पड़ोस की आंटी मुझे पटाकर लंड खा गयी
(Sexy Aunty Xxx Kahani)
सेक्सी आंटी Xxx कहानी में पड़ोस की एक तलाकशुदा लेडी ने मुझे अपनी जवानी और जिस्म के जाल कर फंसाकर मेरे बड़े बड़े लंड का मजा ले लिया.
दोस्तो, भाभियो, आंटियो और लड़कियो … मेरा नाम वरुण है. यह नाम बदला हुआ है. मेरी उम्र 25 वर्ष है.
असल में सेक्स शब्द सुन ना जाने क्यों कुछ लड़कियां थोड़ी डर जाती हैं लेकिन यकीन मानिए सेक्स एक बीमारी नहीं, जरूरत होती है.
सेक्स की जरूरत पुरुष और स्त्री दोनों में बराबर से होती है.
बस मैं स्त्रियों की इस जरूरत को बखूबी पूरी कर देता हूँ; उनके पूरे सम्मान के साथ उन्हें चोदकर ठंडा कर देता हूँ.
मैं एक आम गरीब परिवार का लड़का हूँ.
मेरे जैसे युवा के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहर में पढ़ना मुश्किल रहता है.
मुझे घर से पैसे की उम्मीद न के बराबर थी.
खुद कुछ न कुछ करके अपनी पढ़ाई कर रहा था. कभी दोस्तों से उधार ले लेता, तो कभी छुप कर कुछ पार्ट टाइम काम करके अपना काम चला लेता था.
एक साल तो कैसे भी करके निकल गया.
कुछ दोस्त भी बने, एक गर्लफ्रेंड भी बन गई थी. गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स भी कर चुका था.
मैं एक आम ज़िन्दगी जी रहा था.
मेरी बॉडी सामान्य है लेकिन लंड थोड़ा बड़ा है. इसकी मैं मालिश भी करता रहता हूँ.
मेरी गर्लफ्रेंड मेरे लंड से न केवल संतुष्ट थी बल्कि ये भी कहती थी कि इस पर ताला डाल कर रखूँगी.
मैं हंस देता.
सेक्सी आंटी Xxx कहानी शुरू ऐसे हुई.
एक दिन ऐसा हुआ कि मैं दुकान से कुछ सामान लेने गया था और मेरे पास पैसे कम पड़ गए थे.
वहीं एक महिला खड़ी थीं. उनका नाम ममता आंटी था. ये भी बदला हुआ नाम है.
ममता आंटी थीं तो 48 साल की, लेकिन लगती बस 35 के आस पास की थीं.
उन्होंने न जाने क्यों … मेरे पैसे दुकानदार को दे दिए.
मैंने उन्हें काफी मना किया.
पर उन्होंने कहा- अरे डियर, मैं आपकी बिल्डिंग के बगल वाली बिल्डिंग में रहती हूँ … कभी भी आकर लौटा देना.
मैंने भी सोचा कि ठीक है.
वो मुझे तिरछी निगाहों से देखती हुई चली गईं.
उनके जाने के बाद मेरी मोमबत्ती जल उठी कि आंटी ने ये क्यों कहा कि मैं उनके बाजू वाली बिल्डिंग में ही रहता हूँ. इसका मतलब आंटी मुझ पर नजर रखती हैं.
उस वक्त तक इतनी समझ मुझे आ चुकी थी कि इस उम्र की महिलाएं कुछ ज्यादा चंचल ही जाती हैं.
फिर आंटी का वो पलट कर मुझे तिरछी नजरों से देखना अन्दर तक हिला गया था.
दो दिन बाद मेरे पैसे आने पर शाम में मैं उनके घर गया.
आंटी ने गेट खोला.
तब मैं उन्हें देख कर एकदम से चौंक गया.
सच में क्या माल लग रही थीं वो!
मैंने तब आंटी को ध्यान से देखा.
उनकी 34-30-36 की बॉडी शेप, कटीली और नशीली आंखें, भरे हुए चूचे, आधी लटकी और खुली सी नाइटी हाथों में वाइन का पैग.
‘अरे तुम … आओ आओ अन्दर आ जाओ.’
मैंने कहा- नहीं आंटी, मैं कल आता हूँ.
वो हंसी और बोलीं- अरे यार इतनी बूढ़ी हूँ क्या मैं? आंटी मत कहो प्लीज़ … एक एक्स्ट्रा पैग लेना पड़ेगा.
फिर वो हंसने लगीं.
मैंने झेंप कर कहा- ऐसा नहीं है मैम सॉरी!
‘लीव इट … अन्दर आओ.’
