प्यासी विवाहिता लड़की की प्यास बुझाई- 1
(Young Hot Body Ka Maja)
यंग हॉट बॉडी का मजा मैंने अपनी जवान पड़ोसन लड़की के साथ लिया. वह मेरी किरायेदार थी और गजब का माल थी. मैं उसे चोदना चाहता था. होली के बहाने मैंने उसकी चूची मसल दी.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम महेंद्र सिंह है और मेरी उम्र 54 साल की है।
मैं पेशे से एक पहलवान हूँ और पार्ट टाइम में नए नए युवाओं को पहलवानी के दांव-पेच सिखाता हूँ।
मैं किस शहर में रहता हूँ यह तो नहीं बता सकता लेकिन मेरी कहानी पूरी तरह से सत्य घटना पर ही है।
उम्मीद करता हूँ कि मेरी कहानी आप लोगों को पसंद आएगी।
दोस्तो, मेरे घर पर मैं, मेरी पत्नी और मेरी एक बेटी है।
बेटी की शादी हो गई और अब वह अपने ससुराल में रहती है।
मेरी बीवी एक सरकारी स्कूल में अध्यपिका है और मैं अपना एक छोटा सा बिजनेस के साथ साथ नए नए युवाओं को पहलवानी भी सिखाता हूँ।
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना में नियमित रूप से कहानियां पढ़ता हूँ और अन्तर्वासना के कुछ लेखकों की कहानियां सच में ही जबरदस्त लगती हैं.
उनमें से ही एक है सोनम जी जिनकी कहानियां मैं नियमित रूप से पढ़ता हूँ और उन्हें मेल भी करता रहता हूँ।
उनके मार्गदर्शन में ही मैं अपनी कहानी लिखने के बारे में सोचा था और आज सोनम जी की मदद से ही मैं अपनी कहानी लिख भी रहा हूँ।
उम्मीद है मेरी यह कहानी आप लोगों को पसंद आएगी।
मैं जवानी के दिनों से ही चुदाई का बहुत बड़ा शौकीन था और अपनी जिंदगी में बहुत सी औरतों` के साथ मैंने चुदाई की हुई है।
लेकिन आज मैं जिस चुदाई के बारे में आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, वो ऐसी औरत के साथ हुई थी जिसको चोदने के मैं सपने देखता था और बड़ी मुश्किल से वो औरत मुझसे सेट हुई और मैंने उसके साथ जबरदस्त चुदाई का मजा लिया।
तो चलते हैं आगे और जानते हैं कि वो औरत कौन है और कैसे मैंने उसे चोदा।
मैंने 2017 में अपना नया घर बनवाया था और ऊपर किराये पर देने के लिए एक अलग पोर्शन बनवाया था क्योंकि हमारे इलाके में किराएदार बहुत रहते हैं इसलिए उससे भी कुछ आमदनी हो जाती है।
मकान बनवाने के कुछ ही दिन बाद मेरे घर पर किराएदार भी आने लगे थे.
लेकिन मेरी बीवी को अच्छे लोग नहीं मिल रहे थे इसलिए काफी दिन तक ऊपर का पोर्शन खाली ही था।
फिर एक दिन रविवार की सुबह मैं और मेरी बीवी घर पर ही थे।
सुबह करीब 11 बजे हमारे घर एक जोड़ा आया।
मर्द की उम्र करीब 30-32 साल थी और उसकी बीवी की उम्र करीब 27-28 साल थी।
उस 28 साल की लड़की को औरत कहना उचित नहीं लगता तो मैं उसे लड़की कह कर ही लिखूँगा.
आदमी तो देखने में बिल्कुल चुसी आम का गुठली था लेकिन उसकी बीवी बिल्कुल मक्ख़न मलाई की तरह गदराई हुई माल थी।
देखने में बेहद खूबसूरत और गोरी इतनी की छूने भर से ही गाल लाल हो जाये।
वे दोनों मेरी बीवी के साथ किराए से मकान के लिए बात कर रहे थे.
और तभी मैं नहाकर आया।
मेरी पहली ही नजर उस लड़की पर पड़ी और उसे देख मेरे मन में बस एक ही बात आई “क्या गजब की पटाखा माल है यार!”
