दीवाने तो दीवाने हैं-1
प्रेषिका : शमीम बानो कुरेशी इन दिनों मैं बनारस में अपनी दुकान पर भी बैठने लगी थी। मात्र साड़ियाँ व औरतों के ही कपड़े थे। कुछ रेडीमेड, कुछ थान, फिर चड्डी ब्रा इत्यादि। मजे की बात तो यह थी कि मेरे जिस भाग में चड्डी ब्रा बिकती थी वहाँ लड़के बहुत आते थे, अपनी गर्लफ़्रेन्ड […]