ग़ोवा में सुहागरात-2
प्रेषक : रोहित मल्होत्रा मैंने भी कह दिया- अच्छी लड़कियाँ महेन्द्र जैसे लोगों को ही मिलती हैं, हम जैसे लोगों को नहीं। क्या अच्छा नहीं होता कि जो आपको अच्छा लगे आप उसके साथ समय बिता सकें? खुश रह सकें? क्या खुशी पाने के लिये शादी जरुरी है? शायद इसीलिए मैं शादी ही नहीं करना […]