सेक्स मेल के जरिये चूत चुदाई
(Sex Mail Ke Jariye Chut Chudai)
दोस्तो नमस्कार, पहले तो आप सभी लोगों से कहानी इतनी देरी से भेजने के लिए माफ़ी चाहता हूँ।
पर दोस्तो, मेरी जो नई कहानी जो है, उसे पढ़ कर आप लोगों का लौड़ा लोहे की तरह खड़ा हो जाएगा और चूतों से तो रस बहने लगेगा।
तो दोस्तों हुआ यूँ कि मैंने जब राहुल और उसकी बहन नंदिनी
की चुदाई की तो कई सारे मेल आने लगे।
दोस्तों मेरी कहानी पर मेल के जरिये इतना सारा प्यार भेजने के लिए आप सब लोगों का शुक्रिया।
हाँ तो मुझे कई सारे मेल मिले। उसमें से एक लड़की का मेल मिला, जो मुझसे चुदवाना चाहती थी।
हम लोगों की रोज मेल के जरिये बात होने लगी। हम दोनों एक दूसरे को जानने लगे और हर तरह की बात करने लगे।
उसने एक दिन बताया कि वो पहले भी उसके बॉय फ्रेंड से चूत चुदवा चुकी है। लेकिन कुछ कारण से वो उसे छोड़ कर चला गया है। उसकी वासना शांत नहीं हो पा रही थी तो मैंने उन्हें अपना नंबर दिया।
उसने मुझे एक फ़ोन बूथ से कॉल किया और बात की। हम लोगों का चुदाई करने का प्लान फिक्स हुआ।
लेकिन वो मेरे शहर से काफी दूर रहती थी, तो में उधर नहीं जा सकता था और वो यहाँ नहीं आ सकती थी। तो हम लोगों ने जहाँ दोनों का मिलना हो सके, ऐसा तय किया और हमारा जयपुर में मिलना तय हुआ।
हम लोग मिलने के लिए जयपुर के लिए निकले और उसने जयपुर पहुँच कर कॉल किया।
हम मिले, मैंने उसे वहीं पर पहली बार देखा और उसके विषय मैंने जितना सोचा था, वो उससे भी ज्यादा सेक्सी थी। उसकी उम्र 24 साल की थी, और मेरी 20 की।
वो भी मुझसे मिल कर खुश हुई। मैंने तो उन्हें देख कर ही चोदने के लिए कई स्टायल सोच ली थीं।
उसका नाम नेहा था। वहाँ से हम एक होटल गए और एक रूम लिया। हम दोनों साथ में नहाए और बाथरूम में भी चूमा-चाटी की और भी मस्ती की।
वो 24 साल की इतनी मस्त माल थी, जैसे कि वो 20 की हो। फिर हम बाथरूम से बाहर आए और नाश्ता किया हम सिर्फ तौलिया लपेटे बैठे थे।
अब बातें शुरू हुईं और सेक्स का नशा चढ़ने लगा। जो उसकी आँखों में भी दिख रहा था।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी जाँघों को सहलाना शुरू किया और फिर हम खड़े हुए और एक दूजे के होंठों को चूमने लगे।
वो तड़प गई थी जिस मजे के लिए, उसे वो मजा आने लगा था, और हमने एक-दूसरे के तौलिया को खोल दिया।
अब वो भी काफी अच्छे से मेरा साथ दे रही थी। धीरे-धीरे मैंने उसके दुद्दुओं को मसलना शुरू किया और उसे किस कर रहा था।
वो मेरा लौड़ा पकड़ कर उसे सहला रही थी और बोल रही थी- प्लीज अब और मत तडपाओ, मेरे अन्दर की वासना की आग को अपने इस लौड़े से बुझा दो।
मैंने उसे लेटाया और उसके पूरे बदन को चूमना स्टार्ट कर दिया। उसके होंठों को चूमा उसकी चूचियों को तो मसल-मसल कर मजा लिया। कई बार तो उसकी चूचियों को काट भी लेटा था। जिससे वो सेक्सी आवाज निकालने लगती थी,
‘आआअ आआ… प्ल्लीईईस्स… ओहो होहोह ओह हो हो हा अहाह आहा हा आहा अ… ओर्र मात्त तद्पऊऊओ…’
फिर मैं और वो 69 की अवस्था में आ गए। एक-दूसरे के अंगो से खेलने लगे। मैं उसकी चूत चाट रहा था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
वो शायद आने से पहले सब साफ़ कर के आई थी। वो भी मेरा लौड़ा मस्ती से लिए जा रही थी। उसे सेक्स का अनुभव था, तो मुझे भी मजा आ रहा था।
फिर हम दोनों ही सीधे हुए और मैंने उसके पैरों को खोला और ऊपर आ गया।
अब वो भी तैयार थी। उसे मुझे कंडोम दिया।
मैंने कहा- प्लीज आप ही पहना दो।
तो हँसने लगी और मेरे लौड़े को कंडोम पहना दिया।
फिर मैंने उसकी चूत पर थोड़ा थूक लगाया और अपना लौड़ा उसकी चूत के ऊपर फेरने लगा, जिससे वो और उत्तेजित हो गई।
‘प्लीज अब और नहीं तड़फाओ, डाल दो फाड़ दो, मेरी प्यास बुझा दो..’
