Latest Sex Stories

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-2

On 2010-02-16 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु की कलम से 3. उरोजों को मसलना और चूसना शाम के कोई चार बजे होंगे। आज मैंने सफ़ेद पेंट और पूरी बाजू वाली टी-शर्ट पहनी थी। आंटी ने भी काली जीन पेंट और खुला टॉप पहना था। आज तीसरा सबक था। आज तो बस अमृत कलशों का मज़ा लूटना था। ओह… जैसे दो […]

चिरयौवना साली-23

On 2010-02-15 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

लेखिका : कमला भट्टी धीरे धीरे उन्होंने अपनी अंगुली का एक पोरवा मेरी गाण्ड में घुसा दिया था और चूत चाटते चाटते उसको धीरे धीरे अन्दर-बाहर कर रहे थे। हालाँकि उनकी अंगुली मेरी गाण्ड के छल्ले में नहीं घुसी थी पर वे उसको रवां करके घुसाने की तैयारी में ही थे। मेरी गाण्ड का छिद्र […]

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-1

On 2010-02-15 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु की कलम से जब भी कामांगों और सेक्स (लंड, चूत और चुदाई) का नाम जबान पर आता है तो पता नहीं ये तथाकथित समाज और धर्म के ठेकेदार क्यों अपनी नाक भोंहें सिकोड़ने लगते हैं और व्यर्थ ही हंगामा मचाने लग जाते हैं। मैं एक बात पूछना चाहता हूँ कि क्या इन्होंने कभी […]

चिरयौवना साली-22

On 2010-02-14 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

लेखिका : कमला भट्टी मैं पहुँची तो वे सड़क पर लेफ्ट-राईट कर रहे थे। आखिर मैं सिटी बस से उतरी, वो मुझे होटल की ओर ले गये और कहा- मैं नाश्ता साथ ही लाया हूँ, हम कमरे में ही करेंगे, अभी सर्दी में वैसे भी लस्सी अच्छी नहीं लगेगी। मैंने कहा- चलो ठीक है। उस […]

चिरयौवना साली-21

On 2010-02-13 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

लेखिका : कमला भट्टी मेरे गाँव से थोड़ी दूर कोई 10-12 किलोमीटर पर देवी का मंदिर है और सबका वहाँ जाने का कार्यक्रम बन गया। हम सब वहाँ गए, देवी के दर्शन किये। वहाँ कुमकुम था, उससे जीजाजी सबके टीका लगा रहे थे और जब सब उस मंदिर से बाहर निकल रहे थे और मैं […]

चिरयौवना साली-20

On 2010-02-12 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों का मुख्य विषय सेक्स ही होता था। पहले मुझे उनकी बातों से बोरियत होती थी पर कभी कभी अच्छी भी लगती थी ! वे बार बार मेरी चूत चाटने का जिक्र करते तो मेरे खयालों में उनका अधगंजा सर मेरी टांगों के बीच महसूस होता […]

चिरयौवना साली-19

मैं जीजाजी को उनकी सेवा का ईनाम देना चाहती थी पर मुझे पता नहीं था कि वे उत्तेजित होंगे या नहीं। मेरी चुदाने की कोई इच्छा नहीं थी पर मैं उन्हें उत्तेजित कर संतुष्ट करना चाहती थी!

केले का भोज-9

योनि खाली हुई लेकिन सिर्फ थोड़ी देर के लिए। उसकी अगली परीक्षाएँ बाकी थीं। सुरेश को दिया वादा दिमाग में हथौड़े की तरह बज रहा था,‘जो इज्जत केले को मिली है वह मुझे भी मिले।’ समस्या की सिर्फ जड़ खत्म हुई थी, डालियाँ-पत्ते नहीं। काश, यह सब सिर्फ एक दु:स्वप्न निकले। मां संतोषी ! लेकिन […]

केले का भोज-8

वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर ही था। ‘खट खट खट !’… दरवाजे पर दस्तक हुई। मैं सन्न। वे दोनों भी सन्न। यह क्या हुआ? ‘खट खट खट’… ‘सुरेश, दरवाजा खोलो।’ निर्मल उसके हॉस्टल से आया था। उसको मालूम था कि सुरेश यहाँ है। किसी को समझ में […]

केले का भोज-7

नेहा ने जब एक उजला टिशू पेपर मेरे होंठों के बीच दबाकर उसका गीलापन दिखाया तब मैंने समझा कि मैं किस स्तर तक गिर चुकी हूँ। एक अजीब सी गंध, मेरे बदन की, मेरी उत्तेजना की, एक नशा, आवेश, बदन में गर्मी का एहसास… बीच बीच में होश और सजगता के आते द्वीप। जब नेहा […]

