Latest Sex Stories

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-5

प्रेषक : अरविन्द आपने मेरी कहानी के चार भाग पढ़े जिसमें मेरी कामुक बहू सोनम ने मेरे साथ यानि अपने ससुर के साथ यौन आनन्द प्राप्त करने का सजीव वर्णन फ़ोन पर अपने पति नील को किया था। उस दिन के बाद तो मेरी बहू का मेरे प्रति व्यव्हार मित्रवत हो गया। मैंने अवसर पाकर […]

प्रिया के साथ कसरत

On 2011-06-14 Category: जवान लड़की Tags:

मैं 20 साल का 6 फ़ुट कद, रंग गेंहुआ, प्रणय हूँ। मैं रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, द्वितीय वर्ष तक पहुँचते पहुँचते मैंने 5 से ज्यादा कमरे बदल लिए थे पर ढंग का कमरा नहीं मिल पा रहा था, तब जाकर मुझे एक ढंग का कमरा मिला। वैसे तो कमरा छोटा था, […]

अगर उस दिन मैं दरवाजा खोल देती

On 2011-06-13 Category: Hindi Sex Story Tags:

कई बातें ऐसी होती हैं जो बीत जाने के बाद बरसों तक, कई बार तो ताउम्र अपनी याद बनाये रखती हैं। मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह याद है कि वो जाड़ों की एक ऊँघती हुई सी दुपहरी थी, मैं घर पर निपट अकेली थी, करने को कुछ खास नहीं था तो मैं अपनी पसंद […]

मसाज़ सेन्टर में गाण्ड मरवाई

प्रेषक : पार्थ नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पार्थ है, मेरा कद 5’6″ है, देखने में मेरा रंग साफ़ है और मैं न ज्यादा पतला और न मोटा हूँ। मैं एक समलैंगिक लड़का हूँ। वैसे तो मेरा एक बॉयफ़्रेन्ड भी है, पर यह कहानी मेरे बॉयफ़्रेन्ड मिलने से पहली की है। करीब दो साल पुरानी बात […]

ऑनलाइन चेटिंग में मिली

On 2011-06-11 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : हेमन्त जैन हेलो दोस्तो, आज मैं आप सबके सामने अपनी पहली सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, कृपया मुझे प्रोत्साहन दें ताकि मैं और भी मज़ेदार कहानियाँ आपके सामने रखने की हिम्मत कर सकूँ। मैं इंजिनियर हूँ और जॉब कर रहा हूँ। बात है उस समय की जब मैं बारहवीं में पढ़ता था तब […]

पहला आनन्दमयी एहसास -3

मैं अम्बिका की चूत बड़े जोश से चाट रहा था तो रोशनी बड़ा स्वाद लेकर मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी। हम तीनों मदहोश हो चुके थे..

काशीरा-लैला -5

अब मैं चाची को अपने कमरे में ले जाती हूँ, देखती हूँ कि आखिर इनकी बुर कितना पानी छोड़ती है दो घंटे में। और आप और इमरान मिल कर घंटे दो घंटे भर मस्ती कर लो।

काशीरा-लैला -4

“वाह.. भतीजे के लाड़ दुलार चल रहे हैं, उसे मलाई खिलाई जा रही है, चलो अच्छा हुआ, मैं भी कहूँ कि ये कहाँ का न्याय है कि बहू पे इतनी मुहब्बत जता रहे हो और बेचारे भतीजे को सूखा सूखा छोड़ दिया कल रात !” चाची की आवाज आई। वे नहा कर सीधे हमारे कमरे […]

काशीरा-लैला -3

चचाजी कमर उचका रहे थे, मेरे मुँह में लंड पेलने की कोशिश कर रहे थे 'अरे चूसने दे बहू, बहुत अच्छा चूसता है ये छोकरा.. सीख जायेगा जल्दी... क्या साले बदमाश हरामी हो तुम दोनों.. आज तुम दोनों को चोद दूंगा.. साले हरामियो.. बिस्तर पर पास पास लिटा कर आज दोनों को चोदूँगा !'

काशीरा-लैला -2

चाची नंगी थीं, नंगी ही मेरा इंतजार कर रही थीं। मैं हाथ चाची के बदन पर फ़ेरने लगा। एकदम चिकना मखमली गद्दी जैसा बदन था चाची का। चाची ने टटोल कर मेरा लंड पकड़ लिया

काशीरा-लैला -1

'दुआ से काम नहीं चलेगा चचाजी। इमरान को माल चाहिये माल चाची के बदन का !' काशीरा चचाजी के लंड को मुठियाते हुए बोली 'और आप जल्दी करो, इस मुस्टंडे को फ़िर से जगाओ, आज की रात उसे सोने नहीं मिलेगा, इस बार घंटे भर नहीं चोदा तो तलाक दे दूंगी !

