दोस्त की बॉस संग मेरा यौन प्रसंग- 2
(Xxx Padosan Chudai Kahani)
Xxx पड़ोसन चुदाई कहानी में पढ़ें कि एक लड़की को मैंने अपने घर के पास फ्लैट दिलवाया. उससे मेरी दोस्ती हो गयी। एक दिन जब हम दोनों की हवस की चिंगारी भड़की तो …
दोस्तो, मैं रौनक अपनी सेक्स कहानी के पहले भाग
दोस्त की बॉस के साथ मुखमैथुन
में आपको बता रहा था जिसके पहले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी दोस्त की बॉस रश्मि के साथ मेरा प्रेम प्रसंग चालू हो गया था लेकिन अभी तक मैं उसकी चुदाई नहीं कर पाया था।
अब आगे Xxx पड़ोसन चुदाई कहानी:
इससे पहले कि हमारे बीच कुछ और हो पाता, सुरेश का फोन मेरे पास आ गया।
वो कहने लगा कि रश्मि को ऑफिस के काम में हेल्प की जरूरत है, अगर कर सको तो!
मैं तो उसको ना कह ही नहीं पाया क्योंकि रश्मि के साथ रहने का मौका मिल रहा था।
मैं अगले दिन उसके घर पहुंच गया।
वो लैपटॉप को अपनी गोद में रख बैठी उस पर काम कर रही थी।
मैं जाकर बैठ गया और उसने पांच मिनट इंतजार करने को कहा।
फिर उसने जल्दी से काम खत्म कर लैपटॉप को बंद कर दिया।
उसने पूछा- क्या हुआ, उस दिन के बाद तो तुम बिल्कुल भूल ही गए?
मैंने कहा- नहीं, बस वो ऑफिस के काम बिजी रहता था।
रश्मि बोली- थोड़ा बहुत टाइम तो निकाला ही जा सकता है, खैर … ये बताओ कि इतनी गर्मी में बालकनी में बैठकर काम क्यों करते हो?
मैं बोला- नेटवर्क की दिक्कत है।
फिर वो बोली- सुरेश और मैंने इस बारे में बात की थी, मुझे भी यहां अकेली से सारा काम नहीं होता है, तुम्हारी हेल्प चाहिए थी। तुम चाहो तो यहीं से अपना काम भी कर सकते हो।
फिर हम दोनों में कुछ और फॉर्मल बातें हुईं और वो उठकर किचन में चाय बनाने चली गई।
तब तक मैं अपने मोबाइल में मैसेज चेक करने लगा।
वो चाय लेकर आई और हम चाय पीते हुए बातें करने लगे।
तब वो कहने लगी कि काम करने के बदले में वो पेमेंट भी करेगी।
हम दोनों में सब कुछ तय हो गया।
अगले दिन से उसने काम पर आने को कहा।
मैं अगले रोज 9 बजे उसके रूम पर पहुंच गया।
मैंने रोज की तरह ही टीशर्ट और लोअर पहनी थी, नीचे से अंडरवियर भी नहीं पहना हुआ था।
हम दोनों काम में लगे हुए थे और कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
उस दिन दारू के नशे में जो चूसा-चाटी हुई थी, उसके बारे में जैसे दोनों ही शर्मिंदा हो रहे थे।
फिर भी मेरी नजर उसके जिस्म से नहीं हट रही थी।
उसने सफेद टीशर्ट पहनी थी और माइक्रो मिनी लोअर पहनी थी।
शायद नीचे से उसने ब्रा नहीं पहनी थी और उसके चूचे हल्के झुकाव में ही जैसे टीशर्ट के अंदर झूल जाते थे।
कुछ देर काम करके वो नाश्ता लाने चली गई।
हमने साथ में नाश्ता किया लेकिन पानी पीते वक्त उसकी टीशर्ट पर पानी गिर गया और वह गीली हो गई।
गीली होते ही टीशर्ट में से उसके गोल गोल गुंबद अलग से चमकने लगे।
मेरे लंड में हलचल शुरू हो गई और वो तनाव में आने लगा; लंड कुछ ही पल में पूरा तन गया।
इतने में वो मेरे पास आई और मेरा लैपटॉप हटाते हुए अपना लैपटॉप एकदम से मेरे लंड पर रखते हुए बोली- ये शीट देखना जरा!
दोस्तो, जैसे ही उसने लैपटॉप रखा, सीधा मेरे लंड पर चोट लगी और मैं आह करके एकदम से लंड को पकड़ कर बैठ गया।
उसे भी लगा कि गलत जगह पर चोट लग गई।
वो जल्दी से बर्फ लेकर आई और मेरी लोअर नीचे खींचकर लंड को बाहर निकाल लिया।
वो बर्फ से मेरे लंड को सेंकने लगी।
मुझे थोड़ी राहत मिली।
लंड का दर्द कम हुआ तो मैंने कहा- ठीक है अब, हटा लो बर्फ को!