उस वक्त उसने साड़ी पहनी हुई थी और उसका गोरा पेट बगल से दिखाई दे रहा था जिस पर एक छोटा सा काला तिल उसकी कमर पर काला टीका जैसा लग रहा था।
मैं भी उनके साथ बैठ गया और उनसे बात करने लगा।
मेरी बीवी ही उनसे ज्यादा बात कर रही थी और मेरी नजर तो बार बार उस लड़की की जवानी, उसकी यंग हॉट बॉडी को ही देख रही थी।
साड़ी के ब्लाउज से ही उसके बड़े बड़े दूध की गोलाइयां देख मेरी हालत खराब हो रही थी।
उसके पतले पतले गुलाबी होंठ और टमाटर जैसे लाल लाल गाल देख मन कर रहा था कि अभी इनको चूम लूं।
पहली ही नजर में वह मुझे बेहद पसंद आ गई थी.
या यूं कहें कि पहली नजर में ही उसने मुझे अपना दीवाना बना लिया था।
मेरा तो बड़ा मन था कि ये दोनों हमारे घर पर किराएदार बन जायें ताकि रोज इसकी खूबसूरत जवानी के दर्शन होते रहें।
मेरी सोच और मेरे दिल की बात सच साबित हो गई और मेरी बीवी ने उन दोनों को रहने के लिए कमरा दे दिया।
सभी प्रकार की बात पूरी होने के बाद वे लोग जाने लगे और उस लड़की ने मुझे नमस्ते की और उसके पति ने मुझसे हाथ मिलाया।
हाथ मिलाते हुए मैंने मन में सोचा कि इतनी बेहतरीन माल तुझ जैसे गुठली को कहाँ से मिल गई थी।
इसके बाद दो दिन बाद ही वे दोनों हमारे यहां शिफ्ट हो गए।
उनके अभी कोई बच्चा नहीं था और शादी को 2 साल हुए थे।
कुछ ही दिनों में वह लड़की जिसका नाम मेघना है, मेरी बीवी से काफी घुलमिल गई और रोज शाम को मेरी बीवी के पास आकर घण्टों बातें किया करती थी।
मेघना मेरी बीवी को आंटी और मुझे अंकल कहकर बुलाती थी।
जल्द ही हम लोगों की इतनी अच्छी बनने लगी थी कि एक दूसरे के घर पर कुछ भी बनता था तो आदान प्रदान भी होने लगा।
मैं भी अक्सर चाय पीने के बहाने से उनके यहाँ चला जाता था और उसके पति से बात किया करता था।
उसके पति को देख बस एक ही ख्याल आता था कि यह आम की गुठली इतनी गदराई हुई माल को कैसे खुश करता होगा इसका तो लंड भी सूखी हुई मिर्च जैसा ही होगा।
फिर 2017 की दिवाली आई.
और दिवाली के ठीक दूसरे दिन हम लोगों ने उन दोनों को अपने यहाँ खाने पर आमंत्रित किया।
सुबह से ही मेरी बीवी खाने की तैयारी कर रही थी और जल्द ही मेघना भी नहाकर मेरी बीवी की मदद के लिए आ गई।
वे दोनों रसोई में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी और मैं सोफे पर बैठकर टीवी देख रहा था।
जहाँ पर मैं बैठा हुआ था वहाँ से रसोई साफ साफ नजर आ रहा था और मेघना मुझे दिखाई दे रही थी।
उसने साड़ी पहनी हुई थी और मैं बार बार नजर मारते हुए उसकी कमर को देख रहा था।
फिर मेघना रसोई में ही जमीन पर बैठकर आटा गूंथने लगी और अचानक से उसका पल्लू नीचे गिर गया।
उसने अपना पल्लू सही नहीं किया और ऐसे ही आटा गूंथती रही।
वो नजारा देख मेरा लंड लूंगी में ही उसे सलामी देने लगा।
उसके बड़े बड़े बेहद गोरे दूध ब्लाउज में उछल कूद कर रहे थे और सामने दूध के बीच की लाइन देख मैं अपनी नजर हटा नहीं पा रहा था।
मेघना बिना मुझे देखे आटा गूंथ रही थी और मैं एक टक उसके भरे भरे दूध के उछलकूद को देख रहा था।
ऐसा लग रहा था कि उसके ब्लाउज में दूध समा ही नहीं रहे थे और किसी भी वक़्त ब्लाउज फाड़कर बाहर निकल आएंगे।
उस दिन तो सुबह सुबह ही मेरा दिन बन गया था ये सब देखकर!