मैंने भी फिर देरी ना करते हुए एक जोर का झटका लगाया और मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत में प्रविष्ट हो गया।
उसने चीख मारी क्योंकि उसने काफी टाइम से चुदाई नहीं करवाई थी।
फिर मैंने दूसरा झटका भी मारा और मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया। उस वक़्त उसके चेहरे के जो भाव थे, उनसे ही पता लग रहा था कि उसे अपने चूत में लौड़ा लेने का कितना मजा आ रहा है।
उसने अपनी पिछाड़ी उठाना शुरू किया। मैंने भी अब अपना लौड़ा अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
उसे भी मजा आ रहा था और चुदवा रही थी। मैंने उसे अलग-अलग तरीके से चोदा। कुछ तरीके जो उसने भी मुझे सिखाए थे उनको भी ट्राई किया। वो भी चुदवाने में मास्टर थी और में चोदने में। हमारी चुदाई जारी थी।
थोड़ी देर में मैं झड़ने वाला था, तो मैंने तेज गति से चोदना शुरू कर दिया।
वो आवाजें निकालने लगी- आआअ अ आआअ… ओह ओह हो होह ओह ओह ओह हो… ओरोर रोर और रो रो रोर और तेज्ज तेज… आअहाहहह… करते रहो।’
और हम दोनों साथ में झड़ गए और फिर एक दूसरे के उपर ही पड़े रहे और चूमने लगे।
फिर हम दोनों खड़े हुए और मैंने कंडोम निकाला और अपना वीर्य उसके चूचों पर डाल दिया।
उसकी चूत से भी पानी बाहर आ रहा था, जिसे मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल कर और निकाला।
वो फिर से मेरा लौड़ा मसलने लगी और चूमने लगी। फिर से में और मेरा लौड़ा तैयार हो गए थे।
पर इस बार उसकी गांड मारने की बारी थी। उसकी गांड भी मारी, काफी कसी हुई गांड थी क्योंकि पहले उसने चूत तो मरवाई थी, लेकिन गांड कभी नहीं मरवाई थी।
तो उसने मुझसे पहली बार अपनी गांड भी मरवाई, और मेरे साथ खूब मजा लिया। मैंने भी गांड मारते वक़्त कंडोम नहीं लगाया और उसकी गांड में ही मैं झड़ गया और उसकी चूत में ऊँगली करके उसका भी रस निकाल दिया, फ़िर एक-दूसरे को चूमने लगे।
शाम हो गई थी और हम लोगों की रात की ट्रेन थी, तो हम नहाने गए और वहाँ पर एक दूजे को नहला कर हमने एक और बार चुदाई का खेल खेला।
और चलते समय वो मुझे पैसे देने लगी तो मैंने नहीं लिए, पर होटल का बिल उसी ने दिया और मुझे शॉपिंग पर ले कर गई।
और कुछ कपड़े लिए हमने और फिर मैं और वो दोनों अपनी-अपनी ट्रेन पकड़ कर अपनी अपनी मंजिल की ओर चल दिए।
लेकिन आज भी वो मुझसे बात करती है। कभी-कभी और मौका मिलने पर एक बार फिर से चुदना चाहती है।
और दोस्तों मेरी सभी कहानी सच्ची होती हैं, तो प्लीज मेल करके यह मत पूछियेगा कि क्या ये कहानी सच्ची है??
आप सभी लोग मेल के जरिये अपना प्यार जरूर भेजिए।
[email protected]
प्रकाशित : 05 फ़रवरी 2014
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