एक सफ़र
प्रेषक : गुल्लू जोशी बस में कोई खास भीड़ तो नहीं थी, पर शाम की बस थी जो रात के दस साढ़े दस बजे। तक इन्दौर पहुंचा देती थी। नौकरीपेश लोगों की यह मन पसन्द बस थी। मैं अपनी मम्मी और पापा के साथ बैठा हुआ था। सीट में तीन ही बैठ सकते थे। बस […]
प्रेषक : प्रेम मैं- ओह पिंकी, मैं बस आने वाला हूँ ! अह अह ! उसने अपने गले पर मेरा चेहरा थोड़ा दबाया और मैं उसके गले को चूसने-काटने लगा और गांड मारता रहा। पिंकी- हाँ प्रेम आ जाओ न मेरा अन्दर ! और मैं थोड़ी देर बाद झड़ गया उसकी गांड में ! क्या […]
प्रेषक : प्रेम मैंने कहा- पिंकी, अच्छा लग रहा है? वो बहुत गर्म हो चुकी थी, बोली- हाम्म् प्रेम करो न ! प्रेम अह्ह और थोड़ा करो न वहाँ पर हमम्म अह्ह काटो मत ! नाम्म प्रेम ! मैं चूसता ही जा रहा था, मैंने पेट पर काटा भी और पूरा पेट चूस चूस कर […]
(एक रहस्य प्रेम-कथा) मैं उसे चूमता हुआ नीचे मदनमंदिर की ओर आने लगा। पहले उसके सपाट पेट को उसके पश्चात उसकी नाभि और श्रोणी प्रदेश को चूमता चला गया। उसके योनि प्रदेश तक पहुंचते पहुँचते मेरा कामदण्ड (लिंग) तनकर जैसे खूंटा ही बन गया था। रोम विहीन रतिद्वार देख कर तो मैं मंत्र मुग्ध हुआ […]
यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है आपको पसंद आएगी। वो दिखने में बहुत गोरी और सुन्दर है, उसकी पतली कमर और गला ! वैसे तो वो पहले से पसंद थी मुझे, तो फ्रेंच किस करने का मन होता था। पर मैं पहल कैसे करता। इस बार से पहले मैं सिर्फ दो बार उससे मिला […]
(एक रहस्य प्रेम-कथा) मंदिर आ गया था। बाहर लम्बा चौड़ा प्रांगण सा बना था। थोड़ी दूर एक काले रंग के पत्थर की आदमकद मूर्ति बनी थी। हाथ में खांडा पकड़े हुए और शक्ल से तो यह कोई दैत्य जैसा सैनिक लग रहा था। उसकी मुंडी नीचे लटकी थी जैसे किसी ने काट दी हो पर […]
उसने कहा- मैं जानती हूँ कि तुम साइबर में चैटिंग के लिए जाते हो या औरतों को पटाने को क्योंकि मैं भी तुम्हारी चैटिंग दोस्त हूँ। जिससे तुम हर सन्डे को बात करते हो।
(एक रहस्य प्रेम-कथा) आज हमारा खजुराहो के मंदिर देखने का प्रोग्राम था। रात के घमासान के बाद सुबह उठने में देर तो होनी ही थी। सत्यजीत का जब फ़ोन आया तब आँख खुली। वो बोल रहा था “ओह … क्या बात है गुरु ? रात में ज्यादा स्कोर कर लिया था क्या ?” “अरे नहीं […]
प्रेषक : अन्नू निशा मेरी एक मात्र लंगोटिया दोस्त है। एक दिन की बात है, जब मैं निशा के बुलाने पर उसके घर गया तो उसके घर वाले कहीं बाहर गए हुए थे। घर में हम दोनों ही अकेले थे, उसके जान-पहचान के कोई बाबा उसके घर पर आये हुए थे। निशा बोली- ये बहुत […]
(एक रहस्य प्रेम-कथा) लिफ्ट से नीचे आते मैं सोच रहा था कि ये औरतें भी कितनी जल्दी आपस में खुल कर एक दूसरे से अपने अंतरंग क्षणों की सारी बातें बता देती हैं। मधु मेरे सामने तो लंड, चूत और चुदाई का नाम लेते भी कितना शर्माती है और इस जीत रानी (रूपल) को सब […]
