बच्चे की चाहत में चुदाई कराई
(Bacche Ki Chahat Me Chudai Karai)
दोस्तो, जैसा कि आप सब जानते हैं.. मेरा नाम राजकिशोर है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं जिस्म मसाज का काम करता हूँ और उन्हीं घटनाओं को मैं आप सभी से साझा भी करता हूँ.. पर मैं किसी का नाम या नंबर नहीं बताता हूँ।
आप सबने मेरी कहानियों को पसंद किया और बहुत सारे ईमेल आने से मेरा उत्साह भी बढ़ा। मैं अपने उन भाइयों को बताना चाहता हूँ.. जो मुझसे मेरी ग्राहकों के नंबर माँगते हैं.. निवेदन करता हूँ कि प्लीज़ ना माँगें.. क्योंकि मैं किसी की गोपनीयता भंग नहीं कर सकता।
अब मैं कहानी पर आता हूँ।
बात सिर्फ़ दो दिन पहले की है.. मेरे पास एक कॉल आई.. एक महिला की आवाज़ थी।
मैं- हैलो..
महिला- जी मैं रश्मि बोल रही हूँ.. मुझे आपसे ज़रूरी बात करनी है।
मैं- जी कहिए..
महिला- मेरी बड़ी बहन सुमन ने आपका नंबर दिया है.. मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी.. मेरे पति के शुक्राणु कमजोर हैं जिस कारण मैं माँ नहीं बन सकती.. मैं आपसे सहयोग चाहती हूँ।
मैं- पर आपके पति कहेंगे.. कि यह बच्चा किसका है तो?
महिला- वो खुद चाहते हैं कि मैं ऐसा करूँ.. अगर जान-पहचान से करूँगी तो दिक्कत आ सकती और आप अपने काम और पैसे से मतलब रखते हैं। आप तैयार है ना?
मैं- आपने सही कहा.. मुझे पैसे से मतलब है और आपको 20000 देने होंगे 10000 पहले और 10000 बच्चा रुकने के बाद..
महिला- ठीक है.. आप कल शाम 7 बजे जयपुर आ जाना.. मेरी गाड़ी आपको लेने पहुँच जाएगी गाड़ी का नम्बर **** होगा।
इसके बाद फ़ोन कट गया।
मैं अपने वादे के मुताबिक पहुँच गया.. गाड़ी में बैठ कर मंज़िल की तरफ चल पड़ा। गाड़ी एक युवक चला रहा था जिसकी उम्रकरीब 28 की रही होगी। घर पहुँच कर पता चला कि ये युवक ही उसका पति है।
रश्मि ने बहुत अछे से मेरी आवभगत की.. अब हम तीनों लोग लॉबी में आराम से बैठकर बात कर रहे थे। बातों से पता चला कि रश्मि की शादी 16 साल की उम्र में ही हो गई थी और अब वो 21 साल की थी।
उसके पति भावेश ने कहा- भाई मैं ज़रा बाहर हो कर आता हूँ.. आप लोग एन्जॉय करो।
वो ये कहकर चला गया।
मैं तो सोच में पड़ा था कि पति के सामने ये सब कैसे हो सकता है.. तभी रश्मि ने मुझे ज़ोर से झकझोर दिया- कहाँ खो गए राज.. वो होटल से खाना और ड्रिंक वगैरह लेने गए हैं.. आज की रात वो यादगार बनाना चाहते हैं।
मैं जैसे नींद से जगा.. बला की खूबसूरत गुलाबी साड़ी में वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसकी फिगर का नाप 32-28-34 का रहा होगा। मैं तो उसकी खूबसूरती देखकर पागल होने लगा।
मेरा जी चाहता था कि अभी चोद दूँ.. पर मैं हर काम तरीके से करता हूँ।
कुछ देर बाद भावेश भी आ चुका था और अब शराब का दौर शुरू हुआ।
मैंने 2 पैग लेने के बाद ख़ाना खाया जबकि भावेश पूरे नशे में टुन्न हो चुका था।
भावेश- राज भाई मैं आज तक रश्मि को चोद नहीं पाया.. बचपन से हस्तमैथुन करके अपनी ज़िंदगी खराब कर ली.. मैं किसी लायक नहीं हूँ.. मुझे सिर्फ़ बच्चा चाहिए.. किसी भी तरह.. आज तुम रश्मि को इतना चोदो.. कि पूरे 5 साल की कमी पूरी हो जाए।
मैंने रश्मि की तरफ देखा.. जो शर्म से लाल हुई जा रही थी और वासना उसके चेहरे से टपक सी रही थी।
अब सभी खाना खा चुके थे.. भावेश खड़ा हुआ और अपने कमरे में चला गया.. उसे नशा जो काफ़ी हो चुका था।
अब रश्मि उठकर मेरे पास बैठ गई- राज जी.. इनकी बात का बुरा मत मानना..
वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और उसने मेरे गाल पर एक चुम्बन कर दिया।
बोली- राज.. अभी तक मेरी सुहागरात नहीं हुई है.. आज मैं आपके साथ सुहागरात मनाऊँगी.. आप जरा इन्तजार करो.. मैं तैयार हो कर आती हूँ।
ये कहकर वो अपने कमरे में चली गई।
मैं अकेला बैठा सोच रहा था कि इतनी हसीन लड़की और आज तक चुदी नहीं?
थोड़ी देर इंतजार के बाद आख़िर अन्दर से आवाज़ आई- आ जाइए राज..
मैं कमरे के अन्दर गया तो दंग रह गया.. दुल्हन के लिबास में रश्मि कमाल लग रही थी.. पूरा बिस्तर फूलों से सज़ा हुआ था।
मैंने घूँघट उठाया तो चाँद नज़र आ रहा था.. न जाने कब मेरे होंठ उसके होंठों में समा गए.. पता ही नहीं चला।
देखते ही देखते हम कब नंगे हो गए.. कुछ भी होश नहीं था। मैंने रश्मि की तरफ देखा जो मेरे खड़े लण्ड को देख रही थी। उसके चेहरे पर डर और खुशी देखी जा सकती थी.. शायद उसने पहले कभी ऐसा लण्ड नहीं देखा था।
वो उठ कर आई और उसने मेरे लण्ड में बहुत सारी क्रीम लगाई और अपनी चूत पर भी क्रीम मल ली।
मैंने उसे सीधा लिटाया और उसके ऊपर आ गया।
दोनों ही चुदास के चलते.. आपे से बाहर थे। लण्ड का सुपारा चूत के छेद पर रखा और एक हल्का धक्का लगाया.. चिकनाई होने के कारण आधा लण्ड अन्दर समा गया।
वो ज़ोर से जोर से चीख पड़ी.. उसकी आवाज़ सुनकर भावेश भी आ गया और ताली बजा कर बोला- वाह.. आज मेरी पत्नी की इच्छा ज़रूर पूरी होगी.. हिच..
मैं तो घबरा कर अलग होने जा रहा था.. पर रश्मि ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और कहा- उनको देखने दो.. आप इतनी हसीन लड़की और आज तक बिना चुदी को चोदते रहो.. आप रूको मत..
मैं भी पूरे जोश में आ गया और एक ज़ोर का झटका लगा दिया। चूत को चीरता हुआ मेरा पूरा लण्ड समा गया.. सीधा बच्चेदानी के मुँह पर लगा।
इस बार रश्मि.. जो इस झटके के लिए तैयार ना थी- आआहह.. म्माआ.. आअर डालल्ला.. ओ माँ.. मर गई.. मैं.. राज प्लीज़.. रुक जाओ..
मैं रुक गया और उसके चूचे.. जो कि ज़्यादा बड़े न थे.. अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
थोड़ी देर में ही उसकी कमर हिलती हुई महसूस हुई.. तो मैंने भी धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।
धकापेल चुदाई चल रही थी और पूरा कमरा उसकी सीत्कारों से गूँज रहा था।
‘आआअहह.. उऊहह.. ज़ोर से..ईई.. करो और ज़ोर से.. और ज़ोर से राज.. फाड़ दो आआआजज.. इस चूत को..’
उसकी इस तरह की आवाजों से मेरा जोश बढ़ रहा था और मेरे झटके तेज होते जा रहे थे।
उसका पति बड़ी ध्यान से चुदाई देख रहा था.. वो नशे में भी बहुत खुश नज़र आ रहा था।
लगातार 40 मिनट की चुदाई में रश्मि न जाने कितनी बार झड़ चुकी थी.. क्योंकि अब उसकी चूत से ‘छपक.. छपक..’ की आवाज़ आ रही थी।
आख़िर मेरा भी माल निकलने वाला था.. तो मैंने उसकी टाँग अपने कंधे पर रख कर धक्के तेज कर दिए और आख़िर मैंने अपने लण्ड को चूत की जड़ तक घुसेड़कर बच्चेदानी के मुँह पर लगा कर उसकी बच्चेदानी अपने वीर्य से भर दी और उसके ऊपर ढेर हो गया।
रश्मि भी अब तक निढाल हो चुकी थी.. उसने मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ कर एक लंबा सा किस कर दिया।
आज मुझे भी पहली बार नया अनुभव हो रहा था। पूरी रात हम नंगे ही रहे और सुबह उसके आग्रह करने पर एक बार और चोदा।
सुबह नाश्ते के बाद मैं अपने घर आया.. एक महीने बाद मुझे खुशख़बरी सुनकर बाकी पैसे मेरा खाते में जमा करा दिए गए।
कैसी लगी आपको मेरी यह सच्ची घटना.. आप सभी के ईमेल का इंतजार रहेगा।
मेरा हौसला बढ़ाने के लिए ज़रूर बताईएगा।
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