Latest Sex Stories

चूची में दूध है क्या?

चाची मेरे पास आ गई... मैं चाची की ब्रा को खोल के प्यार से सूंघने लगा... चाची की मादक मुस्कराहट ने और भी मज़ा भर दिया... फिर चाची की पैंटी को एक ही झटके में खोल दिया...

रीना और उसकी सहेली संजना

On 2005-12-20 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : जीत शर्मा मैं जीतू दिल्ली से एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मेरी पिछली कहानी “रीना को सन्तुष्ट किया” को पढ़कर मुझे काफी लोगों ने मेल किया, उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूँ। दोस्तो, आज मैं आपको अपनी एक और कहानी बताने जा रहा हूँ। जैसा कि मैंने अपनी पिछली […]

भाभी की मस्त चुदाई

मन्दाकिनी भाभी बहुत ही सेक्सी, गोरी, स्लिम है। उनका फ़ीगर वेल-मेन्टेन्ड है। वो जब मेरे कमरे में झाडू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधे उनके ब्लाउज़ के अंदर चला जाता।

ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी ने कस्ट्मर केयर में अभी अभी नया ही जॉइन किया था और मैं अकाऊँटेंट था। वो एक सरल स्वभाव की चुप सी रहने वाली लड़की थी। ऑफ़िस में किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। ऑफ़िस में वेतन का भुगतान मैं ही करता था […]

जवानी फिर ना आये

On 2005-12-17 Category: पड़ोसी Tags:

जवानी की मस्ती मैं जी भर के लूटना चाहती हूं, लगता है कि बस रोज रात को कोई मुझे दबा कर चोद जाये … जानते है जीवन में जवानी एक ही बार आती है … फिर आ कर ना जाने वाला बुढ़ापा आ जाता है … जी तरसता रह ही जाता है … मैंने आज […]

बेटा बड़ा हो गया है

मेरा नाम राहुल है मैं कटनी का रहने वाला हूँ. आज मैं आप सबको मेरी माँ की चुदाई के बारे में बताता हूँ. बात उन दिनों की है जब मैं भोपाल पढ़ाई करने गया था इन्जिनीयरिंग में दाखिले के बाद. मेरे घर में मेरे पापा, मेरी माँ और मैं ही रहते हैं क्योंकि मेरे पापा […]

मेरी गांड को लग गई मौज

On 2005-12-15 Category: गे सेक्स स्टोरी Tags:

लेखक : सनी दोस्तो, सब कैसे हो ! उम्मीद है सब ठीक ठाक होंगे। सभी पाठकों और सबसे पहले आदरणीय गुरूजी को प्रणाम ! आप सबका धन्यवाद जो आप सबने मेरी कहानी ( कैसे बन गया मैं एक चुद्दकड़ गांडू ) को पसंद किया। उसके बाद भी मैंने कुछ कहानिया भेजीं हैं। उम्मीद है कि […]

तन की आग

लेखिका : नेहा वर्मा हम पति पत्नि दोनों ही गांव छोड़ कर नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आ गये थे। मेरा देवर भी पढ़ाई के लिये हमारे साथ यहां आ गया था। मेरा देवर राजू कॉलेज में था उसे सुबह जाना होता था और 12 बजे तक वापस आ जाता था। मैं दोनों का नाश्ता […]

बस में डबल वाली सीट

On 2005-12-13 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : रंजन हाय दोस्तों मेरा नाम आर्यन है। वैसे तो मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ पर जॉब कोइम्बटोर में करता हूँ। मेरा जॉब मार्केटिंग का है जिसमें घूमना ज्यादा होता है। अब मैं आपको असली बात बताता हूँ। एक बार मैं काम के सिलसिले में कोइम्बटोर से चेन्नई जा रहा था। मैने […]

कॉल गर्ल का पहला कॉल

मेरी टांगें चौड़ी करके उसका चेहरा मेरी चूत पर झुक गया और वहाँ अपना मुँह लगा दिया। 'अरे ये क्या कर रहे हो... ये तो पेशाब की जगह है छी: हटो, जाने क्या कर रहे हो?'

