दिल्ली की दीपिका-7
मैं बोली- कल तुम सोने के लिए जल्दी चले गए थे। मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ी थी, तब तुम नहीं थे। वह बोला- मैं कहीं नहीं गया था, यहीं दरवाजे के पास ही था। आपकी आवाज सुनकर तुंरत चला आता। मैं बोली- तो तुम यह भी देख रहे थे कि हम लोग भीतर क्या कर रहे […]