और उन्होंने मुझे खींच कर अन्दर घसीट लिया, अन्दर लाकर सोफे पर धकेला और उन्होंने पूछा- वाइन या रम?
मैंने बोला- आपके गिलास में क्या है?
वो बोलीं- रम.
मैं बोला- फिर वही सही है.
वो फिर से हंस कर एक खाली गिलास में रम भरने लगीं.
बात बात में उन्होंने मेरे कॉलेज, गर्लफ्रेंड, दोस्त घर की हालात सबके बारे में जान लिया.
मैंने भी उनके सेपरेटिड हाउस वाइफ होने की बात को समझ लिया.
साथ में वो एक बड़ी कंपनी की बड़ी अधिकारी हैं, यह भी जान लिया.
उन्होंने कहा- डोंट वरी … सब ठीक हो जाएगा.
बातों बातों में समय का पता नहीं चला, मेरे अन्दर तीन पैग जा चुके थे, ख़ासा नशा हो गया था.
मैंने लड़खड़ाती जुबान में कहा- अब मैं चलता हूँ मैम!
वो बोलीं- किधर जाओगे यार … रुको ना आज … पता है मैं क्यों पी रही हूँ?
मैंने बोला- नहीं.
उन्होंने कहा- आज मेरी शादी की सालगिरह है.
ये कहते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए.
पता नहीं वो हिम्मत मेरे अन्दर कहां से आई.
मैंने उनके हाथों में हाथ रखा और कहा- डोंट वरी, सब ठीक हो जाएगा. मैं हूँ ना!
उन्होंने मेरी आंखों में देखा और मुझे खींच कर एक किस कर लिया.
उनके होंठ मेरे होंठों से जुड़े रहे.
मैं भी उनके होंठों के रस का मजा लेने लगा.
दो मिनट तक हमारा चुम्बन चलता रहा.
अचानक से उन्हें कुछ होश आया और वो हट गईं.
मैंने आगे बढ़ उनके होंठों को वापस किस किया.
इस बार किस पूरी मस्ती में हुआ और न केवल हमारे होंठ एक दूसरे से गुंथ गए थे बल्कि जुबान का रस भी एक दूसरे के अन्दर आने जाने लगा था.
मेरा एक हाथ उनके चूचे के आकार को महसूस करने लगा था और दूसरा हाथ बालों में गर्दन पर चलने लगा था.
उन्होंने मुझे 5 मिनट बाद सोफे पर धकेल दिया और अपनी नाइटी उतार दी.
क्या जिस्म था उनका … एकदम तराशा हुआ.
चूचे एकदम तने हुए थे और जंघाएं केले के तने सी सुडौल … चूत फिलहाल चड्डी में कैद थी.
मेरी नजर उनकी टांगों के बीच का जायजा लेने लगी थी.
उनकी चूत की पहाड़ी फूली हुई थी और भीगी हुई थी.
जरा ऊपर नजर गई तो मेम की कमर पर काला तिल उनकी खूबसूरती को ओर बढ़ा रहा था.
अधखुली नाइटी को उतार कर वो झूमती हुई उठीं और मेरी गोद में सीने से सीना लगाती हुई आ गईं.
मेरा हाथ उनकी कमर से होता हुआ उनकी गांड पर चला और उनकी गांड की गोलाई नापने लगा था.
वो लगातार मुझे किस किए जा रही थीं.
होंठों पर, गर्दन पर, छाती पर उनके होंठ चल रहे थे … साथ में वो दांतों से हल्के हल्के मेरे बदन को जहां-तहां काटती भी जा रही थीं.
कुछ देर बाद उन्होंने मेरी पैंट का हुक खोल दिया.
मैं उन्हें उठा कर खड़ा हुआ और अपनी पैंट उतार दी.
अब मैं अंडरवियर में उनके सामने था.
उन्होंने घुटने के बल बैठ कर एक झटके में मेरी वो अंडरवियर भी खींच कर उतार दी.
‘आह … सच में … साइज़ तो काफी अच्छी है!’
यह कह कर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया.
आह निकलने की अब मेरी बारी थी.
ज़िन्दगी में पहली बार लंड ने किसी भूखी शेरनी के मुँह का जायजा लिया था.
वो सेक्स में काफ़ी माहिर मालूम होती थीं.
कई भारतीय महिलाएं मुख मैथुन में काफ़ी घबराती हैं या करती भी हैं तो सही से करना नहीं जानती हैं.
पर ममता आंटी ऐसी नहीं थीं.
दो मिनट के उनके इस प्रयास ने मेरे लंड को और दुगना कड़क कर दिया था.
मगर हम दोनों में से कोई भी जल्दबाज़ी ना दिखाते हुए एक समझदार सेक्स का मजा लेना चाहते थे.
