मजा और सजा
लेखक : जो हन्टर सहयोगी : कामिनी सक्सेना यह कहानी तीन भागों में है। मैं पुलिस स्टेशन से बाहर आया और अपनी मोटर साईकल उठा कर सीधे सुधीर के घर आ गया। अभी सवेरे के साढ़े आठ ही बजे थे…हमेशा की तरह सुधीर घर पर नहीं था। उसे शायद यह मालूम नहीं था कि आज […]