यह कैसा मोड़-1
प्रेषक : विजय पण्डित सिनेमा हॉल में महक का हाथ मेरे हाथ के ऊपर आ गया। मुझे एक झटका सा लगा। मैंने धीरे से महक की तरफ़ देखा। उसकी बड़ी बड़ी आँखें मेरी तरफ़ ही घूर रही थी। फिर उसने बलपूर्वक मेरा हाथ मेरी सीट पर ही गिरा लिया ताकि एकदम कोई देख ना सके। […]