मेरा गुप्त जीवन- 175
ऊषा मेरे लण्ड को पैंट से बाहर निकाल कर खेलने, चूमने लगी, फ़िर लण्ड को लहलहाते हुए देख कर अपनी सलवार ढीली की और वो अपनी चूत में लण्ड को डलवा कर चढ़ बैठी।
ऊषा मेरे लण्ड को पैंट से बाहर निकाल कर खेलने, चूमने लगी, फ़िर लण्ड को लहलहाते हुए देख कर अपनी सलवार ढीली की और वो अपनी चूत में लण्ड को डलवा कर चढ़ बैठी।
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी तो आपनी पढ़ी ही होगी.. जिसका नाम था सविता भाभी तालाब में चुद गई https://www.antarvasna3.com/padosi/savita-bhabhi-ganv-ke-talab-me-chud-gai/ मैं अब आगे की कहानी सुना रहा हूँ, यह भी आपको जरूर पसंद आएगी। मैं 21 साल का था.. तब शहर के एक कॉलेज में बीए द्वित्तीय वर्ष में पढ़ाई कर रहा था। मेरा गाँव शहर […]
मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
मैंने अपनी चिकनी चूत पर एक बहुत ही छोटी स्कर्ट पहन कर और ऊपर एक बिना बांह की बनियान पहन ली। मैंने अपनी आदत के अनुसार ब्रा पहनी लेकिन पेंटी नहीं पहनी।
उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
मेरी बड़ी बहन की शादी तय हुई तो उसे दुल्हा पसन्द नहीं था। हम दोनों शॉपिंग करने गये तो लोकल ट्रेन में भीड़ के कारण हम दोनों आपस में सट गए और उत्तेजित हो गये।
मेरे पड़ोस में दो बहनें रहती थी। एक रात मुझे एक के साथ सोने का मौका मिला और मैंने अपनी हरकत शुरू कर दी। दीदी को गर्म कर लिया और चूत में लंड घुसाने लगा तो…
मैंने देखा.. फूफाजी और बुआ दोनों नंगे बैठे हुए थे। बुआ फूफा जी के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाए जा रही थीं और बुआ के दोनों दूध झूल रहे थे, फूफा जी बुआ के चूचों को मसल रहे थे।
मैं बोली- भैया आपने अपनी सग़ी बहन को चोद दिया। मैं आगे बोली- पापा को अभी फोन करने जा रही हूँ कि भैया ने यहाँ मुझे अकेले पाकर मुझे चोद दिया।
पड़ोसन लतिका की चूत के बाद अब उसकी गांड मारने की बारी थी, वो भी गांड मरवाना तो चाहती थी पर गांड चुदाई के दर्द से डरती थी क्योंकि उसकी गांड अभी तक अनचुदी थी।
मामी मेरे नीचे गिरी थीं और हम दोनों ही ऐसे गिरे कि मेरा लण्ड मामी की ठीक चूत के ऊपर ही था। मेरी और मामी की नजरें एक-दूसरे से टकराईं और हम मानो कहीं खो से गए।
उसने चादर अपने ऊपर ओढ़ ली। अब तो वो मुझसे और भी सटकर लेट गई.. उसने अपनी दोनों बाहें मेरी गर्दन में डाल लीं। मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर फेरना शुरू कर दिया.. इस पर वो थोड़ा सीधी लेट गई।
मैंने घर के साथ वाले घर में एक ड्राईवर की बीवी को काम पिपासा में तड़पते देखा, वो बाथरूम में चूत में उंगली कर रही थी. मैं भी नंगी आंटी को देख गर्म हो गया.
मेरी बुआ बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं, उनके चूतड़ बहुत बड़े और उभरे हुए हैं। एक बार वो हमारे घर आई तो मैंने उन्हें कमरे में अपने बदन से खेलेते देखा। फ़िर उनके घर गया तो बुआ फ़ूफ़ा जी की चुदाई देखी।
टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।
मेरे पड़ोस में एक लड़की अकेली रह कर पढ़ रही थी, उसे देख कर उसे पटा कर चोदने का ख्याल आता था. उससे दोस्ती बढ़ा कर मैंने उसे चुदाई के लिए कैसे मनाया... इस कहानी में !
मामी नहाने की तैयारी कर रही हैं। मामी ने पहले साड़ी हटाई.. फिर ब्लाउज खोला और अपने बोबों को मसल-मसल कर साफ करने लगीं। मामी ने धीरे-धीरे अपना पेटीकोट ऊंचा किया और अपनी चूत को साफ करने लगीं।
मेरे बॉयफ़्रेन्ड ने मेरे साथ मसूरी घूमने जाने का प्रोग्राम बनाया और रास्ते में मैं पेशाब करने पहाड़ी पर चढ़ कर मूतने लगी, पीछे से उसने आकर मुझे पकड़ लिया और वहीं पर मुझे चोदने की जिद करने लगा।
शिखा बोली- आ जा भाई, आ जा… मैंने काफी देर से तेरी आँखों में मेरे बदन के लिए हवस देखी है… तू आजा मेरे ऊपर और नोच डाल अपनी सगी बहन के बदन को!
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अन्तर्वासना की ये कहानियाँ इतना उत्तेजित करने वाली थीं कि मैं अपनी उत्तेजना नहीं रोक पाई। कहानी भाई-बहन की होने के नाते मेरे मुँह से ‘भैया.. भैया..’ ही निकल रहा था।