शाकाल और नंगी हसीनाएँ-1
(Shakal Aur Nangi Haseenayen- Part 1)
आपने अभी तक कहानी
और
पढ़ी अब इस शृंखला का आखिरी भाग प्रस्तुत है :
उमा, रूचि और मुझे लेकर शाकाल के अड्डे पर गई। उमा ने कुछ बातें हमें समझाई थीं।
शाकाल जी का देसी दारू का अड्डा था, वहाँ कुछ रिक्शे वाले जैसे लोग दारू पी रहे थे। बगल में नीचे जाने का रास्ता था जिस पर दो तीन गुण्डे बैठे हुए थे।
उमा को देखकर उन्होंने नीचे जाने के लिए रास्ता दे दिया।
रूचि को देखकर एक बोला- चाची, माल तो बड़ा करारा है, हमको भी इसका रस चखा देना।
उमा मुस्कराती हुई नीचे उतर गई।
5-6 अधनंगी साधारण लड़कियाँ धंधे पर बैठी हुई थीं। उमा ने बताया आधे घण्टे का रेट 500 रुपए है, ये चूत और गाण्ड दोनों मरवाती हैं। 15-20 लड़कियाँ पीछे कमरे में पिलवा रही होंगी। इसके नीचे भी जाने का रास्ता था, हम लोग उतर कर और नीचे आ गए। यहाँ भी धंधे पर 5 लड़कियाँ बैठी थी। उनमें से तीन लड़कियाँ सोफे पर ग्राहकों की जाँघों पर बैठ कर उनके लौड़े सहला रही थीं और अपनी चूचियाँ मसलवा रही थीं। ये लड़कियाँ सुंदर और माल थीं।
उमा ने बताया- इनके रेट 1000 से 4000 रु एक घण्टे के हैं। सरीना भी इधर ही चुदवा रही होगी, 1000 रुपए एक घण्टे के लेती है, आधा पैसा शाकाल को देना पड़ता है। अन्दर सिर्फ 20 कमरे हैं जब कोई खाली होगा, तब ये जो तीन इंतजार कर रही हैं, अन्दर चुदने जाएँगी। चलो कमरा नंबर 5 में शाकाल जी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं, आओ, उनसे मिलते हैं।
कमरा नंबर में जब हम लोग अन्दर पहुंचे तो वहाँ पर शाकाल दो लड़कियों रीता और गीता को अपने से चिपकाए हुए था, दोनों वक्ष से नग्न थीं और स्कर्ट पहने हुए थीं, उनके संतरे गज़ब के सुंदर और कसे हुए थे।
शाकाल सिर्फ चड्डी में था उसके मोटे लण्ड का उभार साफ़ दिख रहा था।
एक लड़की ऊपर से उसके लण्ड को सहला रही थी और दूसरी शराब पिला रही थी। शाकाल की शक्ल कुछ जानी पहचानी सी लगी। थोड़ा ध्यान से देखने पर मुझे याद आ गया कि शाकाल कोई और नहीं, गिरीश ठेकेदार है जो हमारे यहाँ लेबर सप्लाई करता है।
गिरीश मुस्कराते हुए बोला- राजीव जी, आपको यहाँ देखकर बहुत ख़ुशी हो रही है ! सच ! आइये, आज हम दोनों मज़े करते हैं।
शाकाल ने उठकर मुझसे हाथ मिलाया और रूचि की तरफ देखते हुए बोला- यह छमिया रूचि है न ! उमा ने बताया था आपका माल है। पूरी रसभरी लग रही है। उमा ने वादा लिया है की इसकी चूत आपके सिवा कोई नहीं चोदेगा।
शाकाल ने रूचि के गले मैं हाथ डालते हुए उसकी एक चूची दबाई और बोला- लेकिन थोड़ा रस तो हम भी पी सकते हैं।
शाकाल रीता से बोला- रीता तू जरा बाहर जा, ठरकी होगा, उससे बोल एक इंग्लिश बोतल रंजना के हाथ भिजवा अपने यार के लिए। आज मज़े की रात है।
रूचि की तरफ देखते हुए शाकाल बोला- उमा, कुतिया को थोड़ा नंगा तो कर दे, इतने कपड़ों में अच्छी नहीं लग रही।
