समुन्दर का किनारा
लेखिका – नेहा वर्मा सहयोगी – जो हंटर मैं मडगाँव, गोआ स्टेशन पर उतरी। ‘जो’ लपक कर मेरी बोगी के आगे आ गया और मेरा सामान सामने वाले रेस्टोरेन्ट पर रख दिया। फिर वहां से लपक कर दूसरी बोगी में गया और वहां से एक जोड़े को और ले कर आ गया। मैं उन्हें जानती […]