प्यासी बीवी अधेड़ पति-1
मैं बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ, स्कूल के दिनों से मैंने चुदाई का रस चख लिया था, मैंने जिंदगी में कई लंड लिए, लेकिन बच्ची होने के बाद मेरी छोटे लंड से तसल्ली नहीं हो पाती, मेरे पति मुझसे उम्र में काफी बड़े हैं.
मैं बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ, स्कूल के दिनों से मैंने चुदाई का रस चख लिया था, मैंने जिंदगी में कई लंड लिए, लेकिन बच्ची होने के बाद मेरी छोटे लंड से तसल्ली नहीं हो पाती, मेरे पति मुझसे उम्र में काफी बड़े हैं.
शहनाज़- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चाहती हूँ इसी वक्त! और सुनो साली आधी नहीं पूरी घरवाली होती है। चोदना के माने है लौड़ा चूत में पेलना। अब पेलो अपना लंड मेरी चूत में, तब जाने दूँगी। सलीम ने उस दिन शहनाज़ को मजे से चोदा। उधर मुनव्वर यास्मीन के चक्कर […]
खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चाहती हूँ इसी वक्त! और सुनो साली आधी नहीं पूरी घरवाली होती है। चोदना के माने है लौड़ा चूत में पेलना। अब पेलो अपना लंड मेरी चूत में, तब जाने दूँगी।
मेरा नाम सूमी है और मैं 25 साल की शीमेल हूँ, मतलब मेरे पास चूचियाँ और लंड दोनों हैं. मेरा फिगर बिल्कुल लड़की जैसा है और मैं लड़की की तरह ही दिखती हूँ.
प्रेषक : यश हाय दोस्तो, मेरा नाम यश है, यह मेरी पहली कहानी है, मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगी। मैं 21 साल का हूँ और बी कॉम फाइनल इयर में हूँ। बात ज्यादा दिन पहले की नहीं है, मेरे साथ कुछ बहुत ही ज़बरदस्त हुआ और वही बात मैं आप सबके साथ […]
मैं यहाँ पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रही हूँ जब मैंने पहली बार सेक्स किया था ! मुझे इस साईट का पता मेरे पहले प्यार देवाशीष ने बताया ! मैं नागपुर जिले की गाँव में रहने वाली हूँ ! मेरे पिताजी के रिटायर होने के बाद हम लोग गाँव में रहने के लिए आये […]
प्रेषक : सचिन शर्मा यह मेरे दो दोस्तों की कहानी है, कहानी है 8 मार्च की, होली की, जो होली प्रणव को कभी भी नहीं भूलेगी। प्रणव एक 22 साल का साधारण सा लड़का है पर वो औरों से थोड़ा अलग था क्योंकि उसे लड़कियाँ नहीं लड़के अच्छे लगते थे। प्रणव का रंग गेहूँआ, कद […]
मैंने पहला सेक्स बारहवीं में अपने से बड़ी छात्रा के साथ किया. वह कमसिन किशोरी सुंदर तो थी पर जवानी ने उसके सौन्दर्य को और भी निखार दिया था.