उमा ने हँसते हुए रूचि की साड़ी खींच दी। अब रूचि बिना ब्रा के ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
उमा बोली- रण्डीखाने में शर्म छोड़ दे, एक रात के लिए नंगी हो जा ! बहुत मज़ा आएगा। तेरी जैसी यहाँ पर हर शनिवार को 5-6 सुन्दर बदन वाली शरीफ औरतें ख़ुशी-ख़ुशी धंधा करने आती हैं और एक रात के लिए शरीफ रण्डी बनती हैं। हर औरत रात भर में 5-6 लोगों से चुदती है, एक घण्टे की चुदाई के रेट 6000 रुपए लगते हैं। ये औरतें शाकाल के खास लोगों को ही पेश की जाती हैं। आज भी धंधे पर 7 शरीफ औरतें बैठी हुई हैं, दो तो नंगा नाच भी करेंगी। एक एक औरत 2 बजे दोपहर से धंधे पर लगती है तो सुबह 6 बजे तक जम कर कमाती है।
उमा ने आगे बताया- सबसे खास बात यह है कि 5 साल में आज तक किसी भी शरीफ औरत का बाहर यह पता नहीं चला है कि यह धंधे पर बैठ चुकी है। बहुत सुरक्षित अड्डा है चुदने के लिए। कमीशन भी सबसे अच्छा मिलता है। शाकाल जी हर औरत को 25000 रुपए देते हैं एक रात के और नंगी नाचने वाली को तो 40000 रुपए मिलते हैं। सेठ अगर एक घण्टे से जयादा देर तक चोदता है तो उसके पैसे अलग से मिलते हैं। ग्राहक से ईनाम भी मिल जाता है। नंगी नाचने वालियों का मेकअप भी ऐसा किया जाता है की बाहर लोग उन्हें नहीं पहचानते। शाकाल जी के अड्डे से 50 से भी ज्यादा शरीफ औरतें जुड़ी हुई हैं। कई औरतें तो महीने में 5-6 बार चुदना चाहती हैं लेकिन शाकाल जी महीने मैं 2-3 बार से ज्यादा किसी को भी अड्डे पर चुदने नहीं देते हैं।
उमा ने रूचि का ब्लाउज खोल दिया और बोली- रण्डी मत बन लेकिन रण्डिया तो ले !
ब्लाउज खुलते ही रूचि के कबूतर आजाद हो गए जो किसी का भी लण्ड खड़ा करने के लिए काफी थे।
रूचि ने एक मिनट के लिए अपनी चूचियों को हाथों से छुपाया होगा कि उमा ने उसके हाथ हटा दिए। रुचि अब झुकी नज़रों से अपने दूधिया संतरों का शवाब सबके सामने परोस रही थी। रूचि की दबी मुस्कराहट बता रही थी कि अन्दर ही अन्दर वो भी मज़े लेने के लिए राज़ी थी।
मैं शाकाल के पास वाले सोफे पर बैठा था उमा ने रूचि को मेरे सोफे पर भेज दिया। रूचि जब मेरी तरफ आ रही थी तो उसकी गोल गोल चूचियाँ हिल रही थीं मेरा लण्ड टनक गया था जब वो सोफे के पास आई तो मैंने खींच कर उसे अपनी जाँघों पर बैठा लिया।
शाकाल रूचि के संतरे घूरे जा रहा था। उमा बोली- शाकाल जी, मैंने तो कुतिया की चूत पर नो एंट्री लगाई है, मन कर रहा हो तो इसके संतरों और होटों का तो रस पी लो। कुतिया के हैं भी बड़े रसीले ! रस पिओगे तो इसको भी तो मज़ा आएगा।
उमा की बात सुनकर शाकाल खुश हो गया, शाकाल रूचि को देखकर बोला- वाह ! क्या मस्त बदन है ! आज चूचियाँ तो इसकी मुझे चोदनी पड़ेंगी ही। उमा, तुझे वादा नहीं किया होता तो इसकी चूत का तो भोंसड़ा कर दिया होता !!