काफी देर बाद मेघना की नजर मुझ पर पड़ी और उसने जल्दी से अपना आँचल ठीक किया।
फिर उसके बाद हम सबने खाना खाया और वो पहला दिन था जब मैंने मेघना को याद करते हुए अपनी बीवी को चोदा था.
लेकिन कहाँ मेघना का ताजा ताजा गदराया हुआ बदन और कहाँ मेरी बीवी का पतला दुबला पुराना शरीर!
लेकिन फिर भी मैं उसे मेघना सोचकर ही चोदा।
अब मेरी नजर मेघना पर ज्यादा ही जाने लगी थी और ऐसा कोई दिन नहीं जाता था कि मैं उनके घर नहीं जाता था।
मैं उसके पति से बात करता रहता था लेकिन मेरी नजर तो बस मेघना की जवानी पर ही टिकी हुई रहती थी।
अक्सर मैं उसके पति के साथ मजाक किया करता था- तुम मेरे साथ चला करो, मैं तुमको भी पहलवान बना देता हूँ. तुम मेघना को देखो कितनी हट्टी कट्टी है, तुम उसके बराबर हो जाओ।
इस पर मेघना भी बहुत मजे लेकर हँसती थी।
उसका पति बहुत ही सीधा साधा था और ज्यादा मजाक भी नहीं करता था.
इसके विपरीत मेघना काफी चंचल और बेबाक स्वभाव की थी।
2018 तक सब ऐसे ही चलता रहा.
और उसके बाद 2018 की होली आई और उस होली ने मेरी किस्मत के दरवाजे खोल दिए।
उस होली में वो हो गया जिसके बारे में मैं कभी नहीं सोचा था, केवल उसके सपने ही देखता था।
होली में मेरे और मेघना के बीच ऐसा कुछ हो गया जिससे हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए और मेघना के अंदर भी मेरे लिए कुछ जाग उठा था.
अब वह भी समझने लगी थी कि मैं उसे पसंद करता हूँ.
और उसकी नजर भी अब मेरे लिए बदल गई थी।
हुआ यूं था कि होली का त्यौहार हमारे यहाँ बहुत ही जोर-शोर से मनाते हैं और जमकर रंग खेलते हैं।
छोटा हो या बड़ा हो … सभी लोग बिंदास होली का मजा लेते हैं।
उस दिन सुबह ही मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ बाहर चला गया था और दोपहर तक फुल भांग के नशे में होकर घर आया।
घर आकर मैंने सभी लोग को भांग पिलाई जो मैंने पहले ही तैयार की हुई थी।
मैंने अपनी पत्नी, मेघना और उसके पति को भी जमकर भांग पिलाई और हम सभी लोग भांग के नशे में थे।
मेघना का पति तो जल्दी ही जाकर सो गया क्योंकि उसे ज्यादा ही चढ़ गई थी लेकिन इसके बाद शुरू हुआ हम लोगों का रंग खेलना।
आस पड़ोस के भी बहुत लोग हमारे यहाँ होली खेलने आये हुए थे।
तब मेघना भी बिंदास होकर रंग खेल रही थी और मजे ले रही थी.
पडोस की कई औरतों ने मेघना को बुरी तरह से रंग से भिगा दिया था और मेघना का गाउन पूरी तरह से उसके बदन से चिपक गया था।
वह नशे में थी और उसे इसका अहसास भी नहीं था कि मैं उसे बड़ी गंदी नजर से देख रहा था।
उसका भीगा हुआ गाउन उसके जिस्म से चिपक गया था और उसका अंग अंग बाहर झलक रहा था।
उसके दूध और दूध के निप्पलों की बनावट गाउन के बाहर से ही साफ साफ नजर आ रहे थे.
साथ ही उसके पेट में उसकी बड़ी सी नाभि और पीछे उभरी हुई बड़ी सी गांड सब कुछ भीगा हुआ गाउन से साफ साफ झलक रहा था।
पड़ोस की औरतें होली खेलने के बाद चली गई.
फिर मेरी बीवी और मेघना साथ में एक दूसरे के साथ होली खेलने लगी।
इसके बाद मेरी बीवी भी अंदर नहाने के लिए चली गई.
