वो पूस की एक रात-2
मैंने हाथ बढ़ाया, जैसे ही उसने रूमाल लेना चाहा… मैंने कसकर उसे खींच लिया और सीने से दबोच कर छिपकली की तरह चिपका लिया। इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने उसके होंठ अपने होंठों से कस दिए। उसकी सलवार पैरों पर नीचे जमीं पर गिर चुकी थी, वो छूटने के लिए मचल उठी.. मैंने होंठों […]