बारिश में गांड चुदवाई का पूरा पूरा मजा आपका : सनी गांडू प्रणाम दोस्तो, आपका सनी गांडू गांड की चुदाई लेकर आपके सामने फिर से हाज़िर है। लंड देखते ही मुझे कुछ कुछ होने लग जाता है ऊपर से आजकल में अकेला रह रहा हूँ। बात ज्यादा पुरानी नहीं है, बहुत दिनों की कड़क गर्मी […]
कहानी का पिछ्ला भाग: उतावली सोनम-1 सोनम ने मेरे लंड का सुपारा अच्छे से चाटा, फिर उसके मुंह में जितना अंदर हो सका उतना अंदर कर मेरे लंड को शांत करने के जुगाड़ में लगी। उसकी यह मेहनत कुछ ही देर में रंग लाई, मेरे लंड से भी माल छूट पड़ा। अब मेरा लंड मुंह […]
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरी लिखी हुई कहानियों को आपने पसंद किया, और अपनी अमूल्य राय से मुझे अवगत कराया इसके लिए आभार। आज मैं आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वह अभी हाल की है, और सही कहूं तो इसके लिए अन्तर्वासना ही पूरी तरह से बधाई का पात्र है। […]
आपने मेरी पिछली कहानी उमर ही ऐसी है ! में पढ़ा कि कैसे मैंने एक फ़्रेन्डशिप नेटवर्क के जरिये ज्योति नाम की लड़की से मजे किए। असल में ज्योति नाम की कोई लड़की थी ही नहीं, मैंने यह नाम बदल कर लिखा था क्यूंकि यह एक पब्लिक वेबसाइट है तो किसी का नाम मैं उजागर […]
उस भिखारी को मैंने अन्दर बुला लिया... फिर उसके सामने मैं अपनी ब्रा खोल कर खड़ी हो गई! मैंने नीचे जीन्स पहनी हुई थी! मैंने उसके सामने अपने उरोज पेश किए और एक चूचा उसके मुँह में डाल दिया!
प्रेषक : हर्ष गुप्ता नमस्कार दोस्तो, मैं हर्ष गुप्ता आप सबके सामने अपनी मामी के साथ हुई पहली चुदाई की घटना लेकर हाज़िर हूँ। मैं बहुत दिनों से अन्तर्वासना से जुड़ा हुआ हूँ मैंने यहाँ बहुत सी कहानिया पढ़ी है वैसे मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं अपनी पहली चुदाई से लेकर अब […]
प्रेषिका : मंजू सर्दी के दिन थे और शाम के करीब 7 बजे थे, लेकिन अँधेरा छा चुका था। मेरी माँ ने मुझे कहा- मंजू, जा तेल ले आ बाबू की दुकान से ! उसे कहना पैसे पिताजी दे देंगे ! मैं उदास मन से ही करियाने की दुकान पर गई क्यूंकि दुकानदार एक नंबर […]
जिस्म सिर्फ जिस्म की भूख जानता है प्यार करना जिस्म की आदत नहीं ! एक से जी भर जाए तो दूसरी अँधेरी राहों में जिस्म की तलाश करता ही रहता है। यह कहानी है जज्बातों की, यह कहानी है उम्मीदों की, और यह कहानी है सच्चे प्यार की तलाश की… बात उस वक़्त की है […]
यहाँ समलैंगिता बहुत थी। दूसरे यहाँ के जंगलों में एक कीड़ा पाया जाता था, जिसके काट लेने पर वैसे तो कोई नुकसान नहीं होता था, लेकिन इंसान के शरीर में हवस का सैलाब उमड़ आता था और उसकी हवस काबू के बाहर हो जाती थी, चाहे वो मर्द हो या औरत।
मैंने झटाक से पूजा के सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ़ पेंटी को छोड़कर और उसे बिस्तर पर लिटाकर चूमने लगा. मेरे सामने एक कच्ची कली नंगी पड़ी थी और मुझे यह सब एक हसीन सपने की तरह लग रहा था.
मैं भाभी के रस भरे होठों को रगड़ने लगा और उनका रस चूसने लगा. मैं यह देखकर बहुत खुश हुआ कि भाभी मुझसे भी ज्यादा उतावली थी मेरे होठों को चूसने के लिए, वो मेरे होठों को जोर-जोर से अपने होठों में पकड़ कर चूस रही थी और अपने दांतों से भी काट रही थी. जिससे मेरे होठों में दर्द होने लगा.
जो तकिया मैंने अपने लंड के नीचे लगाया था, पूजा उसे बड़ी मदहोश होकर सूंघ रही थी और अपने एक हाथ से कभी अपनी चूची तो कभी अपनी चूत को मसल रही थी. मैं समझ गया कि माल एकदम तैयार है.