Latest Sex Stories

राजा का फ़रमान-2

यह कहते ही राजा ने मेरी चूचियों पर से कपड़ा नीचे सरका दिया। मैंने बिन कंधे का टॉप पहना था और ब्रा तो रास्ते में ही खुल चुकी थी, सो चूचियाँ उसके सामने झूलने लगी और राजा की आँखों में लालच आने लगा...

राजा का फ़रमान-1

नमस्कार दोस्तो! मैं वृंदा पहली बार अन्तर्वासना पर अपना एक स्वप्न प्रस्तुत कर रही हूँ, मुझे अक्सर इस तरह के स्वप्न आते हैं! और मैंने आज तक किसी को इनके बारे में नहीं बताया है, आज पहली बार बहुत हिम्मत करके लिखने का प्रयास कर रही हूँ! इस स्वप्न में मैं एक ऐसे देश में […]

थोड़ा दर्द तो होगा ही

अब मेरी कुंवारी गाण्ड के लिया दर्द सहना बहुत कठिन हो गया था क्योंकि मैं जानती थी कि उसका लण्ड मेरी गाण्ड के लिये मोटा है और मैं उसको सहन नहीं कर पाऊँगी।

जब मस्ती चढ़ती है तो…-3

On 2009-05-04 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक होली वाले दिन साबुन लगवाने के बाद अब राजू मेरे से कुछ ज्यादा खुल गया था। अब वो मेरे साथ भाभी देवर की तरह मजाक करने लगा था और कभी कभी तो द्विअर्थी शब्दों का भी प्रयोग करने लगा था। अब वो अक्सर मुझे साबुन लगाने के लिए […]

जब मस्ती चढ़ती है तो…-2

On 2009-05-03 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक उसके बाद मेरे पति वापिस आ गए। आते ही मैंने उन्हें उलहाना दिया और अकेले छोड़ कर जाने के लिए थोड़ा सा झूठ-मूठ का झगड़ा भी किया। पर उस रात अजय ने पूरी रात असली लण्ड से मेरी चूत का पोर-पोर मसल दिया और मेरा सारा गुस्सा ठण्डा […]

जब मस्ती चढ़ती है तो…-1

प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक मेरे सभी दोस्तों का धन्यवाद जिन्होंने मेरी सुहागरात की दास्तान पिया संग मेरा हनीमून को सराहा और मुझे अपनी मस्ती की एक और दास्ताँ लिखने के लिए प्रेरित किया। मैं कोई लेखिका नहीं हूँ पर जब मैंने अपनी दास्ताँ अपने एक मित्र राज को बताई तो उसने मुझे […]

अतुलित आनन्द-3

On 2009-05-01 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हम दोनों ने साथ खाना खाया, खाने का स्वाद गजब का था, अंत में गाजर का हलवा भी परोसा गया। मैंने कहा- आप तो बहुत अच्छ खाना बना लेती हैं ! इस पर उन्होंने कहा- मैंने होटल मैनेजमेंट किया हुआ है, तीन साल एक बड़े ही नामचीन होटल में काम भी […]

अतुलित आनन्द-2

On 2009-04-30 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हमने एक दूसरे को देखा, अब आँखों ही आँखों में बातें होने लगी। उन्होंने मेरे हाथ पर अपनी हाथ रख दिया मैंने भी उनके हाथ को धीरे से दबाया, अब हम दोनों मस्त हो रहे थे। मुझे लगने लगा कि क्या यह मस्त चीज मेरे ही लिये है? अगर हाँ तो […]

अतुलित आनन्द-1

On 2009-04-29 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर दोस्तो, मेरा नाम क्या है या है भी कि नहीं, इससे कुछ फ़र्क पड़ता ! किस्सा क्या है यह ज्यादा मायने रखता है। प्रेम किसी को भी किसी से भी हो सकता है, और जब हो जाये तो दुनिया रंगीन, जिन्दगी हसीन लगने लगती है, यह सिर्फ़ सुना था पर महसूस […]

एनिमेशन क्लास

On 2009-04-28 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : शंकर आचार्य मेरा नाम शंकर है, बंगलोर में जॉब करता हूँ। आज आपको मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी बता रहा हूँ। जब मैं इंस्टिट्यूट में था तो मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम है निशा। बिल्कुल मस्त माल है। उसकी उम्र 19 साल थी जब मैंने उसे चोदा था। तो […]

