी समय मैंने स्ट्रॉबेरी को उसके मुँह में डाल दिया और आधा हिस्सा बाहर रख कर हम उसे खाने लगे। शायद 3 से 5 सेकंड के अंदर उसका मुँह स्ट्रॉबेरी के रस से भर गया और मेरा भी ! और हम फिर से एक दूसरे के होंठों से स्ट्रॉबेरी वाली किस करने लगे, मेरा लण्ड उसकी चूत को रगड़ रहा था।
फिर थोड़ी देर मे उसके हाथों ने मेरे टीशर्ट को अलग करने की कोशिश की और मैंने भी पपीते का एक टुकड़ा लेकर उसके मुँह में डाल दिया और आधा उसने खाया और आधा मेरे होंठों में दबा हुआ था, उसके होंठ मेरे उस पपीते के हिस्से को खाने के लिए मुझसे लड़ रहे थे या ऐसा कहूँ कि मेरे होंठों का पीछा कर रहे थे और वो भी जंग में मज़े ले रही थी।
मेरी यह हरकत उसकी वासना को भड़का रही थी, उसकी चूत बार बार हिल रही थी। एक झटके से उसने मेरी गर्दन पकड़ी, मेरे होंठों से अपनी प्यास को बुझाने लगी।
फिर धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। वो कुंवारी थी, उसकी वासना चरम पर थी, मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाल कर जैसे ही कुछ सेकंड चूत पर अंगुली फिराई, वो अपना पानी छोड़ने वाली थी।
वो बोली- करते जाओ… ऊह… ऊऊऊ… मैं गईई…
इतना कह कर उसने पानी छोड़ दिया और लम्बी लम्बी साँसें लेने लगी। फिर मैंने उसकी फ़्रॉक उतार दी, उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी फ़्रॉक में ही चोली थी, उसने अपनी पैंटी खुद ही उतारी और मेरी जीन्स को निकाल कर मेरा टीशर्ट भी निकाल दिया, बनियान तो पहनता नहीं मैं, और ॠचा मेरी छाती पर चूमने लगी। वो इतनी तेजी से मुझे किस कर रही थी कि जैसे फिर उसे सेक्स कभी नहीं मिलेगा।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और फलों में से आम के गूदे को लेकर उसे उससे नहला दिया और आम के रस को उसके बदन से चाटने लगा।
जब उसके गालों पर से आम का रस पी रहा था तो वो ‘उम्म…अह्ह…’ कर रही थी। फिर गर्दन पर, पेट पर आया और उसकी नाभि में आम का रस पीने लगा तो अपनी कमर को ऊपर उछालने लगी, अई…आह…आओह !
फिर उसकी चूत पर आ कर स्ट्रॉबेरी को उठा कर आधा खा लिया और आधा उसकी चूत पर घुमाने लगा और रगड़ भी रहा था। जिससे वो छलक पड़ी और फिर से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब वो लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल कर चूसने लगी और दो मिनट में अपनी कमर को फिर से हिलाने लगी, और मेरी तरफ देख के बोली- अब कर भी दो काम !
मैंने उसको लेटाया, ढेर सारा तेल उसकी चूत पर लगाया और अपने लंड पे भी, फिर उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा तो देखा कि वो आँखे बंद करके अपने होने वाले दर्द को सहन करना चाहती थी।
मैंने सोचा कि इसके हिसाब से करुँगा जिससे इसको मज़ा भी आये और इसको दर्द का पता भी न चले, मैंने कहा- तुम उठो, तुम्हारे हिसाब से करेंगे।
तो वो उठ गई और मैं बेड पे लेट गया, मेरा लंड तेल के कारण चमक रहा था, उसे अपने ऊपर बैठने को कहा- तुम अपनी चूत को इसके ऊपर सेट करके बैठ जाना और धीरे धीरे अंदर लेना !
उसने वैसा ही करना शुरू कर दिया, अपनी चूत को मेरे लंड पर रखा, मैंने उसके चूतड़ पकडे और उसने धीरे धीरे अंदर करने के साथ साथ वासना को भी हावी होने दिया।जैसे ही वो थोड़ा सा बैठी, तेल के कारण मेरा सुपाड़ा अंदर चला गया और उसे हल्का सा दर्द हुआ और खून निकलना शुरू हो गया जो उसने देखा नहीं।
दो मिनट के बाद अंदर करने के थोड़ा जोर लगाया और उसे दर्द हुआ- आअह मुझे नहीं करवाना !
इतना कहने के बाद वो मुझसे अलग नहीं हुई बल्कि मेरे सीने पर हाथ रख कर उसी तरह ऊपर नीचे हिलती रही, फिर दो मिनट बाद बोली- डाल दो अंदर पूरा, मैं सहन कर लूँगी।
मैंने एक झटका नीचे से लगाया और पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर चला गया। उसने कमर को झटक कर मेरा लण्ड बाहर निकलने की कोशिश की, पर मैंने उसको पकड़ कर रखा, बोला- 2 मिनट हिलना नहीं बस !
मैं उसकी चूचियाँ मसल कर उसकी वासना को भड़का रहा था। वो जब कुछ ठीक हुई तो बोली- अब बैटिंग शुरू कर दो !
मैंने इतना सुनने के बाद धक्के मारने शुरू कर दिए और वो आहें भरने लगी- अह ह्ह करता जाअ, मज़ा आ रहाअ है ! मैंने आज सही किया जो तुम्हें बुलआअ लिया !
मैं बोला- आपकी सर्विस में रहेंगे ऋचा, जब भी आप बुलाओ !
वो बोली- कुछ मत बोल, करताआह जा, अह उम्म इश्ह्ह मादरचोद लंड है, सही है ! तूने मेरी ले ली, मज़ा आ रहा है।
मैं उसके बदन को सहला कर उसकी तड़प को बढ़ा भी रहा था, वो कमर हिला के मज़े ले रही थी।
उसने फिर एक ज़ोर के झटके के साथ पानी छोड़ दिया, मेरा अभी हुआ नहीं था तो मैं अपने लंड को उसकी चूत में रख कर उसए चूमने लगा और एक हाथ से उसके उरोज़ों को सहलाने लगा। पाँच मिनट बाद वो फिर से कमर हिलाने लगी और मैंने भी अपने धक्के शुरू कर दिए।
वो बोली- क्या लंड है, कुछ भी कहो जोधपुरी लंड देसी होता है, मज़ा आ रहा है।
मैं बस धक्के लगाता रहा फिर उसकी बातें क्या हुई पता ही नहीं चला, 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झर गए और मैं उसके पास लेट गया।
उस दिन उसको मैंने चार बार चोदा।
बाद में मुझसे बोली- उसकी एक सहेली है, क्या तुम उसे भी चोद दोगे? वो पैसे नहीं दे पायेगी।
मैंने कहा- जनरल साहब से पूछ कर बताऊँगा।
बस इतनी सी कहानी।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार करूँगा।
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