दिल्ली में चुदाई की कमाई
(Delhi Me Chudai Ki Kamayi)
मेरे प्यारे दोस्तो,
मेरा नाम अविनाश है, मैं दिल्ली से एक कॉल-बॉय हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और आपके लिए एक जबरदस्त सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। यह मेरी पहली कहानी है।
यह बात तब की है जब मैं अपनी मेल चेक कर रहा था, तो एक मेल मुझे एक महिला का मिला, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति बिजनेस करते हैं और ज़्यादातर घर से बाहर रहते हैं इसलिए उन्हें मेरी सेवा चाहिए।
उसने मेल में अपना नंबर भी लिखा था।
मैंने सोचा कोई लड़का मुझे उल्लू बना रहा है इसलिए मैंने उसे टेलिफोन बूथ से कॉल किया।
जब मैंने उससे बात की तो उसने मुझे अपना नाम शिप्रा (बदला हुआ नाम) बताया और वह 27 साल की है।
हमने थोड़ी देर एक-दूसरे के बारे में बातचीत की, उसके बाद हमने ‘सिलेक्ट सिटी वॉक साकेत’ में मिलने का प्रोग्राम बनाया।
अगले दिन में उसे वहाँ मिला। दोस्तों जब मैंने उसे देखा तो बस देखता रह गया उसकी क्या फिगर थी ! वो एक मस्त माल थी।
जब मैंने उससे बाद में पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसके बदन का नाप 34-28-36 है।
उसके बाद हम दोनों ने वहाँ साथ-साथ मूवी देखी और उसके घर के लिए चल दिए।
घर पहुँच कर उसने ए.सी. चालू किया और मुझसे पूछा- आप क्या लेंगे?
तो मैंने उसे चाय के लिए कहा, वो रसोई में गई और 5 मिनट बाद चाय बना कर लाई और वो सोफे पर मेरे बराबर में आकर बैठ गई।
हमने बातें करते हुए चाय खत्म की उसके बाद वो मुझे देखने लगी, मैं उसके पास सरक गया और उसके लाल-लाल होंठों का रस पान करने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी। वो तो ऐसे चूम रही थी, जैसे जाने कितने दिन से प्यासी हो।
उसके बाद उसने मुझे बेडरूम में चलने के लिए कहा।
वह बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गई और हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे। फिर मैं उसके चिकने और एकदम गोरे मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा।
वो अब धीरे-धीरे गरम हो रही थी और ‘आआहह आ आआ आह आहहहहहहह… आईई उह’ जैसी आवाजें निकाल रही थी।
उसके बाद हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े उतारे। उसने मुझे अपनी बाँहों में कसकर पकड़ लिया। फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में उठाकर बिस्तर पर पटक दिया। मैंने भरपूर नज़रों से उसे देखा, वो वाक़यी जबरदस्त बदन की मालकिन थी।
मैं अपने हाथ से उसकी नर्म और गोरी चूचियाँ दबाने लगा। मैं एक चूची चूस रहा था और दूसरी को अपने हाथों से मसल रहा था।
‘अअआ आआ आहहहह आआआ!’
उसने अपनी आँखें बन्द कर रखी थीं और अपने हाथों से मेरा लण्ड ढूँढ रही थी।
मैंने उसको अपना लण्ड पकड़ाया और वो उसे सहलाने लगी।
मैं उसके बालों में हाथ फिराते हुए कभी उसके होंठों पर चूमता, तो कभी उसकी चूचियाँ को काटता और चूसता।
तभी मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी दो ऊँगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं, तो उसने ‘चिहुँक’ कर अपनी आँखें खोल दीं और एक ज़ोर की सीत्कार के साथ फिर से अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैं अब उठा और बिस्तर के किनारे पर बैठ कर उसे अपना लण्ड चूसने के लिए कहा। उसने भी बिना देर किए एकदम से मेरा सुपारे को चाटना शुरु कर दिया। फिर उसके बाद अपना मुँह खोलकर पूरे लण्ड को चूसने लगी।
क़रीब 10 मिनट तक चूसने के बाद हम दोनों 69 की अवस्था में लेट गए। वो मेरा लण्ड चूसे जा रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
क्या स्वाद था दोस्तों ! मैंने आज तक उसके जैसी चूत नहीं चाटी थी ! उसने चूत में कोई मस्त फ्लेवर लगाया हुआ था, जिसमें उत्तेजना बढ़ाने वाला कोई पदार्थ भी मिला हुआ था।
फिर वो कहने लगी- अब जल्दी से मुझे चोदो मुझ से और सहन नहीं होता।’
तो मैंने बिना देर किए उसे लिटाया और उसकी चूत पर अपने लण्ड का सुपारा रगड़ने लगा।
वो कहने लगी- प्लीज़ जल्दी करो ना !’
