जोगिंग पार्क-3
नेहा वर्मा एवं शमीम बानो कुरेशी फ़िर एक दिन मैं जब सवेरे विजय के यहाँ गई तो वहाँ उसका एक दोस्त और था। मैं उसे नहीं जानती थी… पर वो मुझे जानता था। उसने अपना नाम प्रफ़ुल्ल बताया था, पर लोग उसे लाला कहते थे। मुझे वहाँ रोज आता देख कर वो भी विजय के […]