नव वर्ष की पूर्व संध्या-2

On 2011-06-04 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषिका : शालिनी कोई आधे घण्टे तक उसके लंड को चूसने के बाद उसके लंड से मेरे मुँह में वीर्य की पिचकारी निकली जो सीधी हलक से मेरे अंदर उतर गई। मैंने उसका लंड अपने मुँह बाहर निकाला और जोर जोर से हिला कर उसके वीर्य को अपने मुँह पर गिराने लगी। दलवीर मुझे खड़ा […]

नव वर्ष की पूर्व संध्या-1

On 2011-06-03 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषिका : शालिनी नए साल की पूर्व संध्या पर मैं अकेली ही थी क्योंकि रचना पिछली रात को ही अपने माता पिता के पास चली गई थी। मैंने अपने दो-तीन दोस्तों को फोन किया ताकि कुछ मज़ा कर सकूँ परन्तु सब का पहले से ही कुछ ना कुछ प्रोग्राम बना हुआ था। तब मैंने सुनील […]

कॉल सेंटर में सीखी चुदाई

On 2011-06-02 Category: Office Sex Tags:

प्रेषक : मिहिर रोहण दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं एक छोटे शहर का रहने वाला था। मैं पहले पढ़ने के लिए और बाद में नौकरी के लिए बड़े शहर में गया, तो मैं यहीं रचबस गया। मैंने पढ़ते-पढ़ते ही नौकरी शुरू कर दी थी और मैंने एक कॉल सेण्टर में काम करना शुरू कर […]

विदुषी की विनिमय-लीला-7

On 2011-06-01 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर संदीप और इनका स्‍वाद एक जैसा था। सचमुच सारे मर्द एक जैसे होते हैं। इस खयाल पर हँसी आई। मैंने मुँह में जमा हो गए अंतिम द्रव को जबरदस्‍ती गले के नीचे धकेला और जैसे उन्‍होंने मुझे किया था वैसे ही मैंने झुककर उनके मुँह को चूम लिया। लो भाई, मेरा भी […]

विदुषी की विनिमय-लीला-6

On 2011-05-31 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर उन्होंने एक हाथ से मेरे बाएँ पैर को उठाया और उसे घुटने से मोड़ दिया। अंदरूनी जाँघों को सहलाते हुए आकर बीच के होठों पर ठहर गये। दोनों उंगलियों से होठों को फैला दिया। “हे भगवान !” मैंने सोचा,”संदीप के सिवा यह पहला व्यक्ति था जो मुझे इस तरह देख रहा था।” […]

विदुषी की विनिमय-लीला-5

On 2011-05-30 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर वे हौले-हौले मेरे पैरों को सहला रहे थे। तलवों को, टखनों को, पिंडलियों को… विशेषकर घुटनों के अंदर की संवेदनशील जगह को। धीरे-धीरे नाइटी के अंदर भी हाथ ले जा रहे थे। देख रहे थे मैं विरोध करती हूँ कि नहीं। मैं लज्‍जा-प्रदर्शन की खातिर मामूली-सा प्रतिरोध कर रही थी। जब घूमते-घूमते […]

विदुषी की विनिमय-लीला-4

On 2011-05-29 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर काफी देर हो चुकी थी- “अब चलना चाहिए।” अनय ताज्‍जुब से बोले,”क्‍या कह रही हो? अभी तो हमने शाम एंजाय करना शुरू ही किया है। आज रात ठहर जाओ, सुबह चले जाना।” शीला ने भी जोर दिया,”हाँ हाँ, आज नहीं जाना है। सुबह जाइयेगा।” मैंने संदीप की ओर देखा। उनकी जाने की […]

विदुषी की विनिमय-लीला-3

On 2011-05-28 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर मिलने के प्रश्‍न पर मैं चाहती थी पहले दोनों दंपति किसी सार्वजनिक जगह में मिलकर फ्री हो लें। अनय को कोई एतराज नहीं था पर उन्‍होंने जोड़ा,” पब्‍लिक प्‍लेस में क्‍यों, हमारे घर ही आ जाइये। यहीं हम ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ मिल लेंगे।” ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ को वह […]

विदुषी की विनिमय-लीला-2

On 2011-05-27 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : लीलाधर धीरे-धीरे यह बात हमारी रतिक्रिया के प्रसंगों में रिसने लगी। मुझे चूमते हुए कहते, सोचो कि कोई दूसरा चूम रहा है। मेरे स्‍तनों, योनिप्रदेश से खेलते मुझे दूसरे पुरुष का ख्याल कराते। उस अनय नामक किसी दूसरी के पति का नाम लेते, जिससे इनका चिट्ठी संदेश वगैरह का लेना देना चल रहा […]

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