पर मैं तो अपना सुपारा रगड़े जा रहा था, क्योंकि दोस्तों लड़की को जितना अधिक तड़पाओगे उसे उतना ही मज़ा आएगा और उसे मजा देना ही हमारा काम है।
खैर फिर मैंने उसकी टाँगे फैलाईं और अपना 7 इंच का लण्ड उसकी चूत में तीन धक्कों में घुसा दिया। वो चीखने-चिल्लाने लगी और कहने लगी- जल्दी बाहर निकालो इसे नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी।’
शायद उसका पति उसे बहुत कम चोदता था या फिर उसका लण्ड बहुत छोटा था।
मैंने थोड़ी देर रुकना ठीक समझा। कुछ ही पलों के बाद जब वो अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर धक्के देने लगी तो मैं समझ गया कि उसका दर्द कम हो गया है।
क़रीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जब मुझे लगा कि मैं अब छूटने वाला हूँ तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा।
मैं उसके पीछे आ गया और पूरी ताक़त से धक्का लगाया तो वह कहने लगी- प्लीज़…धीरे करो… दर्द हो रहा है!
पर मैं रुका नहीं और लगातार धक्के मारता गया, साथ ही चूचियों को भी दबाता जा रहा था।
तभी वह चिल्ला उठी- आ…आआ…आहहहह… मैं गई… और तेज़ करो!
पर कुछ देर रुक जाने की वजह से मैं अब ख़ुद पर नियंत्रण पा चुका था और लगातार चोदे जा रहा था।
थोड़ी देर के बाद वह कहने लगी- अब मुझे छोड़ दो, जलन हो रही है, मैं दो बार छूट चुकी हूँ।’
मैंने कहा- पर अभी मेरा तो रुका हुआ है।
उसने कहा- मैं मुँह से कर देती हूँ।
तो मैंने कहा- वह राऊँड तो पहले ही हो चुका है। अब यदि तुम्हें दिक्क़त न हो तो गांड में कर लूँ?
वह कहने लगी- नहीं, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई।’
मैंने उसे जोश दिलवाते हुए कहा- एक बार मरवा लो, फिर गांड ही मरवाने के लिए बुलाया करोगी।
‘अच्छा… तुम कहते हो तो चलो आज यह भी हो जाए।
मैंने क्रीम ली और उसकी गांड के छेद पर मली और एक ऊँगली डाली तो वह कहने लगी- दर्द हो रहा है।’
तो मैं धीरे-धीरे क्रीम उसकी गांड के अन्दर लगाता रहा। फिर उसने मेरे लण्ड पर क्रीम लगाई फिर मैंने उसे पीछे से कसकर पकड़कर एक धक्का लगाया तो लण्ड क्रीम की वज़ह से सरकता हुआ 4 इंच अन्दर चला गया।
वह चिल्लाने लगी- प्लीज़ मुझे छोड़ दो। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
उसकी आँखों में आँसू आने लगे, पर मैं जानता था कि यदि पहली बार में इसे छोड़ दिया तो फिर गांड नहीं मरवाएगी, इसलिए मैं रुका नहीं और लगातार धक्के लगाता रहा और उसकी चूत में भी दो ऊँगलियाँ घुसा दीं।
थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वह गांड हिलाने लगी।
मुझे लगा कि अब मैं छूटने वाला हूँ तो मैंने उसे बताया तो वह कहने लगी- जल्दी से निकालो, मुझे पीना है।
मैंने अपना लण्ड उसकी गांड से निकाला और उसके मुँह में डाल दिया, जिसे वह तेज़ी से चूसने लगी।
तभी मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में उड़ेल दिया जिसे वह चाट-चाटकर सारा पी गई। अब हम दोनों ही थककर बिस्तर पर लेट गए। क़रीब 15 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहने के बाद हम उठे और कपड़े पहनने लगे।
फिर उसने मेरी फीस के 5000 रुपए मुझे दिए और कहने लगी- मुझे पहली बार किसी ने इतना मज़ा दिया है।’
और उसने मुझे एक ज़ोरदार चुम्बन किया।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल कर के बताना ना भूलें। इसके बाद मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लिखूंगा, लेकिन पहले मुझे आपके मेल के इंतजार रहेगा।
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