मैंने उनके ऊपर होकर उनकी चूची को धीरे धीरे काटना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे नीचे जाते हुए जीभ से उनकी नाभि की गहराई लेने लगा.
उनकी मस्ती में आंखें बंद हो चुकी थीं.
उनकी पैंटी से अपनी नाक को रगड़ते हुए धीरे धीरे मैंने उनकी पैंटी उतार दी.
आह … सामने क्या मस्त कचौड़ी सी फूली हुई चूत थी.
एकदम सफाचट चूत पर एक भी बाल नहीं.
चिपकी हुई फांकें और चूत का चीरा बस तीन इंच का.
उन्होंने तभी अपनी जांघों को जुम्बिश दी तो चूत की फांकें जरा सा खुल गईं.
मेम की चूत यह साफ़ बता रही थी कि उनकी कम से कम दो संतानें हुई होंगी.
साथ में वो सेक्स का उपयोग साप्ताहिक रूप से तो जरूर करती होंगी.
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी और चूत के दाने को होंठों में दबा कर चूसने लगा.
मेम की मादक आह निकल उठी- आह आह … इस्स्स … म्म्म्म ऐसे ही करो.
उनके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं जिससे उत्तेजित होकर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत से फिराते हुए उनकी गांड के छेद पर लगा दी.
वो मस्ती में पागल हो गईं- ह्म्म्म आम्म म्म्म्म आह … मर गई … आह.
यह कर उन्होंने मेरा मुँह अपने गांड वाले छेद पर दबा दिया.
उनकी चूत से बहता रस गांड तक आ रहा था जो नमकीन स्वाद का और काफी स्वादिष्ट लग रहा था.
मैंने उनकी आंखों में देख कर उनसे अनुमति मांगी.
उन्होंने भी सहमति में सर हिला दिया.
मैंने लंड के टोपे को उनके चूत के मुँह पर रख उनके पैर जांघों के जोड़ से फैलाया और कमर पकड़ कर एक धक्का लगा दिया.
‘आह आ आह …’
सेक्सी आंटी की Xxx आवाज़ उनकी कामुकता के स्तर को बता रही थी.
मैंने अब उनका एक पांव अपना कंधे पर रख लिया और धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
‘उम्म हम्म्म आह आह … यस ऐसे ही करते रहो …’ वो चुदाई का मजा लेती हुई अपनी वासना भरी आवाजें निकालती रहीं.
मैं सेक्स में एक्सपर्ट हूँ, मुझे पता था कि लम्बे समय तक एक ही पोजीशन में सेक्स करने से सेक्स का मज़ा कम हो जाता है.
मैंने उनको उठा कर अपनी गोद में बैठा लिया.
अभी भी मेरा लंड उनकी चूत में ही था.
हमारे होंठ एक दूसरे के होंठों से बंद थे.
वो कमर हिला कर मेरे लंड को अपने चूत की गहराइयों में ले जा रही थीं और मैं नीचे से धक्के देकर इसमें मदद कर रहा था.
मैंने फिर से पोजीशन बदल ली.
अब मैं उनके साइड में आकर लेट गया और उनके एक पांव को अपनी कमर पर रख कर धक्का लगाना जारी रखा.
वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थीं.
कुछ चुदाई में 15 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे.
मेरा स्टेमिना देख कर वो अब ‘उम्म हम्म्म बस रुको …’ बोलने लगी थीं.
मैंने उनकी चूत से लंड निकाल उनके मम्मों के बीच लगा दिया.
वो मम्मों से उसे रगड़ने लगीं.
ना जाने क्या बात थी उनके मम्मों में … मैं एकदम से छूटने को आ गया.
मैंने पूछा- कहां?
उन्होंने कहा- मेरे बूब्स पर!
मैं वहीं पर माल निकाल बिस्तर पर लेट गया.
मेरे बगल में सेक्सी आंटी हांफ रही थीं.
कुछ मिनट बाद वो वाशरूम जाकर ख़ुद को साफ़ कर आईं.
उसके बाद उन्होंने एक एक पैग बनाया और हम दोनों ने एक दूसरे को देखते हुए बिना कुछ बोले खत्म किया.
मैंने उठ कर कपड़े पहन लिए.
फिर उनकी ओर मुड़ा तो वो मोबाइल पर बिजी हो गई थीं.
मैं बिना कुछ बोले हुए वहां से चल दिया.
यह थी मेरे जीवन की ये सच्ची घटना!
आपको मेरी सेक्सी आंटी Xxx कहानी कैसी लगी, आप मेल करके मुझे बता सकते हैं.
मेरी मेल आईडी है
[email protected]
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