और तभी मैंने अपने हाथों में ढेर सारा रंग लिया और मेघना की तरफ बढ़ गया।
उस वक्त मैं भी भांग के नशे में था और मेघना भी!
तब हमारे आंगन में मेरे और मेघना के सिवा कोई भी नहीं था.
मेरे लिए यह मेघना के साथ होली खेलने का बेहतर मौका था।
मैं मेघना के पास पहुँचा.
उस वक्त मेघना अपने गाउन को सही कर रही थी.
तभी पीछे से मैंने उसे दबोच लिया और उसके चेहरे पर रंग लगाने लगा।
मेघना मुझसे छूटने के लिए कोशिश करती रही और इसी दौरान वो मुझसे छूटने के लिए जरा सा झुक गई।
उसके झुकते ही उसकी गांड मेरे लंड से आकर सट गई और उसकी गद्देदार गांड का स्पर्श पाकर मैं उससे चिपक गया।
मैं लगातार उसके गालों पर रंग लगा रहा था और वह अपने चेहरे को छुपा रही थी.
लेकिन नाकाम थी।
अचानक मेरी पकड़ ढीली हुई तो वह आगे बढ़ने लगी.
लेकिन मैंने एक हाथ उसकी कमर पर डालकर उसकी कमर जकड़ लिया और एक हाथ से ही उसे रंग लगाने लगा।
हम दोनों के बीच ऐसे ही हँसी मजाक चल ही रहा था कि अचानक मेघना ने मेरे हाथ को झटका दिया और मेरा हाथ उसके गले पर चला गया और फिर एक झटके में ही उसके गाउन के अंदर चला गया।
वह झुकी हुई थी इसलिए मेरा हाथ बिना रोकटोक के उसके दूध तक पहुँच गया।
हालांकि ये सब अनायास ही हुआ था लेकिन मैंने उस वक्त का फायदा उठा लिया और उसके एक दूध को मसल दिया।
जैसे ही मैंने उसके दूध को मसला, वह उछल गई और जमीन पर बैठ गई और मैं भी उसके ऊपर बैठ गया।
मैं बिल्कुल उससे चिपका हुआ था और मेरा हाथ अभी भी उसके गाउन के अंदर था।
मेघना- आआआ … अंकल छोड़िए मुझे!
मैंने भी उस मौके का फायदा उठाकर दो तीन बार अच्छे से उसके दूध को मसल दिया और फिर हाथ बाहर खींच लिया।
मैं उठकर दूर हो गया और सोचा कि मेघना कुछ कहेगी या उसे शर्म आएगी और वह भाग जाएगी या फिर वह मुझपर इस हरकत के लिए गुस्सा करेगी.
लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उल्टा!
मेघना गई और दोनों हाथों में गुलाल भरकर हँसती हुई मेरी तरफ दौड़ी और मुझे गुलाल लगाने की कोशिश करने लगी।
मैंने उसकी दोनों कलाइयों को अपने हाथों से जकड़ लिया और उसके हाथ को ऊपर की तरफ उठा लिया।
मुझे गुलाल लगाने के लिए वह जोर लगा रही थी और बोल रही थी- रुकिए अंकल, आज तो आप नहीं बचने वाले मुझसे!
वह बहुत जोर लगा रही थी लेकिन भले ही वह हट्टी कट्टी शरीर की थी लेकिन मेरे पहलवाली शरीर का मुकाबला नहीं कर पा रही थी।
ऐसे ही हम दोनों में जोर-आजमाइश चल रही थी और मैंने उसके दोनों हाथों को ऊपर तक उठा रखा था और अचानक उसका सीना मेरे सीने पर आकर चिपक गया।
उसके दोनों बड़े बड़े दूध मेरे सीने पर दब गए थे.