शाकाल मेरे पास आकर बैठ गया और उसने रूचि की चूचियाँ मसल दीं और होटों पर होंठ लगा दिए। मैंने रूचि का पेटीकोट ऊपर कर दिया था और उसकी चूत और जांघें मसलने लगा। रूचि मस्त होकर अपने होंठ चुसवा रही थी, चूची मलवा रही थी और चूत सहलवा रही थी। उसकी चूत पूरी गीली हो रही थी।
सेक्स की मस्ती में हम तीनों नहाए हुए थे। रूचि ने मेरी उंगलियाँ अपनी चूत में घुसवा ली थीं, पूरी रण्डिया रही थी।
तभी रंजना नाम की रण्डी एक शराब की बोतल और ग्लास के साथ मेरे सोफे पर दूसरी तरफ़ आकर बैठ गई। रंजना ने ब्रा और स्कर्ट पहनी हुई थी उसने एक जाम मेरे लिए बनाया और मेरी बगल में बैठ गई। शाकाल ने 5 मिनट बाद रूचि को छोड़ दिया और बोला- यार, अपने माल को संभालो। कुछ देर और रुक गया तो ये कुतिया मुझसे चुदे बिना नहीं रह पाएगी।
शाकाल अपने सोफे पर चला गया। रीता और गीता शाकाल के सोफे पर बैठी थीं। शाकाल ने रीता के हाथ में अपना लण्ड निकाल कर पकड़ा दिया और चड्डी दूर फ़ेंक दी।
रीता शाकाल का 8 इंची लण्ड, जो मेरे लण्ड से थोडा सा छोटा ही था, सहलाने लगी और गीता शाकाल के होंठ चूसने लगी। मेरे सोफे पर रंजना ने जाम रूचि को पकड़ा कर मेरी शर्ट-पैंट उतार दीं, मेरा लण्ड भी चड्डी के अन्दर उछाल मार रहा था।
मैंने रंजना की ब्रा उतार दी।
अब रंजना और रूचि मेरी छाती से चिपक गई, दोनों के सुंदर संतरे मेरी छाती से दबे हुए थे। मेरा हाथ रंजना के चूतड़ों पर घूम रहा था था, स्कर्ट के नीचे शायद वो चड्डी नहीं पहने थी।
रंजना ने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- आपका तो बहुत लम्बा और मोटा है ! दिखाइए ना ! शर्माते क्यों हैं?
मैंने अपनी चड्डी उतार दी।
रंजना बोल उठी- वाह क्या लण्ड है ! सच, आज तो चुदने में मज़ा आ जाएगा।
शाकाल ने अपनी लड़कियों की स्कर्ट खोल दी। रीता और गीता अब नंगी थीं।
रंजना ने भी अपनी स्कर्ट उतार दी, रंजना की चूत पाव रोटी की तरह फूली हुई थी। मैंने रूचि के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया था।
रूचि ने खुद अपना पेटीकोट नीचे सरका कर उतार दिया उसकी चूत से पानी बह रहा था। रूचि की चमचमाती चिकनी चूत नंगी हो गई थी।
रूचि मेरे से धीरे से बोली- मुझे चोद दो ! बहुत खुजली हो रही है।
रीता, गीता और रंजना भी नंगी हो गई थीं, अब कमरे में उमा के अलावा हम सब लोग नंगे थे। मैं और शाकाल बीच बीच में एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे और ड्रिंक पीते हुए अपनी अपनी हसीनाओं को मसल रहे थे।
कहानी जारी रहेगी।
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