केले का भोज-6

ओ ओ ओ ओ ओ ह… खुद को शर्म में भिगोती एक बड़ी लहर, रोशनी के अनार की फुलझड़ी… आह.. एक चौंधभरे अंधेरे में चेतना गुम हो जाती है। ‘यह तो नहीं हुआ? वैसे ही अन्दर है !’… मेरी चेतना लौट रही है- अब क्या करोगी?’ कुछ देर की चुप्पी ! निराशा और भयावहता से […]

केले का भोज-5

मैं कुछ नहीं सुन पा रही थी, कुछ नहीं समझ पा रही थी। कानों में यंत्रवत आवाज आ रही थी- निशा… बी ब्रेव…! यह सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा…..!’ मेरी आँखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है। मुझे पीछे ठेलकर तकिए पर लिटा रही है। मेरी नाइटी ऊपर खिंच रही है… मेरे पैर, घुटने, […]

केले का भोज-4

क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने के लिए और जोर लगा दिया… कोई लहर आ रही है… कोई मुझे बाँहों में कस ले, मुझे चूर दे… ओह… कि तभी ‘खट : खट : खट’… मेरी साँस रुक गई। योनि एकदम से भिंची, झटके से हाथ खींच लिया… खट खट खट… हाथ […]

केले का भोज-3

मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घिसकर उसमें जमा हो गया था। ‘तुम्हें भी केले का स्वाद लग गया है !’ मैंने उससे हँसी की। मैंने उस जमे गूदे को उंगली से योनि के अन्दर ठेल दिया। थोड़ी सी जो उंगली पर लगी थी उसको उठाकर मुँह में चख भी लिया। एक […]

केले का भोज-2

मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं उनसे दूर ही रहती। शायद नेहा की बातों और व्यवहार की प्रतिक्रिया में मेरा लड़कों से दूरी बरतना कुछ ज्यादा था। वह नहीं होती तो शायद मैं उनसे अधिक मिलती-जुलती। उसके जो दोस्त आते वे उससे ज्यादा मुझे ही बहाने से देखने की कोशिश में […]

केले का भोज-1

प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानियों स्‍वीटी और पुष्‍पा का पुष्‍प को जितना तहेदिल से पसंद किया है उससे मेरे इस विश्‍वास को बल मिला है कि हिन्‍दी में परिष्‍कृत भाषा में सुसंस्‍कृत पात्रों को लेकर रची गई कहानियाँ पसंद की जा सकती हैं और उनका पाठक वर्ग कोई छोटा नहीं होगा। मेरी कोशिश इस […]

पड़ोस वाली भाभी की बहन पूजा

हैरी का प्यार भरा नमस्कार ! आपने मेरी कहानियाँ पढ़ी, बहुत पसंद किया, उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया। मैं फिर एक सच्ची घटना लेकर आपके सामने आया हूँ ! आपको मेरी कहानी चुद ही गई पड़ोस वाली भाभी याद ही होगी, यह कहानी भाभी की बड़ी बहन जिसका नाम पूजा है उनकी […]

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अदिति बहुत थकी हुई सी थी। आते ही वो पहले तो बैठक में बैठ गई और फिर मेघा के साथ ही दीवान पर आकर लेट गई। “मेघा वो वॉशिंग मशीन में पानी भर कर पावडर मिला देना, कपड़े बहुत सारे हैं।” “अरे दीदी, […]

मेघा की तड़प-3

अदिति अपनी सफ़ल हुई योजना से खुश थी। जो वो मेघा को दिखाना चाहती थी वो दिखा चुकी थी। बस अब मेघा की तड़प ही उसे प्रकाश से चुदवायेगी। सवेरे मेघा की नींद अदिति की आवाज से खुली- मेघा, मैं जा रही हूँ, प्रकाश को नाश्ता करवा देना। मुझे देर हो रही है। तभी अदिति […]

मेघा की तड़प-2

On 2010-01-28 Category: चुदाई की कहानी Tags:

कहानी का पहला भाग: मेघा की तड़प-1 मेघा घर चली आई। दिन के बारह बज रहे थे। जीजू तो दस बजे ही ऑफ़िस जा चुके थे। मेघा ने जल्दी से चपातियाँ बनाई और जाकर लेट गई। अदिति दो बजे घर आ गई थी। उसने मेघा को जगाया और फिर भोजन करने बैठ गई। अदिति तो […]

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