लेखिका : नेहा वर्मा मैं बहुत देर तक उन दोनों के नंगे बदन को निहारती रही। मेरे दिल में उनसे लिपटने की इच्छा होने लगी,”उफ़्फ़ ! चुदवा लूँ क्या? भीतर तक चोद डालेंगे मुझे !!! शान्ति तो मिल जायेगी… दो दो लौड़े मिल जायेंगे।” “अरे नहीं ! किसी दूसरे से… फिर मेरी पत्नीव्रता धर्म का […]
(एक रहस्य प्रेम-कथा) मेरे प्रिय पाठको और पाठिकाओ, मेरी यह कहानी मेरी एक ई-मित्र सलोनी जैन को समर्पित है जिनके आग्रह पर मैंने अपने इस अनूठे अनुभव को कहानी का रूप दिया है। … प्रेम गुरु अपना पिछला जन्म और भविष्य जानने की सभी की उत्कट इच्छा रहती है। पुरातन काल से ही इस विषय […]
लेखिका : नेहा वर्मा मैं दिल्ली में एक ऑफ़िस में काम करती हूँ। मेरे पति और मेरी, हम दोनों की महनत से घर ठीक से चल जाता था। मेरे पति एक कनिष्ठ वैज्ञानिक थे। वे हमेशा कुछ ना कुछ करते ही रहते थे। मेरे पति की मेहनत आखिर रंग लाई, उनका पेपर आखिर पास हो […]
जीभ नाभि के पास घूमते घूमते नीचे राशि की चूत के क्षेत्र में दाखिल होने लगी और जब सुरेश की जीभ राशि की चूत के दाने से टकराई तो राशि की चूत ने ढेर सा पानी छोड़ दिया।
पहली ही रात रेखा ने राशि को फिर से वही ब्लू फिल्म दिखाई और फिर कपड़े उतार कर राशि को बाहों में भर कर बिस्तर पर लेट गई। राशि को तो कुछ पता नहीं था पर उसकी मास्टरनी रेखा पूरी माहिर थी।
नमस्कार दोस्तो, सबसे पहले आप सबका धन्यवाद करता हूँ कि आप सभी को मेरी पिछली कहानियाँ काफी पसंद आई और आपके सुझावों और सराहना के लिये शुक्रिया। मेरी पिछली कहानी को पढ़ने के बाद मुझे दोस्ती के काफ़ी ऑफर आये। एक छोटी सी प्रार्थना है कि कृपया मुझसे मेरी महिला मित्रों के नाम व नंबर […]
प्रेषक : अविनाश पटेल मेरा नाम अविनाश है, अहमदाबाद गुजरात में रहता हूँ, अंतर्वासना पर में कहानियाँ पिछले 2 साल से पढ़ता हूँ। आज मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ। मैं जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था तो मैं हॉस्टल में रहने गया, मेरे सारे दोस्त वहीं पर रहते थे। मैं थोड़ा स्मार्ट […]
प्रेषक : रॉकी कुमार मैं नौकरी की तलाश में हैदराबाद गया हुआ था, वहाँ मैं एक बॉयज़ हॉस्टल में रुका था अपने कुछ दोस्तों के साथ। जहाँ यह हॉस्टल था वो जगह लड़कियों से हमेशा भरी रहती थी और मैं हमेशा सोचता रहता था कि मुझे कब कोई मिलेगी क्योंकि मेरे बाकी सब दोस्तों के […]
'और ये देख, साली इस चूत को... किसके किस्मत होगी मेरी ये चूत... प्यासी की प्यासी... रस भरी... वो भड़वा... भेन चोद... मेरा मरद नहीं चोदेगा तो और कूण फ़ोड़ेगा इन्ने...?'
मैं रहने के लिए किराये का कमरा ढूंढ रहा था. मुझे एक चाबीली सी भाभी ने कमरा किराये पर दे दिया. कमरे के साथ मुझे और क्या मिला. इस सेक्सी कहानी में पढ़ें!