बर्फ लगने से मेरा लंड वापस से सुप्तावस्था में चला गया था और मुझे शर्म भी आ रही थी।
वो बोली- आज इतना क्यों शर्मा रहे हो, पहले भी हमारे बीच बहुत कुछ हो चुका है।
ये बोलकर वो एकदम से मेरे गले से लग गई और मैंने भी उसको बांहों में भर लिया।
जल्दी ही हम दोनों एक दूसरे से लिपटते हुए किस करने लगे।
फिर मैं उसे उठाकर बेडरूम में ले गया और पलंग पर पटक दिया।
हम दोनों जल्दी से नंगे हुए और एक दूसरे के जिस्मों से लिपटने लगे। हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुंह से लार खींच रही थी।
आज किसी दारू का नशा नहीं था … केवल प्यार का ही नशा सिर चढ़ा हुआ था।
हमारी किस जितनी लम्बी होती जा रही थी, धड़कनें उतनी ही तेज होती जा रही थीं।
उसने मेरे शरीर के अंग-अंग को चूमकर ताज़ा कर दिया।
मेरा लन्ड अब अपने पूरे उफान में आ गया था।
मैंने भी उसके स्तनों को थाम लिया और उन्हें पकड़ कर चूसने लगा।
चूस चूसकर मैंने उसकी चूचियों को पूरी लाल कर दिया।
फिर रश्मि मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी और लंड पूरा अकड़ गया।
आज वो शायद कोई देर करने के मूड में नहीं लग रही थी, उसने मेरे लंड को पूरा थूक और लार में सराबोर कर दिया था।
जल्दी से उसने लंड मुंह से निकाला और मेरे ऊपर आकर लंड को चूत पर लगाकर बैठ गई।
मेरा लंड उसकी चूत में उतर गया और वो लंड की सवारी करने लगी।
उसकी चूत काफी टाइट लग रही थी।
मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समा चुका था।
वो तेजी से लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी।
पूरे कमरे में उसकी आहह … आह्ह … की सिसकारियां गूंजने लगीं।
उसकी चूत से लगातार कामरस निकल रहा था जो मेरे लंड को चिकना बनाए रखने में मदद कर रहा था।
कुछ देर की सवारी के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसकी लम्बी सी आह्ह … निकल गई।
हांफती हुई वो मेरे ऊपर झुकी और मेरे होंठों को चूसने लगी।
उसका जोश ठंडा हुआ तो मैंने मोर्चा संभाला।
मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा।
वो कुछ देर में फिर से मजा लेने लगी और अपनी कमर उछालकर मेरा साथ देने लगी।
कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल दिया और उसको खींचकर पलंग के किनारे पर कर लिया।
खुद मैं नीचे खड़ा हो गया और फिर से उसकी चूत में लंड को धकेल दिया।
मैं उसकी टांगें थामकर चोदने लगा।
फिर चोदते हुए मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया और अंदर तक लंड को पेलने लगा।
पट-पट की आवाज से रूम गूंज रहा था।
कुछ ही देर में फिर से उसकी चूत से पानी बह निकला।
अब धीरे धीरे मैं भी चरम की ओर बढ़ने लगा।
मैंने उससे पूछा कि कहां निकालना है?
तो उसने अंदर ही निकालने के लिए कह दिया।
अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड पूरी तेज कर दी।
चोदते हुए मैं उसकी चूत में खाली हो गया।
मैं जोर से हांफ रहा था और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया।
हम दोनों एक दूसरे के आगोश में लिपटे रहे।
कुछ देर के बाद रश्मि ने मेरे सोए पड़े लंड को फिर से हाथ से सहलाना शुरू कर दिया।
वो उसे ऐसे दुलार रही थी जैसे किसी छोटे बच्चे को दुलारते हैं।
धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को चूमने लगे और फिर से 69 की पोजीशन बन गई।
वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को!