इसमें तो बहुत मजा आया

On 2005-12-11 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : राहुल हेल्लो दोस्तो ! मैं राहुल हरियाणा फ़िर से हाज़िर हूँ आपके लिए एक रोमांच और सेक्स से भरपूर कहानी ले कर ! सभी मर्द अपने लंड को हाथ में दबा के और लड़कियाँ और औरतें अपने स्तनों को दबा के और अपनी चूत में ऊँगली दे कर बैठें ………… आज अपनी कहानी […]

मैं और मेरी भाभी जयपुर में

On 2005-12-09 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : रोहित खण्डेलवाल हेल्लो दोस्तो ! मैं रोहित आपका दोस्त लेकर आ गया आप लोगों के लिए यौन-कथा ! पहले अपने बारे में बताता हूँ मैं रोहित इक्कीस साल का जवान जयपुर का रहने वाला हूँ। मैं आज आप लोगो के लिए ऐसी सेक्स स्टोरी लाया हूँ जिसे पढ़ कर लड़कियों की चूत में […]

प्रगति की आत्मकथा -2

ऑफिस का एक कमरा बतौर गेस्ट-रूम इस्तेमाल होता था जिसमें बाहर से आने वाले कंपनी अधिकारी रहा करते थे। उधर रहने की सब सुविधाएँ उपलब्ध थीं। प्रगति, शेखर का हाथ पकड़ कर, उसे गेस्ट-रूम की तरफ ले जाने लगी। कमरे में पहुँचते ही उसने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया और शेखर के साथ लिपट गई।

आवारगी-4

On 2005-12-07 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

माया देवी इस प्रकार अपनी योनि के साथ भाँति भाँति के अजीब ढंग के प्रयोग करते करते समय निकल रहा था कि विदेश से मेरी दोनों भाभियाँ आ गई, वे एक माह के लिए हिन्दुस्तान घूमने आई थी, उन दोनों से मेरी खूब पटी। मेरी बड़ी भाभी का नाम मार्टिना और छोटी भाभी का नाम […]

प्रगति की आत्मकथा- 1

प्रगति एक आम भारतीय नारी जो पुरुष प्रधान समाज की क्रूरता की शिकार है, वो एक कम्पनी ने निजी सचिव है... एक दिन प्रगति के बॉस ने उसके चेहरे की उदासी को भांप कर कारण पूछा तो प्रगति रो पड़ी और उसके बॉस शेखर, जो एक शरीफ आदमी है, ने उसे सांत्वना देने के लिए अपने गले से लगा लिया...

आवारगी-3

प्रेषिका : माया देवी इस घटना के बाद मैं खुद ही सेक्स संबंधों के प्रति आवश्यकता से अधिक झुकती चली गई। जब तक उस स्कूल में रही तब तक प्रिंसीपल और डबराल सर के साथ मैने अनेक बार सम्बन्ध बनाये, किसी नये व्यक्ति से संबंध बनाने की जिज्ञासा तो मुझे रहती थी किन्तु मैं नये […]

बाबा डर लगता है !

On 2005-12-03 Category: चुदाई की कहानी Tags:

लेखिका : दिव्या डिकोस्टा जब मैं जवान हुई तब मुझे भी और लड़कियों की तरह चुदवाने की इच्छा होती थी। पर हमारी सहेलियों में से एक के साथ प्रेग्नेन्सी का हादसा हो गया तब से मैं बहुत डर गई थी। वो पूरे कॉलेज में बदनाम हो गई थी और फिर उसने कॉलेज छोड़ दिया था। […]

वो हसीन शाम

On 2005-12-02 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : ओ पी झाकड़ हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम प्रकाश है। मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं शादीशुदा आदमी हूँ। मेरी उमर ३० साल की हैं, २ बच्चे हैं। बच्चे होने के बाद से ही मेरी बीवी की सेक्स में दिलचस्पी कम हो गई थी, इस लिये मुझे बाहर लड़कियों से दोस्ती करनी […]

आवारगी-2

प्रेषिका : माया देवी उधर श्वेता ने उनके लिंग को फिर लोहे की गर्म रॉड की शक्ल दे दी थी और अब स्वयं ही अपनी योनि उस पर टिका कर धीरे धीरे धक्के देने लगी थी। लिंग-मुंड के उसकी योनि में प्रवेश करते ही वह सिसक उठी- उफ….माई डीयर…. डबराल ! ….. उफ … ! […]

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