जीजू ने बहुत रुलाया-3

On 2009-04-27 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब जाने की इच्छा होने लगी, मैं बोली- जीजू, पेशाब लगा है। जीजू बोले- अब तुम्हारी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी है। तुम चाहे न मानो, लेकिन तुम्हारी चूत चुदने को तैयार है। मैं गिड़गिड़ाई- नहीं जीजू ! तकलीफ़ हो जायेगी मुझे ! मैं उनसे […]

जीजू ने बहुत रुलाया-2

दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थी। मैं स्कर्ट पहनती थी। जब अकेली हो जाती थी तो चड्डी उतार देती थी। अपनी चूत को उँगली से छेड़ती रहती थी। एक दिन मैं पता नहीं कैसे दरवाजा बंद करना भूल गई। मेरी आँख लग गई। शायद जीजू अन्दर आये होंगे। पता नहीं मेरी स्कर्ट अपने आप […]

जीजू ने बहुत रुलाया-1

मैं शादी से पहले अपने जीजू से कई बार चुद चुकी हूँ। जीजू भी मुझे चोदते समय बेरहम हो जाते थे। पहले मैं जीजू से अपनी चुदाई के बारे मैं बताती हूँ।

अब करो मेरा काम !

अंजू ने पतली सी नाईटी पहन रखी थी! बाहर से ही उसके मोटे चूचे दिख रहे थे और गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं! उसने पूरी तैयारी की थी चूत चुदवाने की! लग रहा था जैसे आज ही बाल साफ़ किए हैं।

वो लाइन देती थी

On 2009-04-23 Category: पड़ोसी Tags:

मेरा नाम दीपक, कोटा राजस्थान से 28 साल का हूँ। मेरा लंड नौ इंच का है, न जाने कितनी चूत चोद चुका हूँ। मैं अन्तर्वासना का पिछले एक वर्ष से नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी आप सबसे अपना अनुभव बांटना चाहता हूँ। मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती […]

जरा ठीक से बैठो-3

On 2009-04-22 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : हरेश जोगनी बड़ा अजीब नज़ारा था, दो गेंद जो मुश्किल से उस कपड़े से बंधे थे, वो उछल कर राजेश के हाथ में आ गए। फिर मैंने भी उसकी पैंट उतारी और पैंटी भी उतारी। अब उसकी गोल गोल गोरी गाण्ड भी हमारे हाथों में थी। मस्त मुलायम मक्खन जैसी गाण्ड थी, मैंने […]

जरा ठीक से बैठो-2

On 2009-04-21 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति में कोई भी सेक्सी औरत आती तो भी लौड़ा उठ नहीं पाता। हम दो घंटे एक दूसरे की बाहों में हाथ डाल कर मियां-बीवी की तरह सो गए। शाम के सात बजे हम उठे और फिर बाहर घूमने की योजना बनाने लगे। मैं- राजेश, […]

जरा ठीक से बैठो-1

प्रिय पाठको, हरेश जी का एक बार फ़िर नमस्कार ! आपने मेरी लिखी एक लम्बी कहानी मुझे रण्डी बनना है पढ़ी ही होगी। और एक सच्ची कहानी के द्वारा आपके सामने आया हूँ। मेरा प्रवास कम ही होता है पर जब भी होता है वो यादगार बन जाता है। यह घटना एक साल पहले घटी […]

बेचैन निगाहें-2

On 2009-04-19 Category: चुदाई की कहानी Tags:

बेचैन निगाहें-1 जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो दिल धक से रह गया। संजय सामने खड़ा था। मेरा दिल जैसे बैठने सा लगा। ‘अरे मुझे बुला कर कहाँ जा रही हो?’ ‘क्… क… कहाँ भला… कही नहीं… मैं तो… मैं तो…’ मैं बदहवास सी हो उठी थी। ‘ओ के, मैं कभी कभी आ जाऊँगा… चलता […]

बेचैन निगाहें-1

On 2009-04-18 Category: चुदाई की कहानी Tags:

मेरी शादी हुए दो साल हो चुके हैं। मेरी पढ़ाई बीच में ही रुक गई थी। मेरे पति बहुत ही अच्छे हैं, वो मेरी हर इच्छा को ध्यान में रखते हैं। मेरी पढ़ाई की इच्छा के कारण मेरे पति ने मुझे कॉलेज में फिर से प्रवेश दिला दिया था। उन्हें मेरे वास्तविक इरादों का पता […]

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