उसकी चूत का रस बहकर उसकी गांड के छेद तक चला गया था।
अब मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और दूसरी गांड में।
दोनों छेदों में मजा आने से वो जल्दी से गर्म होने लगी।
वो जोर जोर से लंड को चूसने लगी।
मैंने भी लगातार उसकी चूत और गांड को उंगली से चोदना जारी रखा।
चुदाई के दूसरे राउंड की तैयारी हो गई।
मैंने उसको घोड़ी बना लिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को दे दिया।
मैं उसे चोदने लगा और जल्द ही लंड उसकी चूत के रस में चमकने लगा।
फिर मौका देख मैंने लंड को उसकी गांड पर रख दिया।
मेरी उंगलियों ने उसकी गांड ढीली करने का काम पहले ही कर दिया था।
अब काम करने की बारी लंड की थी।
मैंने हल्का सा लंड उसकी गांड के छेद में डाला और वो उछल पड़ी।
वो मना करने लगी लेकिन मैंने उससे रिक्वेस्ट करके मना लिया; फिर मैंने आधा लंड गांड में घुसा दिया।
धीरे-धीरे करके पूरा लंड उसकी गांड में चला गया।
उसको दर्द तो बहुत हो रहा था लेकिन धीरे धीरे फिर मजा भी आने लगा।
कुछ ही देर में वो गांड चुदाई में असीम आनंद लेने लगी।
मुझे भी उसकी गांड चोदकर असीम सुख मिल रहा था।
मैं पीछे से दोनों हाथों से उसकी चूचियों को दबा रहा था और गांड मार रहा था।
कुछ देर चोदने के बाद मैं नीचे बेड पर लेट गया और उसको लंड पर बैठने के लिए कहा।
Xxx पड़ोसन मेरे लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होते हुए चुदने लगी।
कुछ देर में ही उसकी गांड की गर्मी ने मेरे लंड को पिघला दिया और मेरे वीर्य की पिचकारी उसकी गांड में ही निकल गई।
उसकी गांड का छेद पूरा मेरे वीर्य से भर गया।
हम दोनों कुछ शांत हो चुके थे और बिस्तर हम दोनों के कामरस में भीग चुका था।
उसने मेरे लंड को चूत में लिया हुआ था और बस पड़ी हुई थी।
ऐसा लग रहा था जैसे उसने लंड को पूरा निचोड़ लिया हो और मैंने उसकी चूत को निचोड़ लिया हो।
हम दोनों अब हिलने-हिलाने की हालत में नहीं थे।
कुछ देर बाद उसने लंड को गांड में से निकलवा लिया और सिर उठाकर मुझे देखा और मेरे दिल वाली जगह पर छाती के ऊपर एक किस कर दिया।
हम दोनों के होंठ फिर से मिल गए और एक दूसरे का रस पीने लगे।
अब दोनों के चेहरे पर संतुष्टि की शांति छा गई थी।
कुछ देर किस करने के बाद हम उठे और दोनों बाथरूम में गए; गीजर ऑन करके हम नहाने लगे।
हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को प्यार से धो रहे थे।
वहीं बाथरूम में मैंने उसकी चूत और गांड की सिकाई गर्म पानी से की।
नहाने के बाद हम बाहर आए और पलंग पर चढ़ गए।
लेकिन चादर गीली थी तो रश्मि ने चादर को बदल दिया और फिर हम लेटकर एक दूसरे की बांहों में आराम करने लगे।
उस दिन फिर 4 बजे के करीब प्रिया का फोन मेरे पास आया कि रश्मि का फोन नहीं लग रहा है।
वो कहने लगी कि रश्मि को पांच बजे की मीटिंग के बारे में बता दे।
मैंने आधी नींद में ही प्रिया को ओके बोल दिया और फोन रख दिया।
फिर हम दोनों की नींद टूट चुकी थी।
वो उठी और किचन में मैगी बनाने लगी।
5 बजे से मीटिंग थी।
उसने खाने के बाद मीटिंग की और मैं भी ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद चलने लगा।
रश्मि ने मुझे वहीं रुकने के लिए कहा।
मैं बोला- एक शर्त पर रुकूंगा।
वो बोली- क्या?
मैंने कहा- हम दोनों पूरे समय नंगे ही रहेंगे।
उसने हंसकर हां बोल दिया।
फिर हमने एक दूसरे को तब के तब ही नंगा करना शुरू कर दिया।
मैंने उसके कपड़े उतारे और उसने मेरे! फिर हमने लाइट को बंद कर दिया।
रश्मि ने पर्दे लगा दिए और धीमी रोशनी वाले बल्ब को चालू कर दिया।
वो आकर मेरी गोद में बैठ गई।
मैंने उसके स्तनों को थाम लिया और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा।
उसके बाद हम दोनों पूरे जोश में आ गए और फिर से चोदम-चोदा चल पड़ी।
रात के खाने से पहले मैंने जमकर उसकी चूत चोदी।
फिर रात को खाने के बाद फिर से एक बार चुदाई की और रात में नंगे ही पड़े सोते रहे।
सुरेश जब तक वापस नहीं लौटा हम दोनों में खूब सेक्स हुआ।
इस बीच रश्मि ने मुझे एक नयी बात बताई।
वो बोली कि एक और लेडी है जो हम दोनों को सेक्स में जॉइन करना चाहती है।
दोस्तो, अभी इस कहानी में इतना ही लिख रहा हूं।
आगे आने वाली कहानियों में बताऊंगा कि रश्मि और मेरे बीच क्या क्या हुआ।
ये भी आपको बताऊंगा कि वो दूसरी औरत कौन थी।
आपको यह Xxx पड़ोसन चुदाई कहानी कैसी लगी, अपने मैसेज और कमेंट्स में जरूर बताना।
आप अपनी प्रतिक्रियाएं लिखना न भूलें।
मुझे आप सबके मैसेज का इंतजार रहेगा।
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