और मैं इस मौके का फायदा उठा रहा था और जानबूझकर उसे नहीं छोड़ रहा था।
उसके दोनों नुकीले निप्पल मेरे सीने पर चुभ रहे थे और दोनों दूध मेरे सीने पर दबे जा रहे थे।
काफी देर तक वह मुझसे ऐसे ही जोर-आजमाइश करती रही और फिर थककर वह हार मान गई और अपने आप को ढीला छोड़ दिया।
मैं उसकी कलाइयों को पकड़े हुए ही था और वैसे ही उसे पलटा दिया।
अब फिर से उसकी गांड मेरे लंड से सट गई और मैं उसके हाथों को उसके ही गालों पर मसलने लगा।
मैंने उनका गुलाल उसके ही चेहरे पर लगा दिया था और इस बीच उसके गद्देदार गांड का मजा भी ले रहा था।
उसके मस्त भरे हुए बदन को जकड़ने का अलग ही मजा आ रहा था।
इसके बाद मैंने उसकी यंग हॉट बॉडी को तब छोड़ा जब उसने खुद कहा- हो गया अंकल … मैं हार गई।
इस दौरान मैंने उसके दूध गांड और गदराए बदन का भरपूर आनंद ले लिया था।
उसके बाद हम लोग नहाने के लिए अपने अपने घर चले गए और ये सब मजाक तक ही रह गया।
लेकिन उसके बाद मेघना का मुझे देखने का अंदाज बदल सा गया था अब वह जब भी मुझे देखती तो उसके चेहरे पर अजब ही मुस्कान आ जाती और वह तिरछी नजर से मुझे देखती।
मैं भी उसे देखकर मुस्कुराता.
अब हम दोनों के बीच अलग ही खेल चलने लगा था।
मैं भी इतना बेवकूफ नहीं था कि उसकी इन अदाओं को भाम्प नहीं सकता था क्योंकि उससे पहले मैंने कई औरतों का सुख प्राप्त किया था।
अब मैं समझ चुका था कि मेघना इतनी सीधी साधी भी नहीं है।
उसका मुझे इस प्रकार से देखना मुस्कुराना अलग ही तरफ इशारा था।
वैसे भी उस जैसी हेल्दी गदराई लड़की को उसके पतले दुबले पति से कितना पति सुख मिलता होगा.
मेरी उम्र भले ही 50 पार है लेकिन मेरा पहलवानी वाला शरीर दिखने में अच्छे अच्छे नौजवान लड़कों को फेल कर देता है।
औऱ अगर देखा जाए तो मेघना जैसी गदराई हुई लड़की को मेरे जैसे हट्टे कट्टे शरीर की ही जरूरत थी जो उसे अच्छे से दबदबा कर उसकी गर्मी निकाल सके।
उसके पति में इतनी ताकत तो नहीं ही है कि उस जैसी लड़की को संतुष्ट कर सके।
इसके बाद मेरे और मेघना के बीच ये सब चलता ही रहा और मुझे यकीन हो गया था कि मेघना आराम से मुझसे सेट हो जाएगी।
और अगर ऐसा होता तो मेघना पहली ऐसी लड़की होती जो उम्र में मुझसे आधी थी और जो इतनी ज्यादा खूबसूरत थी जो मुझे बेहद पसंद थी और मैं उसके लिए लार टपकाता था।
हम दोनों के बीच ऐसा हँसना देखना सब चल रहा था.
लेकिन कोई अपने से पहल नहीं कर रहा था, न मेघना ही मुझे कुछ कह रही थी और न ही मैं उसे कुछ कह पा रहा था!
इसका मुख्य कारण था हम दोनों के बीच में उम्र का फासला।
लेकिन दोस्तो, ये सब दूरी भी कम हुई और वह दिन भी आ गया जब मैं और मेघना करीब आ गए और मैं मेघना को चोदने में सफल हो गया.
और करीब तीन साल तक मैंने मेघना की जमकर चुदाई की और उस खूबसूरत हसीन लड़की के गदराए बदन को बिल्कुल निचोड़ डाला।
बाद में मेघना ने ही मुझे बताया कि उसका पति उसे 5 मिनट से ज्यादा नहीं चोद पाता है और वह बस तड़प कर रह जाती है।
मैंने मेघना की उस तड़प को दूर भी किया और उसे चुदाई का असली मजा भी दिया।
अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि किस तरह मैं और मेघना करीब आये; किस तरह से हम दोनों के बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ और कैसे हम दोनों ने एक दूसरे के साथ चुदाई का भरपूर आनंद लिया।
यंग हॉट बॉडी का मजा कहानी पर आप अपने विचार हर भाग में बताते रहिएगा।
यंग हॉट बॉडी का मजा कहानी का अगला भाग:
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